गांधी के राज्य गुजरात में जहरीली शराब पीकर मर गए दर्जनों लोग, कौन जिम्मेदार है इसका!

  • आजादी का यह कैसा अमृत महोत्सव जहां तड़प-तड़प कर मर रहे हैं लोग
  • गुजरात और बिहार में लागू है शराबबंदी तो कहां से आयी यह अवैध शराब
  • हर साल करोड़ों रुपये की शराब से अवैध वसूली हो रही है गुजरात और बिहार में

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। गांधी के राज्य गुजरात में बीते 48 घंटे में जहरीली शराब पीने से अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। 50 से ज्यादा लोग बीमार हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि अस्पताल में भर्ती कई मरीजों की हालत गंभीर है। पुलिस के अनुसार बोटाद जिले में गांव रोजिद के पास नभोई गांव में जहरीली शराब पीने के बाद करीब 4 दर्जन लोगों की तबीयत खराब हुई, जिन्हें सोमवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की जांच भावनगर रेंज आईजी अशोक यादव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी जिम्मेदार लोग होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शराब कांड को लेकर गुजरात में विपक्ष ने सत्ताधारी भाजपा पर सीधे भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा है कि गांधीजी के गुजरात में शराबबंदी होने के बावजूद गांव-गांव में अवैध शराब के अड्ïडे खुल गए हैं। नेता व पुलिस अधिकारी की मिलीभगत के कारण अवैध शराब का कारोबार चल रहा है। बिहार की तरह यहां भी शराबबंदी लागू हैं। बावजूद हर साल करोड़ों रुपये की शराब से अवैध वसूली हो रही है।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोषी एवं प्रवक्ता मनहर पटेल ने भाजपा सरकार को दोषी बताते हुए कहा है कि सरकार की भ्रष्ट नीति के कारण राज्य में गांव से गांधीनगर तक भ्रष्टाचार फैला है। उधर, विशेष जांच दल (एसआईटी) की छानबीन में कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। प्रारंभिक जांच और संदिग्धों से पूछताछ के बाद गुजरात पुलिस का कहना है कि मृतकों को शराब के बदले रसायन बेचे गए थे। रविवार की रात केमिकल के सेवन से ही लोग बीमार पड़ गए। एसआईटी की जांच के अनुसार एमोस नाम की एक कंपनी ने मिथाइल की आपूर्ति की थी, जो पीड़ितों द्वारा पी गई जहरीली शराब में मौजूद थी। छानबीन में पता चला कि आरोपी जयेश उर्फ राजू ने अपने रिश्तेदार संजय को 60,000 रुपये में 200 लीटर मिथाइल की आपूर्ति की। संजय और उसके सहयोगी पिंटू ने देशी शराब के नाम पर मिथाइल और केमिकल से भरे पाउच लोगों को बेच दिए। शराब के नाम पर रसायन के सेवन के बाद लोग बीमार होते गए और फिर एक के बाद एक लोग दम तोड़ते गए। पुलिस ने अब तक शराब कांड में शामिल होने के आरोप में 10 लोगों को हिरासत में लिया है।

राज्य में शराबबंदी, फिर कैसे बिक रही शराब?
शराब कांड को लेकर जिले के प्रभारी मंत्री वीनू मरोदिया ने कहा कि ये घटना दुखद है और शर्मनाक। हम इसकी जांच करेंगे कि शराबबंदी के बावजूद राज्य में शराब कैसे और कौन बेच रहा है? गुजरात में 1960 से ही शराबबंदी लागू कर दी गई थी। 2017 में गुजरात सरकार ने शराबबंदी से जुड़े कानून को और कठोर कर दिया था। इसके तहत अगर कोई गैरकानूनी तरीके से शराब की बिक्री करता है, तो उसे 10 साल कैद और 5 लाख रुपए जुर्माने की सजा हो सकती है।

एसआईटी कर रही मामले की जांच
सरकार ने जांच के लिए एसआईटी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में पूरे मामले की जांच सौंपी है। इसके लिए एसआईटी का गठन किया गया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि रोजिंद, नभोई, अणीयाणी, आकरू, चंदरवा और उंचडी गांव के लोग इसकी चपेट में आए हैं।

एलयू को ‘ए++ श्रेणी प्राप्त होना गर्व की बात : राज्यपाल

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के विशेष प्रयासों से लखनऊ विश्वविद्यालय को राष्टï्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा ‘ए++Ó श्रेणी प्रदान की गई है। इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार और प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा नैक मूल्यांकन में विश्वविद्यालय को ‘एप्लसप्लसÓ श्रेणी प्राप्त होना निश्चय ही गर्व की बात है, क्योंकि नैक द्वारा भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षण कार्य के साथ-साथ समग्र व्यवस्थाओं का आकलन किया जाता है। यह राज्य का पहला राज्य विश्वविद्यालय है जिसने यह उपलब्धि प्राप्त की है। राज्यपाल ने कहा यह उपलब्धि प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों के लिये प्रेरणादायी है। उन्होंने विश्वविद्यालय को गुणवत्ता उत्कृष्ट करने के प्रयासों को उच्चतम श्रेणी प्राप्त करने तक निरंतर जारी रखने के लिए उत्साहवर्धन किया है। यहां विशेष उल्लेखनीय है कि प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा विगत दो वर्षों से प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों में शिक्षण एवं व्यवस्थाओं में गुणवत्ता सुधार हेतु वृहद स्तर पर विशेष प्रयासरत होकर कार्य किया जा रहा है। लखनऊ विवि के अनुसार नैक की ओर से विश्वविद्यालय को ए प्लस प्लस ग्रेड मिल गया है। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने भी इसकी जानकारी दी है। वहीं, ए प्लस प्लस मिलने के बाद विश्वविद्यालय में कुलपति को बधाई देने का सिलसिला जारी है। लखनऊ विवि को पिछली बार 2014 मे नैक का बी प्लस ग्रेड मिला था। 2019 में पांच साल की समय सीमा पूरी हो गई। उसके बाद कुलपति प्रो. आलोक राय ने नैक मूल्यांकन में अच्छे ग्रेड के लिए तैयारी शुरू की।

सुल्तानपुर में ट्रक ने सिपाही-ड्राइवर को रौंदा, दोनों की मौत

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। सुल्तानपुर में गोसाईंगंज थाना क्षेत्र स्थित उघरपुर चौराहे के निकट एक ट्रक ड्राइवर ने एआरटीओ प्रवर्तन (एनफोर्समेंट) के एक सिपाही और ड्राइवर को रौंद दिया। इसके बाद एआरटीओ की गाड़ी को भी टक्कर मारी और मौके पर ट्रक छोड़कर ड्राइवर फरार हो गया। हादसे में दोनों कर्मियों की मौत हो गई है, जबकि प्रवर्तन अधिकारी बाल-बाल बचे। हादसे करने वाले ट्रक का नंबर यूपी33एटी7419 है। एआरटीओ प्रवर्तन ने इस मामले में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों को गाड़ियों से कुचलने की यह वारदात बीते एक हफ्ते में तीसरी है। इससे पहले हरियाणा में डीएसपी और झारखंड में एसआई को अपराधियों ने कुचलकर मार डाला था। जानकारी के अनुसार एआरटीओ प्रवर्तन राकेश कुमार आज सुबह लखनऊ-बलिया मार्ग पर टीम के साथ वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इस बीच सुल्तानपुर से कादीपुर की तरफ जा रहे एक ट्रक नेएआरटीओ में संविदा पर तैनात ड्राइवर अब्दुल मोबीन और सिपाही अरुण सिंह को कुचल दिया। एआरटीओ की कार को भी टक्कर मारी। ट्रक ड्राइवर मौके से फरार हो गया। पुलिस के पहुंचने से पहले ड्राइवर मोबीन और सिपाही अरुण की मौत हो चुकी थी। अरुण लखनऊ में बीकेटी के रहने वाले थे। ड्राइवर मोबीन सुल्तानपुर के शास्त्रीनगर के रहने वाले थे।

राष्ट्रपति से समस्याओं के निस्तारण की गुहार

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। नेपाल के तलहटी में स्थित ग्राम बेला परसुआ में व्याप्त जनसमस्याओं के मद्देनजर निघासन तहसील एवं ब्लॉक के ग्रामवासियों की समस्याओं के निराकरण के लिए संघर्षरत समाजसेवी अधिवक्ता मोहम्मद हैदर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेजकर यहां की समस्याओं के निराकरण का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह गांव थारू जनजाति बाहुल्य है। अधिवक्ता मोहम्मद हैदर ने यहां ग्रामीणों के अनुरोध पर इस गांव में व्याप्त समस्याओं के संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर इस जनजातीय बाहुल्य ग्राम में आने और यहां की समस्याओं से निजात दिलाने का अनुरोध किया है। मोहम्मद हैदर ने बताया कि इस गांव में संचार की व्यवस्था सही नहीं है। बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा नहीं मिलती है। सड़कें बदहाल हैं। ऐसी कई समस्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने एक विस्तृत प्रत्यावेदन अपने एवं प्रधान के संयुक्त हस्ताक्षरों से भेजा है।

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