एनसीपी की कलह का असर: बेंगलुरू में होने वाली विपक्ष की दूसरी बैठक टली
मुंबई। रविवार को महाराष्ट्र की राजनीति में जो उठापटक हुई उसका असर विपक्षी पार्टियों के गठबंधन पर भी पडऩे लगा है। अजित पवार के शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद विपक्षी गठबंधन को झटका लगता है। जिसका पहला असर 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी महाजुटाई की बैठक पर पड़ा है। एनसीपी में टकराव के बीच अब इस बैठक को टाल दिया गया है। जेडीयू के विरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने बेंगलुरु की बैठक टलने की बात की पुष्टि की है। केसी त्यागी ने कहा कि फिलहाल बैठक को रद्द कर दिया गया है। नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।
ऐसा माना जा रहा है कि संसद का मानसून सत्र खत्म होने के बाद विपक्षी महाजुटान की दूसरी बैठक का आयोजन होगा। इस बैठक के टलने का प्रमुख कारण महाराष्ट्र में सियासी उठापटक को माना जा रहा है।इसके साथ ये भी माना जा रहा है कि इस बैठक को टालने का फैसला बिहार और कर्नाटक विधानसभा के मॉनसून सत्र बैठक के चलते लिया गया है। बता दें कि बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 10 से 24 जुलाई तक चलेगा। सूत्रों का कहना है कि बैठक को स्थगित करने के लिए जेडीयू ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े से अनुरोध किया था। नीतीश और तेजस्वी यादव के विधानसभा सत्र में व्यस्त होने की वजह से दोनों नेता बेंगलुरु की महाजुटान की बैठक में शामिल नहीं हो सकते थे।
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए सभी राजनैतिक दल एक साथ आ रहे हैं। जिसके लिए पिछले महीने 23 तारीख को पटना में विपक्षी दलों ने बैठक की थी। जिसमें 15 राजनैतिक दलों के नेता शामिल हुए थे। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन समेत छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं। इनके अलावा विपक्षी दलों की इस बैठक में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी मौजूदगी दर्ज कराई थी।