पहले चार जिलों को मिलती थी बिजली हमने दूर किया भेदभाव : सीएम योगी
हर घर बिजली पहुंचाने का पूरा किया लक्ष्य, सभी गांव और जिले बन गए हैं वीआईपी
- विद्युत उत्पादन में प्रदेश को बनाना है आत्मनिर्भर जनता तक पहुंच रही हैं सरकारी सुविधाएं
- मुख्यमंत्री ने 17 पारेषण एवं वितरण उपकेंद्रों का किया शिलान्यास और लोकार्पण
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में 2,723.20 करोड़ की लागत के 17 विद्युत पारेषण एवं वितरण उपकेन्द्रों का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमने विद्युत वितरण में भेदभाव को दूर किया है। पहले चार जनपदों को बिजली मिलती थी, शेष 71 जनपद अंधेरे में डूबे रहते थे लेकिन पिछले पांच वर्षों में प्रदेश में कोई वीआईपी जनपद नहीं है बल्कि प्रदेश का हर गांव और जनपद वीआईपी है।
उन्होंने कहा कि उज्ज्वल भारत के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए बिजली महोत्सव व ऊर्जा महोत्सव मनाया जा रहा है। 1.21 लाख गांव में आजादी के बाद भी बिजली नहीं पहुंच पाई थी। हमने हर घर बिजली के लक्ष्य को पूरा किया है। अब सभी जगह रोस्टर के अनुसार बिजली दे रहे हैं। अगले पांच साल में अपनी बिलिंग और कनेक्शन एफिशिएंसी को बढ़ाना विभाग के लिए चुनौती है। हमें विद्युत उत्पादन की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनना है। उन्होंने कहा कि पावर कॉरपोरेशन बिना भेदभाव के बिजली उपलब्ध कराएगा। वास्तव में लोकतंत्र का सबसे मजबूत आधार यही है जब जनता को शासन व प्रशासन से मिलने वाली सुविधाएं, उसकी आवश्यकता के अनुरूप बिना भेदभाव के उसे प्राप्त हो जाएं। बिजली महोत्सव के इस कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर, अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी और पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
पड़ोसी देशों को निर्यात कर रहे बिजली: शर्मा
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि पिछले छह दिन से ऊर्जा महोत्सव मनाया जा रहा है। आज महोत्सव के समापन का दिन है। विकास में ऊर्जा बड़ा कारक रही है। देश में पानी, बिजली और सडक़ राजनीतिक मुद्दा बनता है। देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए ऊर्जा का विकास, बिजली की निर्बाध आपूर्ति आवश्यक है। पहले देश बिजली की कमी के लिए जाना जाता था और 5 से 10 प्रतिशत की कमी बनी रहती थी। अब हम पड़ोसी देशों को बिजली निर्यात कर रहे हैं। सौभाग्य योजना के तहत यूपी को 1.43 करोड़ कनेक्शन दिए गए हैं।
अब महाराष्ट्र में राज्यपाल कोश्यारी के बयान पर बवाल, विपक्ष हमलावर
- उद्धव ठाकरे ने पूछा, कब घर भेजा जाएगा राज्यपाल को
- कांग्रेस और एनसीपी ने माफी मांगने की मांग की भाजपा विधायक ने भी जताया विरोध
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान पर महाराष्ट्र में बवाल मच गया है। शिवसेना, मनसे, एनसीपी और कांग्रेस ने उनके गुजराती-राजस्थानी वाले बयान को लेकर हमले तेज कर दिए हैं। वहीं भाजपा विधायक ने भी उनके बयान पर अपनी असहमति जताई है।
पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल के बयान ने मराठी मानुषों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। राज्यपाल समुदायों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। सवाल ये है कि उन्हें घर कब वापस भेजा जाएगा? मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि मराठी आदमी को मूर्ख मत बनाओ। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा विधायक आशीष शेलार ने भी बयान पर असहमति जताई है। वहीं राज्यपाल ने अपने बयान को वापस ले लिया है और कहा है कि उनका इरादा मराठी लोगों के योगदान को कम आंकना नहीं था।
क्या है मामला
मुंबई में एक लोकल कार्यक्रम में शामिल हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि कभी-कभी मैं यहां लोगों से कहता हूं कि महाराष्ट्र में विशेषकर मुंबई-ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दो तो तुम्हारे यहां पैसा बचेगा ही नहीं। ये मुंबई आर्थिक राजधानी कहलाती, वो आर्थिक राजधानी कहलाएगी ही नहीं।
अधिकांश लोगों का कोर्ट तक पहुंचना टेढ़ी खीर: चीफ जस्टिस
- जानकारी के अभाव में दर्द सहने को हैं मजबूर
- अधीनस्थ न्यायपालिका को तत्काल करना होगा मजबूत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन ने आज व्यवस्था और न्याय को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि न्याय की आस लेकर कोर्ट में पहुंचने वालों की संख्या काफी कम है। जानकारी के अभाव में अधिकांश लोग दर्द सहने को मजबूर हैं।
अखिल भारतीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अधीनस्थ न्यायपालिका को फौरन मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने न्याय तक पहुंचने की प्रक्रिया को मु्िरक्तका हथियार बताया और कहा कि आबादी का काफी छोटा हिस्सा है जो न्याय के लिए कोर्ट में पहुंच रहा है। एक बड़ा हिस्सा ऐसा है जिसके पास या तो जानकारी का अभाव है या फिर साधनों से वे वंचित हैं और इसलिए न्याय के लिए अदालत की दर तक पहुंचना उनके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलाजी एक बड़े सहायक के तौर पर उभरा है। आधुनिक भारत के निर्माण का मकसद समाज में फैली निराशा को जड़ से खत्म करने का है। लोकतंत्र की परियोजना सभी के लिए मंच उपलब्ध कराना है।