किसान बेजार, ये कैसी सरकार, है धिक्कार: अखिलेश
- बोले- किसानों पर गोलों की बौछार, ये कैसा अमृतकाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। दिल्ली की तरफ जा रहे किसानों के जत्थे पर पुलिस द्वारा आंसू गैस छोडऩे को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र की मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की है और कहा कि ये कैसा अमृतकाल है जब किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। धिक्कार है…। उन्होंने कहा कि जो कुछ हो रहा है और जिस प्रकार की खबरें आ रही हैं कि आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए और आंदोलन खत्म करने के लिए कीलों के साथ-साथ दीवारें तक खड़ी की गई। प्रशासन के माध्यम से सरकार जो कर सकती थी कर रही है।
दिल्ली की सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। ये वही सरकार के लोग हैं जिन्होंने किसानों से कहा कि उनकी आय दोगुनी हो जाएगी, फसल की कीमत मिलेगी, न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि अपनी इन्हीं मांगों को लेकर किसानों ने एक साल तक आंदोलन किया था। इस दौरान 700 किसानों की जान चली गई थी। ये सरकार चौधरी चरण सिंह और एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देकर किसानों के वोट तो लेना चाहती है लेकिन उनकी बातों को नहीं मानना चाहती है। आने वाले चुनाव में जनता उनको सबक सिखाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मुनाफा कमाने वालों से मिली हुई है।
सरकार को किसानों की मांगों को गंभीरता से लेना चाहिए : मायावती
लखनऊ। सरकार भारत को अन्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने वाले मेहनतकश किसानों की मांगों को गंभीरता से ले तथा उन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके उनका समय से समुचित समाधान करे, ताकि अन्नदाता किसानों को अपनी मांगों के समर्थन में बार-बार आंदोलन के लिए मजबूर न होना पड़े। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि सरकार को किसानों की मांगों को गंभीरता से लेना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय केंद्र को उनसे बातचीत करनी चाहिए। मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘सरकार भारत को अन्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने वाले मेहनतकश किसानों की मांगों को गंभीरता से ले तथा उन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके उनका समय से समुचित समाधान करे, ताकि अन्नदाता किसानों को अपनी मांगों के समर्थन में बार-बार आंदोलन के लिए मजबूर न होना पड़े। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन में शामिल किसानों पर सख्ती करने के बजाय उनसे वार्ता करके प्रदर्शन को समाप्त कराने का प्रयास करती है तो यह बेहतर होगा।