सज गया चुनावी दंगल, 149 प्रत्याशियों ने कसी कमर
- दीवाली बाद शुरु होगी आर-पार की जंग
- PDA बनाम PDA तक पहुंची यूपी की लड़ाई
- भाजपा ने अपने किसी सहयोगी पार्टी के प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया
- यूपी उपचुनाव में चुनावी गहमागहमी के बीच सभी उम्मीदवारों ने नामांकन भरते हुए दर्ज कराई उपस्थिति
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 09 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में प्रत्याशियों के नामांकन की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर थी। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि आखरी दिन 78 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए। इस प्रकार अब तक कुल 149 प्रत्याशी चुनावी रणभूमि में उतर चुके हैं। यूपी के इस चुनाव में ये साफ हो गया है कि बात अगर N.D.A. और I.N.D.I.A. की होगी तो यूपी में लड़ाई सीधे तौर पर भाजपा और सपा के बीच ही है। कांग्रेस के चुनाव मैदान से हटने के बाद सभी 9 सीटों पर सपा ने प्रत्याशी उतारते हुए जंग का एलान कर दिया है।
वहीं अगर बात बीजेपी की होगी तो बीजेपी ने आठ सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं और एक सीट आरएलडी को दी। भाजपा ने अपने अन्य किसी सहयोगी पार्टी के प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया। संजय निषाद लगातार चुनाव में एक टिकट के लिए लगे रहे लेकिन उनको टिकट नहीं मिला। प्रत्याशियों के सामने आने के बाद अब एक बार फिर PDA की ही चर्चा शुरु हो गई है। वैसे तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) को ही आधार बनाकर चुनाव मैदान में है। अखिलेश के दांव की काट बीजेपी ने भी निकालने की कोशिश की है और इसी के चलते बीजेपी ने PDA का जवाब PDA से ही देने की कोशिश की लेकिन किसका PDA किस पर भारी पड़ेगा, यह तो चुनाव नतीजे ही बताएंगे। गौरतलब है कि यूपी उपचुनाव में चुनावी गहमागहमी के बीच सभी उम्मीदवारों ने नामांकन भरते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी के 9 विधायक सांसद निर्वाचित हो गए थे, इसके बाद इन्होंने अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, इसके चलते ये सीटें खाली हो गईं। जबकि, कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा के विधायक रहे इरफान सोलंकी को गैंगस्टर मामले में सजा हो गई जिसके बाद कानपुर की सीसामऊ सीट भी खाली हो गई।
इस बार उपचुनाव में दिखी राजनीतिक दलो सक्रियता
नामांकन के बाद लगभग सभी प्रत्याशी अब चुनावी मैदान में ताल ठोंकने लगे हैं। सपा और भाजपा ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट भी जारी कर दी है। दोनों पार्टियों के बड़े नेता जल्द ही आपको जनसभाएं और रोड शो करते दिखेंगे। दरअसल 31 अक्टूबर को दीवाली पड़ जाने से सारे बड़े नेता अभी जमीन पर प्रचार के लिए नहीं उतरते दिख रहे हैं सबको इंतजार है कि दीवाली पार हो जाए उसके बाद माहौल यूपी में सियासत गर्म होगी। ज्यादातर मामलों में उपचुनाव बहुत कम ही गंभीरता से लिए जाते हैं। यह सत्ताधारी पार्टी का एकतरफा खेल माना जाता है लेकिन यूपी उपचुनाव को लेकर इस बार राजनीतिक दलों में जो सक्रियता दिखाई दे रही है उसे देखकर लगता है कि यह उपचुनाव अपने आप में अब तक हुए उपचुनावों से बिलकुल अलग था। इस उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ, राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती सबकी प्रतिष्ठा दांव पर है। 2027 का यूपी विधानसभा चुनाव अभी दूर है, लेकिन अभी से इस उपचुनाव को विधानसभा के सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है। यही कारण है कि इसे जीतने के लिए सबने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
संजय निषाद पर उनकी ही पार्टी के नेता ने लगाए गंभीर आरोप
- हरिशंकर बिंद ने कहा कि टिकट के नाम पर उनसे 2 करोड़ रुपये की मांग की थी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश की मझवां विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के बाद निषाद पार्टी में बड़ा बवाल हो गया और बवाल इतना बढ़ गया कि इसकी जद में पार्टी के मुखिया संजय निषाद भी आ गए। यूपी की मंझवा सीट पर जैसे ही बीजेपी ने प्रत्याशी की घोषणा की वैसे ही बसपा छोड़कर निषाद पार्टी में शामिल हुए हरिशंकर बिंद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद हरिशंकर बिंद ने पार्टी के मुखिया संजय निषाद पर गंभीर आरोप लगाए।
हरिशंकर बिंद ने कहा कि टिकट के नाम पर उनसे 2 करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसमें से 15 लाख रुपये उन्होंने संजय निषाद को दिए लेकिन टिकट फिर भी नहीं मिला। बिंद ने कहा कि संजय निषाद ने उनका ‘सौदाÓ किया है और घोषणा की है कि वह उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार का खुलेआम विरोध करेंगे। हरिशंकर बिंद का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह संजय निषाद पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब उनके (निषाद पार्टी के) खाते में सीट ही नहीं है तो हम लोगों से आवेदन के नाम पर पांच लाख रुपया क्यों लिया गया? पहले कन्फर्म होना चाहिए, उसके बाद आवेदन का पैसा लेना चाहिए? बिंद ने कहा कि हमसे कहा गया कि प्रयास करते रहिए मेहनत करते रहिए आपको टिकट मिलेगा। सर्वे की सारी रिपोर्ट हमारे पक्ष में गई थी लेकिन हमें सूत्रों से पता चला कि हम लोगों का सौदा किया गया है।
संजय निषाद की पत्नी को दिया पैसा
बिंद ने कहा कि हमको सबसे पहले दिल्ली बुलाया गया। प्रदेश सचिव बाबू लाल हमारे आवास पर आए और कहा कि संजय निषाद आपसे मिलना चाहते हैं। 2 जून को हम लोग दिल्ली गए। मुलाकात 3 जून को होती है, वहां पर संजय निषाद से बात हुई। उन्होंने कहा कि 6-7 दिन के बाद आप लखनऊ आइए। लखनऊ जाते हैं, वहां पीआरओ से कहते हैं कि आप इनका नामांकन करा दीजिए। हमने पूछा कि कितना पैसा जमा करना होगा तो बोले पांच लाख। हमने वहां पांच लाख रुपया कैश जमा किया। पैसा हमने संजय निषाद की पत्नी को दिया और आवेदन किया।