रेड से बनेंगे चुनावी वोट! 8 साल में ईडी के 3 हजार छापे
- यूपीए काल में सिर्फ 112 बार छापेमारी
- 95 फीसदी छापे केवल विपक्ष के नेताओं पर मारे गए : कांग्रेस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्र सरकार में चाहे यूपीए रही हो या एनडीए। सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्ष को डराने में कोई भी पीछे नहीं रहता है। ये अलग बात है ज्यादा उसका प्रयोग कि सने किया है ये अपने-अपने दावे हैं। सीबीआई, आइटी या इडी सत्ता पक्ष के सबसे बड़े चाबुक हैं। जिनको चला कर विपक्ष को रोकने की कोशिश की जाती है। हालांकि नेता एक दूसरे को कोसते है फिर इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाकर बार-बार कहते हैं कि सत्ता दल उन्हें परेशान कर रहा हैं। कभी-कभी जनता उनके साथ खड़ी हो जाती है और इन दलों को चुनाव में लाभ हो जाता है।
सोमवार को छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले को लेकर ईडी की कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर हुई छापेमारी पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस के 85वें अधिवेशन से पहले नेताओं पर हुई ईडी की छापेमारी प्रतिशोध और उत्पीडऩ की राजनीति की मिसाल है। वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि 2004 से लेकर 2014 के बीच यूपीए की सरकार के दौरान ईडी ने 112 बार छापेमारी की, जबकि पिछले 8 साल के दौरान 3010 बार छापेमारी की गई है। पवन खेड़ा ने कहा कि सिर्फ राजनीतिक दलों की बात करें तो 95 फीसदी छापे केवल विपक्ष के नेताओं पर मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से से पूछताछ की गई। अब हमारा अधिवेशन होने वाला है तो छत्तीसगढ़ में छापेमारी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि अब ईडी का मतलब इलीमिनेटिंग डेमोक्रेसी (लोकतंत्र को खत्म कर रही) हो गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने परिभाषाएं और परंपराएं बदल दी हैं।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने 2014 से विपक्षी पार्टियों पर हुई ईडी की छापेमारी के आंकड़े रखते हुए कहा कि कांग्रेस पर 24, टीएमसी पर 19, एनसीपी पर 11, शिवसेना पर 8, डीएमके पर 6, आरजेडी पर 5, बीएसपी पर 5, पीडीपी पर 5, आईएनएलडी पर 3, वाईएसआरसीपी पर 2, सीपीएम पर 2, नेशनल कॉन्फ्रेंस पर 2, पीडीपी पर 2, एआईएडीएमके पर 1, एमएनस पर 1 और एसबीएसपी पर 1 बार छापेमारी की गई है । उन्होंने छत्तीसगढ़ में जिन नेताओं पर ईडी की छापेमारी हुई उनके नाम भी सबके सामने रखे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं रामगोपाल अग्रवाल, देवेंद्र यादव, गिरीश देवांगन, आरपी सिंह, विनोद तिवारी और सनी अग्रवाल पर ईडी की छापेमारी हुई। इसके साथ ही पवन खेड़ा ने कहा कि हमारी शराफत को हमारी कमजोरी मत मानो, हमारा गहना है, उन्होंने कहा कि हम भी जब सत्ता में आएंगे तो काफी कुछ दिखा सकते हैं। पवन खेड़ा ने ईड़ी की छापेमारी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ भी बीजेपी खूब पेपर लहराती थी, लेकिन आज वो फेयर एंड लवली बन के निकले हुए हैं, पश्चिम बंगाल के शुभेंदु अधिकारी, कर्नाटक के बीएस येदियुरप्पा, रेड्डी ब्रदर्स, नारायण राणे, मुकुल रॉय जैसे नामों की लिस्ट है। उन्होंने कहा कि मीडिया कुछ छापता है, तो उस पर छापा, विपक्ष संसद में सवाल पूछे तो बयान हटा देते हैं, न्यायपालिका पर कानून मंत्री खुलेआम टिप्पणी करते हैं।
ईडी निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रहा : जयराम
जयराम रमेश ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में विपक्ष के खिलाफ एक हथियार बन गया है। उन्होंने कहा कि ईडी निष्पक्ष तरीके से काम नहीं रहा है, वहीं, इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पिछले 9 सालों में श्वष्ठ ने जो रेड की हैं, उसमें 95 प्रतिशत विपक्षी नेता हैं और सबसे ज्यादा कांग्रेस नेताओं के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि रायपुर में कांग्रेस महाधिवेशन के पहले मोदी सरकार की ओर से ईडी का दुरुपयोग कर छत्तीसगढ़ के हमारे कांग्रेस नेताओं पर छापा मारना बीजेपी की कायरता को दर्शाता है। कायराना धमकियों से डरने वाले नहीं हैं, उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा की अपार सफलता से बीजेपी की बेचैनी दिखने लगी है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी में जरा भी ईमानदारी है तो अपने परम मित्र के महाघोटालों पर रेड करें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को कुचलने के इस प्रयास का हम डट कर सामना करेंगे।