अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर डीके शिवकुमार का बड़ा ऐलान, बड़ी तैयारी में कर्नाटक सरकार

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में बनी हुई है.. कभी प्रज्जवल रेवन्ना मामले को लेकर की जा रही कार्यवाही को लेकर...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में बनी हुई है.. कभी प्रज्जवल रेवन्ना मामले को लेकर की जा रही कार्यवाही को लेकर तो कभी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने को लेकर भी कर्नाटक सरकार चर्चाओं में बनी हुई है.. इस बीच अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की एक बड़ी योजना के बारे में ऐलान किया है.. और इस बारे में बात की है.. दरअसल, योग दिवस के मौके पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार स्कूलों में योग की कक्षाएं शुरू करने पर विचार कर रही है.. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि उनकी सरकार की स्कूलों में योग कक्षाएं शुरू करने की योजना है..

बेंगलुरु में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक योग कार्यक्रम में भाग लेने के बाद कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि यह एक महान दिन है.. कर्नाटक सरकार की स्कूलों में योग कक्षाएं शुरू करने की भी योजना है.. संदेश यह है कि स्वास्थ्य ही धन है.. इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि जैसा कि कहावत है, ‘स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है’.. योग शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ रखने की उत्तम परिणति है.. आइए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग को अपनी दिनचर्या में अपनाकर एक स्वस्थ समाज के निर्माण की दिशा में मिलकर काम करें..

इस बीच, पूरे कर्नाटक में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम से मनाया गया.. मुख्य कार्यक्रम विधान सौध की भव्य सीढ़ियों पर हुआ जहां राज्यपाल थावरचंद गहलोत के साथ डीके शिवकुमार, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव, विधान परिषद के अध्यक्ष बसवराज होरत्ती और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया.. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया और योगासन किये.. इस अवसर पर बोलते हुए राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मानसिक शांति और भावनात्मक संतुष्टि पर योग के गहरे प्रभाव पर प्रकाश डाला.. उन्होंने कहा कि योग एक समग्र अभ्यास है जो शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करता है.. योग के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और भावनात्मक संतुष्टि प्राप्त करता है..

यह भारतीय परंपरा और संस्कृति का एक अनमोल उपहार है.. वहीं दूसरी ओर, बल्लारी में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लिया, जिसका आयोजन संतोष लाड फाउंडेशन और श्वासा योग संस्था द्वारा किया गया था.. श्रम मंत्री संतोष लाड, सरकारी अधिकारी, छात्र और मशहूर हस्तियां बल्लारी के जेएसडब्ल्यू टाउनशिप में योग दिवस पर सिद्धारमैया के साथ शामिल हुए.. भाजपा ने भी शहर के मल्लेश्वरम में अपने राज्य मुख्यालय जगन्नाथ भवन में योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र, विधायक डॉ. सीएन अश्वथ नारायण और कई अन्य लोगों ने भाग लिया..

एक ओर जहां कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार प्रदेश के स्कूलों में योग शिक्षाएं शुरू करने की बात कर रहे हैं.. ताकि लोगों को योग के बारे में जागरुक किया जा सके और शरीर को स्वस्थ रखा जा सके.. दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा कर्नाटक में रहने वाले लोगों को कन्नड़ भाषा जरूर आने पर जोर दिया जा रहा है.. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने लोगों से अपनी मातृबोलने में गर्व महसूस करने का अनुरोध करते हुए कहा कि कन्नड़ भाषा, भूमि और जल को बचाना हर कन्नडिगा का दायित्व है..

सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक में रह रहे लोगों को कन्नड़ सीखना चाहिए.. मुख्यमंत्री ने राज्य में ‘कन्नड़ माहौल’ बनाने की जरूरत पर बल दिया.. यहां विधान सौध के परिसर में नदा देवी भुवनेश्वरी की 25 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा के निर्माण के वास्ते ‘भूमि पूजा’ करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी मातृबोलना गर्व का विषय होना चाहिए.. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि एक संकल्प लिया जाए कि राज्य में कन्नड़ के सिवा कोई भाषा नहीं बोली जाए.. कन्नडिगा उदार होते हैं..

यही कारण है कि कर्नाटक में ऐसा माहौल है कि जो दूसरी भाषाएं बोलते हैं.. वे भी कन्नड़ सीखे बिना रह सकते हैं.. सिद्धारमैया ने कहा कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में ऐसी स्थिति नजर नहीं आ सकती है.. वे बस अपनी मातृमें ही बोलते हैं.. कन्नडिगाओं से अपनी मातृमें बोलने का अनुरोध करते हुए सीएम सिद्धरमैया ने कहा कि इसे लेकर हीनता का बोध नहीं पालने की जरूरत है.. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा कि हमें भी अपनी मातृमें बोलना है.. उससे हमें गर्व महसूस करना चाहिए..

कर्नाटक में रह रहे लोगों से कन्नड़ सीखने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्नड़ माहौल तैयार करना हम सभी का दायित्व है.. उसके लिए यहां रहने वाले सभी लोगों को कन्नड़ सीखना चाहिए.. हम उस तरह चुप नहीं रह सकते.. कन्नड़ ढीठ नहीं होते हैं.. लेकिन कन्नड़ के प्रति प्यार विकसित किया जाना चाहिए.. उन्होंने आगे कहा कि अन्य राज्यों की भांति हमें हठधर्मी नहीं बनना चाहिए.. लेकिन हमें अपने अंदर अपनी भाषा, भूमि और अपने देश के प्रति सम्मान एवं प्रशंसा (का भाव) विकसित करना चाहिए..

जाहिर है कि साउथ भारत के कई राज्यों में वहां की लोकल भाषाओं को लेकर काफी कट्टरता देखी जाती रही है.. और हिंदी भाषी या अन्य बोली बोलने वालों के साथ कई बार दुर्व्यवहार की घटनाएं भी सामने आई हैं.. ऐसे में सिद्धारमैया तो लोगों से ये अपील की गई है कि कन्नड़ा को प्रमोट करें उसे बोलें.. हालांकि, इस दौरान सीएम सिद्धारमैया ने कट्टरता से दूरी बनाए रखने की भी बात कही.

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