संरक्षित स्मारकों से तत्काल हटाया जाये अतिक्रमण: मंडलायुक्त
समाजसेवी आधिवक्ता मोहम्मद हैदर की जनहित याचिका पर आदेश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी में संरक्षित स्मारकों से अतिक्रमण हटाने के सम्बन्ध में समाजसेवी व अधिवक्ता सैयद मोहम्मद हैदर रिजवी की जनहित याचिका में उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश की पीठ द्वारा दिये गये आदेश के मद्देनजर मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब की अध्यक्षता में बैठक हुई।
बैठक में आधिवक्ता मोहम्मद हैदर एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा मंडलायुक्त को अवगत कराया गया कि उच्च न्यायालय के आदेश के तहत प्रथम चरण में लखनऊ स्थित जिन पाँच केन्द्रीय संरक्षित स्मारकों यथा इमामबाडा आसिफुद्दौला बड़ा इमामबाड़ा सआदत अली एवं मुशीर जादी मकबरा नील्स गेट कैसरबाग गेट कैंसर पसन्द सिमेट्री से अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण को हटाने हेतु निर्णय लिया गया था उनमें से जनवरी, 2016 में केन्द्रीय संरक्षित स्मारक इमामबाड़ा आसिफुद्दौला बड़ा इमामबाड़ा में से 50 परिवारों का कब्जा व अतिक्रमण जिला प्रशासन द्वारा हटाया गया है। बैठक के दौरान संबंधित द्वारा बताया गया कि हुसैनाबाद क्षेत्र में स्थित केन्द्रीय संरक्षित स्मारक इमामबाड़ा आसिफुद्दौला बड़ा इमामबाड़ा एवं आसिफी मस्जिद में क्रमश: 19 एवं 06 अतिक्रमण अभी भी बाकी हैं जिनको हटाया जाना शेष है। मंडलायुक्त ने संबंधित को क ड़े निर्देश देते हुए कहा कि एएसआई और ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से हेरिटेज एरिया का सर्वे करा लिया जाये और अवैध अतिक्रमण को चिन्हित करे समयबद्ध रूप से हटाया जाए । मोहम्मद हैदर ने लखनऊ की साझी विरासात, स्मरकों की जानकारी देते हुए उनके प्रयासों से अमजद अली शाह के मकबरे (इमामबाड़ा सिबतैनाबाद ) का एवं उक्त ऐतिहासिक स्थल एवं उसके के गेट का पूर्ण जीर्णोद्धार भारतीय पुरातत्व सर्वे के द्वारा पूर्ण किये जाने पर धन्यवाद ज्ञापित किया और अपेक्षा की कि उनके द्वारा छोटे इमामबाड़े के गेट के संरक्षण कार्य शीघ्र प्रारम्भ किया जाएगा। श्री हैदर ने बताया कि कमिटी की एक अन्य बैठक भी शीघ्र प्रस्तावित है एवं उनकी जनहित याचिका सितम्बर 2023 में सुनवाई हेतु सूचिबद्ध है जिसमें माननीय न्यायालय को प्रगति से अवगत कराया जायेगा।