मोटी चमड़ी वाले ही राजनीति में टिक सकते हैं: दिग्विजय

  • बोले- दृढ़ विश्वास के लिए गाली खाने के लिए भी तैयार रहें

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच गाली खाने की पावर ऑफ अटॉर्नी को लेकर हुए संवाद के बाद छिड़ा विवाद पूरी तरह से थमने का नाम नहीं ले रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को एक पोस्ट कर इस मुद्दे को फिर जिंदा कर दिया है। सिंह ने अलसुबह सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर पोस्ट किया कि जिन राजनेताओं की चमड़ी मोटी नहीं होती वे राजनीति में टिक नहीं पाते। सार्वजनिक जीवन का मूल सिद्धांत है। आप जिस पर विश्वास करते हैं उस पर दृढ़ रहें और अपने दृढ़ विश्वास के लिए गाली खाने के लिए भी तैयार रहें।
गांधी जी की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उनमें दृढ़ विश्वास का साहस था! अब कहां हैं ऐसे राजनेता? दुखद। सिंह के इस पोस्ट के बाद एक फिर कई कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर दिग्विजय सिंह का इशारा किसकी तरफ है। इधर, भले ही पीसीसी चीफ ने यह कहकर कि हमने मंच पर हास परिहास किया था इस मुद्दे को दबाने की कोशिश की हो लेकिन सिंह के पोस्ट से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वे चाहकर भी इस गाली खाने की पावर ऑफ अटॉर्नी वाली बात को अपने मन से निकाल नहीं पा रहे हैं।
बार बार उन्हें ये बात याद आ रही है।

भाजपा नेताओं के बच्चे विदेशों में पढ़ रहे पर उन्हें गरीबों की पढ़ाई से चिढ़ : खेड़ा

राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस लगातार एक के बाद एक गारंटी लांच कर रही है। बीजेपी इन गारंटियों पर सवाल उठा रही है। वहीं, एआईसीसी के मीडिया कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने पूछा कि बीजेपी को गारंटी शब्द से इतनी नफरत क्यूं। खेड़ा ने कहा कि समझ नहीं आता बीजेपी के नेताओं को इस गारंटी से क्या परेशानी है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं के बच्चे अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा लेकर विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं और गर्व के साथ भाजपा नेता अपने बच्चों की फोटो यह दर्शाते हुए सोशल मीडिया पर डालते हैं कि मेरा बच्चा विदेश में पढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को यह तकलीफ है कि राजस्थान में एक गरीब, मजदूर, किसान का बेटा अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा लेकर कहीं अंग्रेजी में इनके बच्चों से बात करते हुए मुकाबला न करने लग जाए। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा के नेताओं को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा की गारंटी से आपत्ति है तो विरोध करने से पूर्व अपने बच्चों को विदेशों से वापस बुलाएं, उसके पश्चात् अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा का विरोध करें। उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता समझदार है, वो गहलोत सरकार की गारंटी व कार्यों पर वोट करेगी तथा प्रदेश में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनाएगी।

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