भारतीय बिजनेसमैन पर दुबई कोर्ट का सख्त फैसला, इतने अरब रुपये का जुर्माना और जेल

दुबई की अपीलीय अदालत ने एक भारतीय व्यवसायी और उसके सहयोगियों पर मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने इन पर लगे जुर्माने को बढ़ाकर 358 करोड़ रुपये कर दिया है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दुबई की अपीलीय अदालत ने एक भारतीय व्यवसायी और उसके सहयोगियों पर मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने इन पर लगे जुर्माने को बढ़ाकर 358 करोड़ रुपये कर दिया है.

दुबई की अपीलीय कोर्ट ने भारतीय व्यवसायी और उसके सहयोगियों पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जुर्माना बढ़ाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह जुर्माना 358 करोड़ रुपये कर दिया है. आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने दुबई में एक अपार्टमेंट के जरिए पैसों की हेराफेरी की है.

दुबई की अपीलीय कोर्ट ने दुबई में रह रहे भारतीय कारोबारी बलविंदर सिंह साहनी और उनके सहयोगियों पर 358 करोड़ रुपये (150 मिलियन दिरहम) का जुर्माना बढ़ाने का आदेश दिया है. यह जुर्माना साहनी और उनके सहयोगियों पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी हिस्सेदारी को लेकर लगाया गया है. बलविंदर सिंह साहनी को ‘अबू सबाह’ के नाम से भी जाना जाता है.

यह जानकारी गुरुवार को दुबई के एक समाचार पत्र ने दी, जिसमें बताया गया कि कोर्ट ने दोषियों की पांच साल की जेल की सजा, 1.19 करोड़ (5 लाख दिरहम) का अतिरिक्त जुर्माना और सजा का समय पूरा होने के बाद निर्वासन को भी बरकरार रखा है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि साहनी ने नेटवर्क को वित्तीय सहायता देने में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने इस योजना को वित्तीय सहायता देने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित अपनी कंपनियों से 47.74 करोड़ रुपये (2 करोड़ दिरहम) निकाले. अपीलीय फैसले में बताया गया कि दुबई में एक अपार्टमेंट के जरिए से धन की हेराफेरी की गई और परिवार के सदस्यों के वॉलेट्स का इस्तेमाल करके इसे बिटकॉइन जैसे डिजिटल करेंसियों में छुपाया गया.

संयुक्त रूप से जिम्मेदार होगे दोषी
प्रॉसिक्यूटरों ने तर्क दिया कि कुल 429.65 करोड़ रुपये (18 करोड़ दिरहम) की धोखाधड़ी की गई है, लेकिन अपीलीय कोर्ट ने सिर्फ 358 करोड़ रुपये (15 करोड़ दिरहम) को सही माना. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि दोषी संयुक्त रूप से जुर्माना देंगे और इसके अलावा कोर्ट ने इस मामले से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त करने का भी आदेश दिया.

स मामले में साहनी और उनके बेटे सहित 32 अन्य लोग शामिल हैं, जिन्हें कोर्ट ने मई महिनें में फर्जी कंपनियों और दस्तावेजों के हेरफेर के जरिए अवैध धन नेटवर्क चलाने के लिए सजा सुनाई थी.

आपको बता दें,कि साहनी की तरफ उस समय लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ, जब उन्होंने 2016 में 5 नंबर की एक कार प्लेट के लिए 787.46 करोड़ रुपये (3 मिलियन दिरहम) खर्च किए थे. इस मामले के बाद साहनी काफी चर्चा में आ गए थे.

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