लोकतंत्र के लिए हमें मुद्दों को सुलझाना होगा : धनखड़
- बोले- चर्चा और संवाद को व्यवधानों की जगह लेनी चाहिए
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र के तीन प्रमुख अंगों कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका के बीच मुद्दे उठते रहेंगे लेकिन उन्हें व्यवस्थित तरीके से सुलझाना होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विधायिका के साथ कुछ होमवर्क करने की आवश्यकता है क्योंकि चर्चा और संवाद को व्यवधानों की जगह लेनी चाहिए। आपातकाल लगाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे भारत के संवैधानिक इतिहास का सबसे काला एवं शर्मनाक काल बताया।
उन्होंने कहा कि हमारी शासन व्यवस्था में कभी भी ऐसे लोग नहीं थे जो इस स्तर तक चले जाएं कि लाखों लोगों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित कर और उन्हें जेल में डाला जाए। धनखड़ ने कहा कि यही वह समय था जब हमें उम्मीद थी कि राज्य का एक अन्य अंग न्यायपालिका ऐसे अवसर पर आगे आएगी। लेकिन दुर्भाग्य से न्यायपालिका के लिए भी यह सबसे काला समय था।
उपराष्ट्रपति कानून मंत्रालय के हमारा संविधान, हमारा सम्मान अभियान की शुरुआत के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि संविधान ने हमें सब कुछ दिया है। यदि तीनों संस्थाएं कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका अपनी निर्धारित सीमा में रहें और उसके अनुसार कार्य करें, तो भारत के प्रतिभाशाली लोग चमत्कार कर सकते हैं। धनखड़ ने कहा कि हर कोई कानून की पहुंच में है, लेकिन कुछ लोग भ्रम की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन घटनाओं से दुखी हूं, जब सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट किया जाता है। हम कानून प्रवर्तन एजेंसियों से मुकाबला करते हैं और घोषणा करते हैं कि हम जीत गए हैं।