तो अरसे बाद देश में दिखने लगा है विपक्ष!

4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 2024 के एजेंडे पर दिल्ली में नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से मुलाकात की है। उन्होंने दावा किया कि पीएम बनना मकसद नहीं है, उनका मकसद 2024 में बीजेपी को हराना है। अपनी मुहिम को सीएम नीतीश दिल्ली के बाद भी जारी रखेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि दिल्ली में नीतीश की दस्तक का बाकी राज्यों पर क्या असर होगा? इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार सतीश के सिंह, सबा नकवी, राकेश पाठक, राजेश बादल और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
राकेश पाठक ने कहा कि नीतीश की सक्रियता ने इतना कुछ तो किया ही है कि देश में जो बिखरा विपक्ष है, उसे एक धांगे में बांधने वाला एक बुनकर मिल गया है। उन्होंने ऑपरेशन लोटस को बिहार में थाम लिया।
सतीश के सिंह ने कहा कि इनको विपक्षी बोलिए, विपक्ष मत बोलिए। बहुत समय बाद लग रहा है कि विपक्ष दिख रहा है। ये एक शुरूआत भर है। दूसरी बात, इसमें चुनावी बाधाएं, अड़चनों का अंबार है। नीतीश पहले सीताराम येचुरी से मिले, राजा से मिले। जाते समय उनकी गाड़ी दौड़ गई न नीतीश बोले, न केजरीवाल। केजरीवाल की राजनीति वैकलिपक है। कांग्रेस नीचे नहीं जाएगी तो केजरीवाल कैसे ऊपर आएंगे। अखिलेश ने कहा एक नेता होगा, कौन होगा पता नहीं। विपक्षी खेमे में भी मोदी की दखल होगी। सबा नकवी ने कहा कि कुछ सालों में नेशनल चुनाव में भाजपा जीतती आई है। वर्तमान में बिहार में जो हुआ, वह बड़ी चीज हुई। झारखंड की सरकार बच गई। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा शुरू हो रही है।पहले ऐसा नहीं था, मगर इस समय ऐसा हो रहा है। ईडी, सीबीआई दौड़ रही है, तो विपक्षी खेमे में भी खलबली तो हैं। राजेश बादल ने कहा कि नीतीश की जो सियासी सरगर्मिया हैं तो थोड़ा जल्दबाजी होगा कयास लगाने के लिए। प्रयास शुरू होते हैं तो बाद में दम तोड़ देते हैं। ममता बनर्जी ने नीतीश को बधाई नहीं दी। दोनों में अनबन रहती हैं। ममता नीतीश के साथ आएंगी, ऐसा लगता नहीं है।

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