क्या जानते हैं भारत की कुंडली किस ज्योतिषी ने बनाई थी?

15 अगस्त 2024 को हम सभी देशवासी 78वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाएंगे.......

4PM न्यूज़ नेटवर्क : जब देश आजाद हुआ तब भारत से अलग होकर पाकिस्तान बना. लार्ड माउंटबेटन (भारत के अंतिम वायसराय और स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर-जनरल) ने भारत और पाकिस्तान को 14 और 15 अगस्त में एक दिन आजादी की तिथि के रूप में निर्धारित करने को कहा. पाकिस्तान ने 14 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता की औपचारिक घोषणा कर दी.

वहीं भारत ने 15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाने की निर्णय किया. इसलिए भारत की कुंडली इसी तिथि के अनुसार, 15 अगस्त 1947 मध्यरात्रि 00:00 के आधार पर बनती है.

देश की कुंडली का जब-जब विश्लेषण किया जाता है, तब उस देश की कुंडली के साथ ही देश के राजा यानी प्रधानमंत्री की भी जन्मकुंडली पर विचार किया जाता है.

आज भी ज्योतिषी वर्षों पहले बनाए गए भारत की इसी कुंडली के आधार पर ही राजनीतिक, भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण का विश्लेषण कर भविष्यवाणी करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि, आजाद भारत की कुंडली किस ज्योतिषी ने बनाई थी और उनका क्या नाम था.

तो चलिए बताते हैं –

बताते हैं कि पंडित सूर्यनारायण व्यास ने आजाद भारत की कुंडली बनाई थी. ज्योतिष विज्ञान में आस्था रखने वाले भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने ही देश के भविष्य और अखंड संप्रभुता के लिए पंडित व्यास से आजादी के लिए उपयुक्त मुहूर्त चुनने का निवेदन किया गया था.

ज्योतिष सिद्धांतों के अनुसार 15 अगस्त 1947 के गोचर पांच गृह कुंडली के एक ही भाव में थे, जोकि देश के लिए अशुभ था. तब पं व्यास ने भारत की कुंडली के लिए 15 अगस्त रात्रि 00:00 का समय निर्धारित किया.

इस समय पर वृषभ लग्न था, जोकि किसी कार्य की शुरुआत के लिए शुभ होता है. वहीं उसी रात (15 अगस्त 1947) 12:15 मिनट से पहले अभिजीत मुहूर्त भी था.

सूर्यनारायण व्यास का मानना था कि, इस तिथि और समय पर कुंडली का निर्माण होने से लोकतंत्र स्थिर रहेगा. इतना ही नहीं पं सूर्यनारायण के निर्देश पर ही स्वतंत्रता के बाद देर रात संसद को धुलवाया गया और निर्धारित शुभ मुहूर्त पर गोस्वामी गिरधारी लाल ने संसद की शुद्धि कराई.

 

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