विश्वास मत के बाद राजभवन पर टिकी नजरें

आयोग की सिफारिश पर राज्यपाल को लेना है निर्णय

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रांची। झारखंड में लगभग 15 दिनों से चल रही राजनीतिक गतिविधियों के बीच हेमंत सरकार द्वारा विश्वास मत प्राप्त करने के बाद एक बार फिर सभी की नजरें राजभवन की ओर टिकी हैं। आफिस ऑफ प्राफिट मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधान सभा की सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग की अनुशंसा पर राज्यपाल रमेश बैस को निर्णय लेना है। फिलहाल इस संबंध में राज्यपाल द्वारा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। राजभवन की चुप्पी बरकरार है।
अभी तक यह स्वीकार किया गया है कि चुनाव आयोग का पत्र राजभवन को मिला है। अब राज्य की सारी राजनीतिक गतिविधियां राज्यपाल के निर्णय पर ही टिकी हैं। राज्यपाल अभी भी दिल्ली में हैं। उनके रांची लौटने के बाद ही इस संबंध में कोई निर्णय हो पाएगा। रमेश बैस दो सितंबर को दिल्ली गए हैं, तब से वे वहीं हैं। राजभवन का कहना है कि वे एम्स में अपने रूटीन चेकअप के लिए गए हैं। हालांकि कयास है कि इस दौरान उनकी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा के अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात हो सकती है। वहीं, झामुमो ने राज्यपाल के दिल्ली जाने पर ही सवाल उठाते हुए उनसे भाजपा का टूल नहीं बनने का अनुरोध किया था। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि अब राजभवन को अपनी चुप्पी तोडऩी चाहिए।

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