इटावा बन गया सामाजिक आतंकवाद का नया चौराहा

  • अखिलेश आग बबूला, पूछा- योगी राज में यह सब क्या हो रहा है
  • यादव कथावाचक पर जुल्म की इंतेहा, ब्राहमणों ने बाल काटे, नाक रगड़वाई और महिलाओं का मूत्र छिड़क कर किया अपमानित
  • भारत में हर दिन औसतन 42 दलितों पर होता है अत्याचार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इटावा। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में क्या मनुवाद लागू हो गया है? इटावा में यादव कथावाचकों के साथ जो कुछ हुआ क्या उसकी कल्पना भी की जा सकती है। इटावा के दादरपुर गांव में कथावाचकों द्वारा पूछने के बाद अपनी जाति बताने पर उनके साथ मारपीट की गई, बाल काटे गए और महिला के पैरों पर नाग रगड़वाई गयी।
यही नहीं उनके ऊपर महिलाओं का मूत्र छिड़कर उन्हें पवित्र करने का दुष्कृत किया गया। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल होने पर पीडीए समाज में बैचेनी है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भड़क गये हैं। उन्होंने सरकार को तीन दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गयी तो पूरे प्रदेश में पीडीए के सम्मान में बड़ा आंदोलन करेंगें। वहीं मुकुट मणि सिंह ने बताया- दादरपुर गांव के पप्पू बाबा ने 21 से 27 जून तक भागवत कथा की बुकिंग कराई थी। पहले ही दिन देर शाम भोजन करते वक्त पप्पू बाबा ने मुझसे मेरी जाति पूछी।

यादव होना पड़ गया भारी

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि इटावा के दादरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों से केवल इसलिए अमानवीय व्यवहार किया गया क्योंकि उन्होंने अपनी जाति यादव बताई। यह वर्चस्ववादी मानसिकता और सामंती सोच की शर्मनाक बानगी है। पीडि़तों के बाल काटे गए, नाक रगड़वाई गई और शुद्धि कराई गई। उन्होंने इस घटना को न सिर्फ मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया बल्कि इसे संविधान के मूल्यों के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि यह संविधान और इंसानियत दोनों के खिलाफ अपराध है। सपा प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर तीन दिनों के भीतर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो सपा पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) के सम्मान की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि पीडीए के मान-सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं।

जातिवादी जुल्म का आंकड़ा

नेशनल क्राइम रिकॉड्र्स ब्यूरो एनसीआरबी के वर्ष 2023 के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर दिन औसतन 42 दलितों पर अत्याचार होता है। उत्तर प्रदेश इन मामलों में लगातार शीर्ष पर रहा है। वर्ष 2023 में एससी/एसटी एक्ट के तहत 13,231 मामले सिर्फ यूपी में दर्ज हुए। इन मामलों में सज़ा की दर मात्र 28 प्रतिशत है, यानी ज़्यादातर दोषी बरी हो जाते हैं।

सोशल मीडिया पर उबाल

घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर होने के बाद पूरा सोशल मीडिया उबाल पर है और यजूर्स अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर गुस्से का सैलाब आया हुआ है। लेकिन क्या यह गुस्सा धरातल पर बदलाव लाएगा? जातिवाद केवल एक कानून से नहीं मिटता यह सामाजिक बहिष्कार और वैचारिक आंदोलन से खत्म होता है। हमें घर-घर में जाति के खिलाफ आंदोलन खड़ा करना होगा।

एडीशनल एसपी कर रहे हैं जांच

मामला तूल पकड़ता देख पुलिस ने घटना का त्वरित संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है। इटावा पुलिस के अनुसार घटना के संबंध में थाना बकेवर में मुकदमा दर्ज कर 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आरोप गंभीर हैं और जांच एडिशनल एसपी के नेतृत्व में की जा रही है। पीडि़तों द्वारा आरोप लगाए गए हैं कि उन्हें बंधक बनाकर न सिर्फ पीटा गया बल्कि उनके पैसे भी छीन लिए गए।

कानपुर के रहने वाले हैं मुकुट

कथा वाचक मुकुट मणि सिंह यादव कानपुर के रहने वाले हैं। इटावा में सिविल लाइन के जवाहरपुरा राजा का बाग में रहते हैं। संत सिंह यादव अछल्दा औरैया और श्याम कठेरिया बकेवर के साथ मिलकर भागवत पाठ करते हैं।

क्या-क्या हुआ

मुकुटमणि सिंह यादव ने बताया कि पप्पू बाबा के साथ अतुल, डीलर, मनीष और लगभग 50 अज्ञात लोगों ने मुझे लात-घूसे, जूते और चप्पलों से पीटा। गांव वालों के सामने मेरा सिर मुंडवाया गया। परीक्षित (यजमान) बनी महिला के पैरों में जबरन नाक रगड़वाई गई। गांव के बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के जूतों पर सिर रखकर माफी मंगवाई गई। 25 हजार रुपए और एक सोने की चेन छीन ली। मुझे बेइज्जत करके गांव से भगा दिया गया। मेरा सारा सामान अभी भी उनके कब्जे में है।

गैर ब्रहमण होना पड़ा भारी : पीडि़त

पीडि़तों ने बताया कि वे गांव में कथा करने पहुंचे थे, लेकिन कथित अगड़ी जातियों को यह नागवार गुजऱा कि नीची जाति के लोग धर्मशास्त्र की बात करें। यह वही सोच है जो कहती है कि पूजा केवल ब्राह्मण करेगा, पवित्रता की परिभाषा केवल ऊँची जाति तय करेगी।

इंसानियत हुई शर्मसार! ओडिशा में दो दलितों को पीटा, बाल काटे, मवेशियों का चारा खाने को मजबूर किया

ओडिशा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां पर इंसानियत शर्मशार होती दिखाई दी है। ओडिशा के गंजाम जिले में पुलिस ने दावा किया कि मवेशी तस्कर होने के शक में दो दलितों के बाल काट दिए गए, उन्हें पीटा गया और घुटनों के बल चलने तथा मवेशियों का चारा खाने को मजबूर किया गया। यह घटना रविवार को धाराकोटे पुलिस थाना क्षेत्र के खारीगुम्मा गांव के जाहदा में हुई। घटना का कथित वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में व्यापक आक्रोश फैल गया। हालांकि हम इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकते है। पुलिस ने बताया कि पीड़ित सिंगीपुर के बाबुला नायक (54) और बुलू नायक (42) दो गायों और एक बछड़े को ऑटो में हरिओर से अपने गांव ले जा रहे थे तभी खारीगुम्मा में गोरक्षकों के एक समूह ने उन्हें पकड़ लिया और उन पर मवेशियों की तस्करी का आरोप लगाया। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने कथित तौर पर दोनों से 30,000 रुपये मांगे। जब पीड़ितों ने मना किया तो उनके साथ मारपीट की गई और अपमानजनक व्यवहार किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ”उन्हें एक सैलून में ले जाया गया और उनका आधा सिर मुंडवा दिया गया।” अधिकारी ने बताया, ”इसके बाद उन्हें एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक घुटनों के बल चलने, मवेशियों का चारा खाने और नाली का पानी पीने को मजबूर किया गया।” गंजाम के पुलिस अधीक्षक सुवेन्दु कुमार पात्रा ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस ने इस मामले में कम से कम छह लोगों को हिरासत में लिया है।

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