कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये ज्योतिषीय उपाय जीवन में आएगी समृद्धि

हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान व दीपदान करने की परंपरा है. साथ ही हवन, दान, जप, तप आदि कार्यों का खास महत्व बताया गया है. यदि ग्रंथों की बात करें तो विष्णु पुराण के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लोक कल्याण के लिए लिया था. लेकि इस शुभ दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग और वर्धमान योग भी हो, तो ये योग सभी बुरे योग व नक्षत्रों को दूर करता है.
हमारे हिंदू शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत खास माना जाता है. इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी लोग जानते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नाम के एक असुर का वध किया था. तब से भगवान शंकर को त्रिपुरारी कहा जाता है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर (शुक्रवार) को पड़ रही है. इस मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा ही कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की प्राचीन परंपरा है. इसके साथ ही हवन, दान, जप, तप आदि धार्मिक अनुष्ठïान का खास महत्व बताया गया है.
यदि ज्योतिष विद्या के जानकारों की मानें तो इस शुभ दिन पर सर्वार्थ सिद्धि नामक योग और वर्धमान योग भी लग रहा है, जो बहुत फलदायी है और इसके साथ ही इस योग में किए गए धार्मिक कर्म कई गुना फल देने वाले साबित होते हें. इससाथ ही इस पूर्णिमा को उपछाया चंद्रग्रहण भी लग रहा है, जो इस दिन की महत्ता को और बढ़ाता है. ऐसी मान्याता है कि इस दिन ये उपाय करने से आपकी जिंदगी में धन संबंधी परेशानियों का नाश होता है और सुख व समृद्धि आती है.
ऐसी मान्यता है कि इस दिन चन्द्रोदय के समय शिवा, सम्भूति, प्रीति, संतति, अनसूया और क्षमा इन 6 तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन करने से लाभ होता है. ये स्वामी कार्तिक की माता हैं और कार्तिकेय, खड्गी, वरुण हुताशन और सशूक ये शाम को दरवाजे के ऊपर शोभित करने योग्य माने जाते है. इनका धूप-दीप, आदि के द्वारा विधिवत पूजन करने से सुखों वृद्धि होती है. साथ ही धन-धान्य में भी बढ़ता हे.
हिन्दुओं की मान्यताओं के अनुसार कि इस दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी खुशी का इजहार करते हैं. इसीलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान जरूर करना चाहिए. इस दिन नदी और तालाब में दीपदान करने से आप कर्ज से भी मुक्ति पा सकते हैं और आपके सुख में वृद्धि होती है. इस दिन घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों से बनाया हुआ बंदनबार जरूर बांधे और दीपोत्सव की ही तरह चारों और दीपक जलाएं. और रोशनी करें.
जन मान्याताओं के मुताबिक इस दिन भगवान श्री शालिग्राम के साथ ही तुलसी माता की पूजा की जाती है. तुलसी पूजन का इस दिन बहुत अधिक महत्व होता है. इस पूर्णिमा को तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ और हवन का भी बहुत अधिक महत्व होता है. इस पूर्णिमा के दिन तुलसी के सामने दीपक जरूर जलाएं.
इस पूर्णिमा के दिन व्रत रखने का भी महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन उपवास करने के साथ ही भगवान का स्मरण और चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है. वहीं दूसरी ओर ऐसा भी कहा जाता हे कि इस दिन व्रत करने से सूर्यलोक की भी प्राप्ति होती है. यदि कार्तिक पूर्णिमा से प्रारम्भ करके प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण किया जाए तो सारी मनोकामना पूरी होती है.
ऐसी भी मान्यता है कि इस कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से दस यज्ञों के बराबर फल प्राप्त होता है. इस दिन दान बहुत खास माना जाता है. व्यक्ति को इस दिन अपनी क्षमता अनुसार दान किसी पात्र व्यक्ति को जरूर करना चाहिए.

(इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. हम इनकी पुष्टि नहीं करते है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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