पत्रकारों को मकानों से बेदखली की नोटिस पुलिस कार्रवाई की भी धमकी

बोले पत्रकार- अदालतों की अवमानना कर रही सरकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सरकार के फैसलों की मार पत्रकारों को भारी पड़ रहा है। मामला आवास आबंटन से जुड़ा है। दरअसल, हाल ही में पुन: पत्रकारों को बेदख़ली और जबरन पुलिस फ़ोर्स का इस्तेमाल करने की नोटिस दी गयी है। इससे पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा है कि ऐसा करना न केवल अवैध बल्कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों की अवमानना है। इसलिए सरकार पुनर्विचार करें और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के विपरीत निरस्तीकरण आदेश वापस ले या पत्रकारों के बारे में हाईकोर्ट का निर्णय फाइनल होने से पहले किसी को ज़बर्दस्ती बेदख़ल नहीं किया जाये और न पेनल रेंट वसूला जाये।
लखनऊ और अन्य कई राज्यों में पत्रकारों को सरकारी आवास देने का नियम है क्योंकि उन्हें दायित्व निभाने के लिए विधानसभा और सचिवालय आदि के आसपास रहने से सुविधा होती है। सुरक्षा की दृष्टि से भी यह ज़रूरी है, पत्रकारों के संबंध में 1980 से स्पष्ट नियमावली हैं। तत्कालीन सरकार ने 19.8.16 को पूर्व मुख्यमंत्रियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश की आड़ में तमाम पत्रकारों के मकान बिना नोटिस या सुनवाई रद्द कर दिये थे। पेटीशनर एस एन शुक्ला ने स्पष्ट किया था कि उनकी रिट केवल पूर्व मुख्य मंत्रियों और कुछ टोकेन रेंट पर ट्रस्ट्स के खिलाफ थी। इस रिट में पत्रकारों के बारे में कुछ नहीं कहा गया, न वह पार्टी थे। स्वाभाविक है कि जजमेंट में भी पत्रकारों के बारे नहीं कहा गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी यह कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री और संस्थाओं को मकान देने के लिए कोई कानून नहीं था, इसलिए उनके आवास रद्द हुए, यह आदेश केवल आठ (भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों और संस्थाओं ) पक्षकारों पर लागू होता है। इसकी आड़ में पत्रकारों को नियमानुसार आबंटित मकान खाली कराना गैर कानूनी और सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है़। हालांकि पिछली अखिलेश सरकार ने निरस्तीकरण के बाद आश्वासन दिया था कि बेदख़ली नहीं होगी। और सबका आबंटन बहाल करके मामला हल कर दिया जायेगा, पर हुआ नहीं। योगी सरकार ने पिछली सरकार के कई निर्णय बदले लेकिन पत्रकारों के बारे में पिछली सरकार का ही अनुसरण किया।

हाईकोर्ट ने बेदखली की नोटिस को कर दिया था स्टे

हाईकोर्ट ने रवींद्र कुमार सिंह एवं कई अन्य पत्रकारों की रिट याचिका में अपने अंतरिम आदेश में सरकार द्वारा 2016 में आबंटन निरस्तीकरण आदेश और जबरन बेदखली की नोटिस स्टे कर दिया था। वरिष्ठ पत्रकार शरद प्रधान के मामले में कोर्ट ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश पत्रकारों पर लागू नहीं होता। हाईकोर्ट की यह टिप्पणी सभी पत्रकारों पर लागू होती है।

बैक डेट से क रीब आठ गुना बढ़ाकर रेंट भेजा

कनफ्यूजन की वजह से करीब ढाई साल तक राज्य सम्पत्ति विभाग से रेंट के बिल नहीं आये, फिर अचानक बैक डेट से करीब आठ गुना बढ़ाकर पेनल रेंट लगा दिया गया जो कई पत्रकारों की मासिक आमदनी से भी ज्यादा है। बैक डेट से आठ गुना रेंट लगाने से सबका कुछ न कुछ बकाया हो गया। अगर 19. 8.16 का निरस्तीकरण आदेश रद्द हो जाये तो बकाया नहीं रहेगा, बल्कि अधिक जमा दिखेगा।

मणिपुर में नाकेबंदी हटाई गई आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति शुरू

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इंफाल। मणिपुर के हालात सामान्य होते दिख रहे हैं। राजधानी इंफाल को असम के सिलचर से जोडऩे वाले राष्टï्रीय राजमार्ग-37 पर एक आदिवासी समूह द्वारा की गई नाकाबंदी को हटा दिया गया है। पुलिस और सुरक्षा बलों ने आवश्यक वस्तुओं के साथ 171 ट्रकों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ये कदम उठाया।
पुलिस ने एनएच-37 तो खाली करवा लिया है, लेकिन जनजातीय संगठन द्वारा इंफाल को नागालैंड के दीमापुर से जोडऩे वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर अभी तक अवरोध जारी है। जनजातीय एकता समिति ने मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में कुकी समुदायों को आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति की मांग करते हुए सोमवार को कांगपोकपी में एनएच 2 और तमेंगलोंग जिले में एनएच 37 पर कुछ स्थानों पर फिर से नाकेबंदी कर दी थी। एनएच 37 पर आवश्यक वस्तुओं के साथ 171 वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की गई है। सभी संवेदनशील स्थानों पर सख्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं और वाहनों की स्वतंत्र और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील हिस्सों में सुरक्षा काफिला उपलब्ध कराया गया है। सुरक्षा बलों द्वारा इम्फाल पश्चिम और पूर्व, थौबल, काकचिंग, चुराचांदपुर, तेंगनौपाल कांगपोकपी और बिष्णुपुर जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया गया। पुलिस ने कहा, इंफाल पूर्व, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों से सात हथियार और 81 गोला-बारूद बरामद किए गए।

बसपा ने कल बुलाई बैठक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने 23 अगस्त को लखनऊ में बैठक बुलाई है। इस बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चर्चा की जाएगी जिसमें मुख्य फोकस उत्तर प्रदेश होगा।
बैठक में राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, विधायक उमा शंकर सिंह, विधान परिषद सदस्य भीम राव आंबेडकर, पूर्व सांसद, पूर्व एमएलसी, मुख्य जोन इंचार्ज, जिलाध्यक्ष के साथ ही बामसेफ के पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक में संगठन के विस्तार, बूथ गठन, सेक्टर गठन के साथ ही कैडर कैंप की तैयारियों पर चर्चा होगी। बसपा सुप्रीमो लगातार मंडलवार संगठन विस्तार के बारे में फीडबैक ले रही हैं। दिल्ली में आकाश आनंद को चार राज्यों की जिम्मेदारी देने के बाद अब उत्तर प्रदेश पर खास फोकस किया जा रहा है। दिल्ली मैं पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना, जैसे राज्यों समीक्षा करके दिशा निर्देश दे चुकी हैं।

पुलिस मुठभेड़ में नूंह हिंसा का आरोपी गिरफ्तार, पैर में लगी गोली

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक झड़प के एक आरोपी को पुलिस ने मंगलवार को मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली मार दी। यह मुठभेड़ जिले के टौरू इलाके में हुई। आरोपी वाशिम के सिर पर 25,000 रुपये का इनाम था। हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक झड़प के एक आरोपी को पुलिस ने मंगलवार को मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली मार दी।
यह मुठभेड़ जिले के टौरू इलाके में हुई।आरोपी वाशिम के सिर पर 25,000 रुपये का इनाम था और उसके खिलाफ लूटपाट और हत्या से संबंधित कई मामले दर्ज थे। वाशिम को टौरू में अरावली से गिरफ्तार किया गया था। उसे इलाज के लिए नल्हड़ मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया।आरोपी के कब्जे से एक देशी पिस्तौल (देसी कट्टा) और पांच कारतूस बरामद किए गए। एक हफ्ते के अंदर नूंह में यह दूसरी पुलिस मुठभेड़ है। 15 और 16 अगस्त की दरमियानी रात को नूंह में हिंसा में शामिल दो संदिग्ध दंगाइयों को एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया, जिसमें एक आरोपी के पैर में गोली लग गई। उन्होंने बताया कि पुलिस मुठभेड़ नूंह जिले के टौरू इलाके में साखो गांव की पहाड़ी के पास हुई। पुलिस ने बताया कि दोनों बाइक से भागने की कोशिश कर रहे थे और उनमें से एक के पैर में गोली लगने से वे गिर गए। उन्होंने बताया कि उनके कब्जे से एक देशी पिस्तौल, एक कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद की गई।

पुंछ में बीएसएफ ने दो घुसपैठिये किए ढेर

भारी मात्रा में हथियार बरामद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। सुरक्षाबलों ने पुंछ के बालाकोट सेक्टर में एलओसी पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया है। अलर्ट सुरक्षाबलों ने दो घुसपैठियों को मार गिराया है। मारे गए घुसपैठियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना ने पुंछ जिले के बालाकोट सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर दो आतंकवादियों को मार गिराया और घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया।
सुरक्षा बलों ने एक एके 47, दो मैगजीन, 30 राउंड, दो हथगोले और पाकिस्तान मूल की दवा सहित भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया। खुफिया एजेंसियों और पुलिस से मिले इनपुट से पता चला कि नियंत्रण रेखा के पार से कुछ घुसपैठिया बालाकोट सेक्टर में प्रवेश करने के इंतजार में हैं। इनपुट के आधार पर एक निगरानी ग्रिड को अलर्ट पर रखा गया था। अलर्ट जवानों ने बालाकोट सेक्टर के हमीरपुर इलाके में खराब मौसम, घने कोहरे, घने पत्ते और ऊबड़-खाबड़ जमीन का फायदा उठाकर एलओसी पार करने की कोशिश कर रहे दो घुसपैठियों को देखा। जैसे ही घुसपैठिये सीमा के पास पहुंचे तो जवानों ने उन्हें ललकारा। जब वह नहीं रुके तो उन पर गोलीबारी की गई। इससे दोनों को भागने पर मजबूर होना पड़ा।
हालांकि गोलीबारी में एक नियंत्रण रेखा के पास ही गिर गया। एक अन्य कुछ दूरी पर गिरा। इसके बाद मौसम साफ होने पर दोपहर में तलाशी अभियान चलाया गया। एएनआई के अनुसार, घुसपैठ के प्रयास करने वाले दोनों घायल हो गए, लेकिन वो एलओसी पार लौटने में सफर रहे। बाद में उनकी मौत हो गई। सेना के जवानों को एक एके 47 राइफल, दो मैगजीन, 30 राउंड, दो ग्रेनेड और पाकिस्तान मूल की दवाएं मिली हैं। एलओसी की ओर जाने वाले रास्ते पर कुछ स्थानों पर खून के निशान भी मिले हैं।

Related Articles

Back to top button