सावन के आखिरी शुक्रवार के दिन करें ये उपाय, मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न 

सावन का पावन महीना सोमवार 19 अगस्त, 2024 को रक्षा बंधन पर्व के साथ सावन समाप्त हो जाएगा। देवो के देव महादेव भगवान शिव का हर दिन बेहद शुभ...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: सावन का पावन महीना सोमवार 19 अगस्त, 2024 को रक्षा बंधन पर्व के साथ सावन समाप्त हो जाएगा। देवों के देव महादेव भगवान शिव का हर दिन बेहद शुभ और लाभकारी माना जाता है। ऐसे में सावन के आखिरी शुक्रवार इतने अधिक शुभ योग एक साथ बन रहे हैं कि यह दिन अक्षय तृतीया के समान फलदायी है। हिन्दू धर्म की मान्यता अनुसार शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित इस दिन को सच्चे मन से उनकी पूजा कर प्रसन्न किया जा सकता है, यहां तक कि रूठी हुई मां लक्ष्मी भी कुछ खास लेकिन आसान उपायों से लौट आएंगी।

आपको बता दें कि सावन का आखिरी शुक्रवार 16 अगस्त 2024 को किया जाएगा। सावन का इस शुक्रवार को वरलक्ष्मी व्रत किया जाएगा। इस दिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने वालों को शुक्र ग्रह की कृपा प्राप्त होती है।

सावन का शुक्रवार क्यों है खास

सनातन धर्म में आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए सावन का शुक्रवार अधिक प्रभावशाली माना जाता है। इस दिन भोलेनाथ के साथ मां लक्ष्‍मी की पूजा करना शुभ है। सावन के आखिरी शुक्रवार को वरलक्ष्मी व्रत किया जाता है। दक्षिण भारत में ये दिन दिवाली की तरह मनाया जाता है। ऐसे में मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी की उपासना करने से सुख, सौभाग्य, सफलता, सौंदर्य मिलता है।

इन उपायों से प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी

शंख बजाएं

  • सुबह उठकर स्नान करने के बाद शंख बजाएं। शंख बजाने से वातावरण पवित्र होता है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
  • शाम को घर के मंदिर में घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय ओम श्री लक्ष्मी नमः का जाप करें।

कमल का फूल अर्पित करें

  • कमल का फूल मां लक्ष्मी को बहुत प्रिय है।
  • सौभाग्य लक्ष्मी की आराधना कर मां लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करें।

जानिए वरलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि

  • वरलक्ष्मी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके बाद मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें।
  • एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और मां लक्ष्मी व भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
  • पूजा करते समय भगवान की मूर्ति के दाएं तरफ थोड़े से चावल रखें और उस पर जल से भरा कलश रखें।
  • इसके बाद कलश पर कलावा बांधें और स्वास्तिक बनाएं।
  • फिर, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की सभी पूजन सामग्री अर्पित करें।
  • देवी को सुहाग का सामान अर्पित करें और भोग लगाएं,
  • कथा सुनने के बाद आरती करें और खीर का भोग कन्याओं में बांट दें।

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  • अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों को भोजन करवाएं और यथा-शक्ति दान करें।
  • दान करने से न केवल पुण्य मिलता है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
  • मां लक्ष्मी केवल उन घरों में रहना पसंद करती हैं, जो साफ और स्वच्छ होता है।
  • साफ-सुथरे घरों पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और स्थाई रूप से वास करती हैं।

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