राजनीतिक विवाह से पहले ही तलाक : पूनावाला

  • तृणमूल के गठबंधन से अलग होने पर भाजपा का वार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव अकेले लडऩे की ममता बनर्जी की घोषणा के बाद भाजपा ने विपक्षी गठबंधन पर जोरदार हमला बोला है। किसी ने इसे कागजी गठबंधन बताया तो किसी ने राजनीतिक विवाह सफल होने से पहले ही तलाक की बात कही। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने तो इसे सांप और नेवले के बीच अस्वाभाविक गठबंधन करार दिया। भाजपा के राष्टï्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, यह एक कागजी गठबंधन है और ममता की टिप्पणियों से यह स्पष्ट हो गया है कि उसके एजेंडे में कोई स्पष्टता नहीं है और न ही कोई नेतृत्व है।
पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, राजनीतिक विवाह के सफल होने से पहले ही तलाक हो गया, ममता दीदी ने बंगाल में कोई गठबंधन नहीं करने की घोषणा कर दी। सूर्या ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के दल विभिन्न राज्यों में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं। केरल में वामदल और कांग्रेस आमने सामने हैं। पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच लड़ाई है। इस तरह के अस्वाभाविक गठबंधन का स्वाभाविक अंत निश्चित है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन पहले दिन से ही सफल नहीं होने वाला था।

भाजपा, आरएसएस की सलाह पर बनी थी टीएमसी : मो. सलीम

कोलकाता। ममता बनर्जी द्वारा पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लडऩे के एलान के बाद विपक्षी गठबंधन की अंदरूनी कलह सतह पर आ गई है। विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने ममता बनर्जी के फैसले की आलोचना शुरू कर दी है। विपक्षी गठबंधन में शामिल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माक्र्सवादी) के नेता मोहम्मद सलीम ने ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने काफी पहले ही बता दिया था कि वह अपना रुख बदलेंगी। सीपीआई (एम) के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि नीतीश कुमार ने काफी पहले बता दिया था कि वह (ममता बनर्जी) पलटी मारेंगी, टीएमसी का गठन ही भाजपा और आरएसएस की सलाह पर हुआ था ताकि कांग्रेस को कमजोर किया जाए और फिर यह पार्टी एनडीए में शामिल हो सके। विपक्षी गठबंधन कोई चुनावी समन्वय नहीं है, यह भाजपा के खिलाफ पार्टियों का गठबंधन है। चुनावी समन्वय राज्य स्तर पर अपने तरीके से किया जाएगा। ममता बनर्जी ने बुधवार को साफ कर दिया कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी अकेले चुनाव लड़ेगी और अब कांग्रेस के लिए सीट बंटवारे के लिए रास्ते बंद हो चुके हैं। लोकसभा चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय गठबंधन पर कोई फैसला लिया जाएगा। ममता बनर्जी के इस फैसले से विपक्षी गठबंधन की एकता को बड़ा झटका लगा है।

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