इंडिया गठबंधन की बैठक में हर मुद्दों पर खुलकर हुई चर्चा

  • गठबंधन की वर्चुअल बैठक में 14 दलों के नेता रहे मौजूद
  • ममता-उद्धव नहीं हुए शामिल
  • संयोजक व सीट बंटवारे पर हुई बात, नीतीश का इंकार
  • खरगे, पवार, लालू, स्टालिन व रामगोपाल बैठक में रहे शामिल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव-24 की तैयारियों में हर सियासी पार्टी जुट गई है। सत्ता पक्ष के साथ विपक्षी गठबंधन इंडिया ज्यादा सक्रिय हो गया है। शनिवार को आगामी रणनीति को लेकर गठबंधन ने वर्चुअल बैठक किया। इस अहम बैठक में 14 दलों के नेता मौजूद हैं। हालांकि, ममता-उद्धव ठाकरे बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। बैठक में संयोजक के नाम पर मुहर लग सकती है। वहीं सूत्रों द्वारा जानकारी मिल रही है नीतीश संयोजक बनने से मना कर दिया है। सारे नेता इसमें गठबंधन को मजबूत करने, सीट बंटवारे पर रणनीति बनाने को लेकर चर्चा करेंगे।
बैठक में कांग्रेस की तरफ से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी, एनसीपी से शरद पवार, खरगे और सीपीआई (एम) से सीताराम येचुरी मौजूद हैं। इस बैठक को लेकर सियासत भी गरमाई हुई है। बीजेपी ने निशाना साधते हुए कहा कि जल्द ही सब फिर फुस्स हो जाएगा। गौरतलब हो कि इंडिया गठबंधन की पहली बैठक बिहार के पटना में 23 जून 2023 को हुई थी। इसमें कई अहम मुद्दों पर बात की गई थी। वहीं एक वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस नेता के मुताबिक, कई कारण हैं कि वह बैठक में किसी तरह का प्रतिनिधित्व करने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, सबसे पहले, हमें वर्चुअल बैठक के बारे में शुक्रवार दोपहर को अंतिम क्षण में सूचित किया गया था। किसी को यह समझना होगा कि एक मुख्यमंत्री के रूप में उनके पास अन्य पूर्व-निर्धारित कार्य हैं और अंतिम क्षण में दी गई सूचना के आधार पर शेड्यूल में बदलाव नहीं किया जा सकता।

जल्द ही टूट जाएगा ये गठबंधन : दिलीप घोष

वहीं इस पर भाजपा नेता दीलीप घोष ने शनिवार को कहा कि इंडी गठबंधन सिर्फ बैठक करता है, कुछ काम नहीं करता। इससे कुछ नहीं होगा और जल्द ही यह गठबंधन टूट जाएगा। बता दें कि इंडी गठबंधन इन दिनों बंगाल में ही मुश्किलें झेल रहा है जहां कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गठबंधन पार्टी टीएमसी को भी ईडी अधिकारियों पर हमले के लिए जनता के बीच में ब्लेम किया। छह जनवरी को अधीर रंजन चौधरी ने कहा, भारत में कहीं भी ऐसा कुछ नहीं हुआ है जैसा संदेशखाली में हुआ। गुंडों की इस वक्त कितनी हिम्मत बढ़ गई है, ये उसका उदाहरण था। यह घटना दिखाती है कि पुलिस और शासन कर रही पार्टी के बीच कैसा रिश्ता है।

आईएनडीआईए को देश के विकास की कोई चिंता नहीं : नित्यानंद

आज होने वाली भारतीय गठबंधन की बैठक पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय का कहना है कि, हर कोई जानता है कि यह घमंडिया गठबंधन है। गठबंधन केवल तुष्टीकरण करता है। उन्हें देश या देश के विकास की कोई चिंता नहीं है, जनता चाहती है कि पीएम नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनें।

संयोजक को लेकर है मतभेद

हालांकि तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल नहीं हुई हैं। बताया जा रहा है कि वह किसी और कार्यक्रम में व्यस्त थीं, सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक का सबसे अहम मुद््दा विपक्षी गठबंधन के संयोजक की नियुक्ति है। जेडीयू नीतीश कुमार को संयोजक बनाना चाहती है, लेकिन बताया जा रहा है कि टीएमसी इसका विरोध कर रही है। बता दें कि इससे पहले भी इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने वर्चुअल मीटिंग में इन सब मुद्दों पर चर्चा की कोशिश की थी, लेकिन तब बात नहीं बन पाई थी। अंत में, जैसा कि तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने संकेत दिया है, मुख्यमंत्री कांग्रेस नेतृत्व से बेहद नाराज हैं। तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा, इसके साथ ही, राज्य कांग्रेस नेतृत्व पश्चिम बंगाल में आठ से 10 सीटों के लिए बेतुके दावे कर रहा है।

ईडी ने फिर भेजा अरविंद केजरीवाल को चौथा समन

  • 18 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और समन प्रवर्तन निदेशालय ने जारी किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री को ईडी का ये चौथा समन है। इससे पहले दिये नोटिस पर केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। इन्हें केजरीवाल ने गैरकानूनी बताया था। अब चौथा समन जारी कर ईडी ने अरविंद केजरीवाल को 18 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया। आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि दिल्ली का कथित शराब घोटाला फर्जी है। उन्होंने कहा कि अगर प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘वैध समन भेजेगा, तो वह उसके साथ सहयोग करेंगे। आप के राष्टï्रीय संयोजक केजरीवाल तीसरे समन पर, दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए और उन्होंने समन को ‘अवैध और ‘राजनीति से प्रेरित बताया था।

ईडी को गिरफ्तारी का अधिकार, दिल्ली सीएम कोर्ट जा सकते हैं

कानून के जानकारों के अनुसार, सीएम केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ईडी उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है। जानकार बताते हैं कि पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ईडी समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। पीएमएल एक्ट में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है। अगर केजरीवाल आगे पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं। वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट श्वष्ठ को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकती है।

3 समन पर पेश नहीं हुए केरीवाल

केजरीवाल इससे पहले भी दो नवंबर, 21 दिसंबर और फिर 3 जनवरी को ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिए गिरफ्तार करना चाहती है। उन्होंने कहा, मेरे वकीलों ने मुझे बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन गैरकानूनी हैं, भाजपा मुझे लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिए गिरफ्तार करना चाहती है।

केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश : जैस्मिन

आप नेता जैस्मिन शाह का कहना है कि कथित शराब घोटाले की जांच पिछले दो साल से जारी है, लेकिन अब तक ईडी ने सबूत के तौर पर कुछ बरामद नहीं किया है। तथाकथित शराब घोटाले की जांच फर्जी है। इस मामले में जांच पिछले दो वर्षों से जारी है और ईडी ने 500 से अधिक गवाहों से पूछताछ की है और 1,000 से अधिक छापे मारे हैं, लेकिन अब तक सबूत के तौर पर एक रुपया भी बरामद नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि यह विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने और चुनाव प्रचार करने से रोकने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश है।

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