बीजेपी का सपोर्ट करके बुरा फंसा चुनाव आयोग, विपक्ष की हुंकार से दोबारा होगा चुनाव!

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जिस तरह से महायुति की जो सीटें आई है...... ये नतीजे विपक्ष को पच नहीं रहे हैं....

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जिस तरह से महायुति की जो सीटें आई है…… ये नतीजे विपक्ष को पच नहीं रहे हैं…… इस चुनाव नतीजों को लेकर विपक्ष ने अब बड़ा एलान कर दिया है….. महाराष्ट्र में शिवसेना उद्दव गुट के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इन नतीजों को लेकर सबसे बड़ा स्टैंड ले लिया है….. क्योंकि बीजेपी की जिस तरह से महाराष्ट्र में सीटें आई है…. उससे शिवसेना समेत समूचा विपक्ष इस नतीजे को हजम नहीं कर पा रहा है…… इन नतीजों को लेकर कल कांग्रेस ने भी बड़ा एलान किया…. उसे हमने अपनी रिपोर्ट में आपको दिखाया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मामले में साफ कह दिया कि हमें ईवीएम नहीं चाहिए…… हमें बैलेट से चुनाव चाहिए…… खड़गे के बाद अब उद्धव ठाकरे ने भी इस मामले में बड़ा एलान कर दिया…… और इस ऐलान के बाद अब महाराष्ट्र में बड़ा भूचाल आ जाएगा…… और इसको लेकर सबसे ज्यादा बीजेपी परेशान है……. दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद एक बार फिर से ईवीएम को लेकर शिवसेना-यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाए हैं….. शिवसेना-यूबीटी की बैठक में हारे हुए उम्मीदवारों ने EVM घोटाले का शक जताया था….. इसी के बाद अब उद्धव ठाकरे ने फैसला किया है कि जिन मतदान केंद्र पर ईवीएम छेड़छाड़ का शक है…… वहां की वीवीपैट को ईवीएम से मिलान किया जाए….

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे तेइस नवंबर को आ गए है… नतीजों में बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है…. और एक सौ बत्तीस सीटों पर जीत दर्ज की है… जिसके बाद से विपक्ष ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है…. और दोबारा चुनाव कराने की मांग करने लगा है…आपको बता दें कि विपक्ष ने यहां तक कह दिया है… कि चुनाव आयोग मोदी के इशारे पर काम कर रहा है…. और चुनाव में बड़े स्तर पर धांधली हुई है… चुनाव आयोग ने अपनी निष्पक्षता को ताक पर रखकर बीजेपी को जिताने का काम किया है… महाराष्ट्र की जनता का यह जनादेश नही है… बीजेपी को मिला जनादेश ईवीएम का है…. आपको बता दें कि हमेशा से ईवीएम सवालों के घेरे में रही है…. बावजूद इसके चुनाव आय़ुक्त राजीव कुमार विपक्ष की बातों पर ध्यान नहीं देते है… और बीजेपी के कहने पर अपना सभी फैसला करते हैं…. वहीं महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे विपक्ष के अनुमान से ठीक उलट आए थे… राज्य में जनता के मन में जनाधार पूरी तरह से बीजेपी के खिलाफ था… इसके बाद इतनी बड़ी जीत जनता से लेकर विपक्ष तप पच नहीं रहा है…. जिसको देखते हुए विपक्ष ने दोबारा वीवीपैट और ईवीएम के मतों का मिलान करने की बात चुनाव आयोग से कही… लेकिन चुनाव आय़ोग को कोई फर्क नहीं पड़ता दिखाई दे रहा है….

जिसके बाद विपक्ष ने एकजुट होकर ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया को लेकर आंदोलन करने की घोषणा कर दिय़ा… जिसके बाद चुनाव आय़ोग हरकत में आया… और विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हो गया है… वहीं अब देखना होगा कि चुनाव आयोग पर लगातार मोदी के इशारों पर काम करने का जो आरोप लग रहा है… इन सभी आरोपों का खंडन किस तरह से करता है…. बता दें कि जब महाराष्ट्र चुनाव नतीजे आए तो वो पूरी तरह से चौंकाने वाले थे… जिसके बाद से ही विपक्ष ने चुनाव आय़ोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है…. आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए करीब सात दिन हो गए हैं…. महाराष्ट्र में पांच दिसंबर को सीएम पद की शपथ भी होने वाली है…. विपक्ष के लोग अभी महाराष्ट्र के आए चुनावी नतीजों पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं….. शरद पवार गुट के एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड ने भारतीय चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं…. औऱ उन्होंने हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से महत्वपूर्ण डेटा हटाने का भी आरोप लगाया है….

वहीं शरद पवार के एनसीपी गुट के नेता ने ECI द्वारा चुनाव डेटा को संभालने पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद चार-पांच महीनों के भीतर महाराष्ट्र में अचानक छियालीस लाख वोट सामने आए…. शनिवार को आव्हाड ने कहा कि हम चाहते थे कि टेबल पर रख कर मशीनों की फिर से गिनती की जाए…. साथ ही पूरे डेटा का भी आंकलन किया जाए…. इसके साथ ही जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव हारने के बाद महाराष्ट्र में वोट बढ़ गए…. महाराष्ट्र में चार-पांच महीने में छियालीस लाख वोट बढ़े हैं…. वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम के जरिए हुई वोटिंग और काउंटिंग पर चिंता जताई है….. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि उनके पास अपने दावों का समर्थन करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है…. पवार ने कहा कि कुछ लोगों ने दोबारा काउंटिंग की मांग की है….. हम देखेंगे कि क्या होता है… लेकिन मुझे इस प्रक्रिया से बहुत उम्मीद नहीं है…..

इसके साथ ही शरद पवार ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है….. देश में हुए चुनावों ने लोगों को बहुत बेचैन कर दिया है…. लोगों में निराशा है… हर दिन सुबह ग्यारह बजे विपक्ष के नेता संसद में सवाल उठाते हैं…. वे अपनी बात रखते हैं…. लेकिन संसद में उनकी मांगें नहीं मानी जा रही हैं…. इसका मतलब है कि संसदीय लोकतंत्र का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है…. अगर ऐसा ही चलता रहा तो यह ठीक नहीं है… और इसके लिए हमें लोगों के बीच जाकर उन्हें जागरूक करना होगा…. बता दें कि विपक्षी दल और नेताओं ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद ईवीएम पर सवाल उठाए हैं…. कांग्रेस ने शुक्रवार को चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि पूरी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से गंभीर रूप से समझौता किया जा रहा है…. इसके साथ ही कांग्रेस ने ईवीएम के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करने की कसम खाई है…..

वहीं महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने वाले महा विकास आघाडी के उम्मीदवारों ने अपने अपने-अपने क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल्स के मिलान की मांग करने का फैसला किया है….. विपक्ष के एक नेता ने मुंबई में यह जानकारी दी है…. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे सामने के बाद शिवसेना (यूबीटी) लगातार ईवीएम पर सवाल उठा रही है…. चुनाव हारने वाले कई उम्मीदवारों ने मंगलवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ बातचीत के दौरान ईवीएम पर सवाल उठाए…. उद्धव ठाकरे ने मुंबई स्थित अपने आवास पर आयोजित बैठक में अपनी पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की समीक्षा की….. आपको बता दें कि पिछले सप्ताह आए चुनावी नतीजों में शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महायुति गठबंधन ने भारी बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखा….. इस चुनाव में महा विकास अघाड़ी को करारी हार का सामना करना पड़ा है….

आपको बता दें कि दो सौ अट्ठासी विधायकों वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने दो सौ तीस सीटों पर जीत दर्ज की….. वहीं महाविकास अघाड़ी को सिर्फ छियालीस सीटों से संतोष करना पड़ा….. इनमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) बीस सीट जीतकर विपक्षी खेमे में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है…. उसके बाद कांग्रेस ने सोलह सीटें और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) दस सीट के साथ सबसे पीछे रही… वहीं मुंबई की चांदीवली विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले कांग्रेस के नेता आरिफ नसीम खान ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने उद्धव ठाकरे से चर्चा की है… और उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से शिकायत मिली है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है…. खान ने कहा कि हमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से परिणामों पर संदेह व्यक्त करते हुए शिकायतें मिल रही हैं…. लोकतंत्र में शिकायतों का सत्यापन होना जरूरी है…. और मेरे साथ ही हममें से कई लोग (जो हार गए हैं) सत्यापन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में हैं…. मुंबई से शिवसेना (यूबीटी) के एक विधायक ने दावा किया है कि डाले गए वोट और ईवीएम में गिने गए वोट की संख्या में विसंगतियां थीं…. विधायक ने कहा कि लगभग सभी उम्मीदवारों ने ईवीएम की कार्यप्रणाली पर संदेह जताया है….

इस बीच कांग्रेस ने हरियाणा के बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में हेर-फेर का आरोप लगाते हुए सवाल खड़े किए थे….. इन्हीं सवालों के बाद चुनाव आयोग ने तीन दिसंबर को कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है…. चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी के डेलीगेशन को शाम पांच बजे चर्चा के लिए बुलाया है…. हालांकि, चुनाव आयोग ने एक फिर दोहराया कि चुनाव में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है…. चुनाव में आयोग ने आश्वासन दिया कि कांग्रेस के हर सवाल का जवाब दिया जाएगा…. बता दें कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस को अपनी अंतरिम प्रतिक्रिया में हर चरण में उम्मीदवारों/उनके एजेंटों की भागीदारी के साथ पारदर्शी प्रक्रिया को दोहराया है…. आयोग ने कांग्रेस की सभी वैध चिंताओं की समीक्षा…. और उन्हें व्यक्तिगत रूप से सुनने के बाद लिखित प्रतिक्रिया का आश्वासन दिया है….

आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग ने अपने जवाब में दोहराया कि यह प्रक्रिया पारदर्शी थी…. और हर चरण में उम्मीदवारों या उनके एजेंट की भागीदारी शामिल थी…. आयोग ने कांग्रेस की वैध शिकायतों की समीक्षा करने… और पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को व्यक्तिगत रूप से सुनने के बाद लिखित जवाब देने का भी आश्वासन दिया…. वहीं आयोग ने जोर देकर कहा कि सभी राजनीतिक दलों की भागीदारी के साथ एक पारदर्शी मतदाता सूची गणना प्रक्रिया शुरू की गई थी…. निर्वाचन आयोग ने मतदान संबंधी आंकड़ों से जुड़े मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए दोहराया कि इसमें कोई विसंगति नहीं थी…. और सभी उम्मीदवारों से संबंधित मतदान केंद्रों के आंकड़े उपलब्ध हैं… और सत्यापन योग्य हैं…. आयोग ने बताया कि शाम पांच बजे के मतदान के आंकड़ों और अंतिम मतदान प्रतिशत में अंतर प्रक्रियागत प्राथमिकताओं के कारण था…. क्योंकि पीठासीन अधिकारी मतदान के आंकड़ों का गणना करने से पहले कई वैधानिक कर्तव्यों का पालन करते हैं….

 

 

 

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