आखिरकार वो ही हुआ जिसका डर था, नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले दिया झटका!
देश की मोदी सरकार अल्पमत में हैं... और यह बात उसके सहयोगी दल अच्छी तरह से जानते हैं... उनके दोनों सहयोगी बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू है... जो बीजेपी को समर्थन देने के लिए अच्छी कीमत वसूल रहे है... देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट....
4पीएम न्यूज नेटवर्कः देश की मोदी सरकार अल्पमत में हैं… और यह बात उसके सहयोगी दल अच्छी तरह से जानते हैं… उनके दोनों सहयोगी बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू है… जो बीजेपी को समर्थन देने के लिए अच्छी कीमत वसूल रहे है… बता दें कि नीतीश कुमार ने सीएम पद को छोड़कर अब बीजेपी नेताओं को दबाव में लेकर यह ऐलान भी करवा दिया है कि जब भी बिहार में चुनाव होंगे… उसका नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे… वहीं बीजेपी के पास नीतीश की बात मामने के अलावा कोई और चारा नहीं है.,… मोदी को मजबूरी में नीतीश कुमार की सारी मांगों को पूरा करना होगा… नीतीश कुमार बीजेपी को दिए गए समर्थन का भरपूर लाभ ले रहें है… आपको बता दें कि राज्य को विशेष राज्य के दर्जे की मांग नहीं पूरी होने के बाद वो भरपूर लाभ उठा रहें हैं… बता दें कि नीतीश कुमार ने मोदी को पत्र लिखकर एक बड़ी मांग कर दी है… और बिहार के सीतामढ़ी के सौंदर्यीकरण और विकास करने की मांग करी है… आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने मोदी से अयोध्या और वाराणसी की तर्ज पर सीतामढ़ी के विकास किए जाने की मांग की है… बता दें कि पत्र में नीतीश कुमार ने अयोध्या से पुनौराधाम तक वंदेभारत ट्रेन चलाने की भी मांग की है….
आपको बता दें कि बिहार को भले ही विशष राज्य का दर्जा न मिला हो.,… लेकिन मोदी को सहारा देने के एवज में नीतीश कुमार पूरी अच्छी कीमत वसूल रहें है… नीतीश के इस मांग का आरजेडी ने समर्थन कर दिया है…. और बीजेपी को तो मजबूरी में ही समर्थन करना पड़ेगा…. क्योंकि नीतीश जब तक रहेंगे और बिहार में जब भी चुनाव होंगे नीतीश ही उसकी अगुवाई भी करेंगे…. बिहार के सीतामढ़ी स्थित पुनौरा धाम को माता सीता की जन्मस्थली कहा जाता है….. सीएम नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में चिट्ठी लिखकर अवगत कराया है…. कि निर्माणाधीन जानकी मंदिर यानी की सीता जन्मभूमि के विकास की ओर भी ध्यान दिया जाए…. यहां तक रेल और सड़क संपर्कता के काम में तेजी लाने के लिए पीएम मोदी से आग्रह किया गया है…. पत्र में नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण और पवित्र नगरी अयोध्या के विकास को लेकर किये गए कार्य के लिए बधाई दी है…. इसके बाद बिहार के सीतामढ़ी स्थित माता सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम और इसके महत्व से अवगत कराते हुए…. मंदिर के सौंदर्यीकरण और विस्तार को लेकर चल रहे विकास कार्यों की जानकारी दी है….
बिहार के सीएम ने लिखा है कि भारत सरकार की ओर से अयोध्या से सीतामढ़ी तक राम-जानकी मार्ग का निर्माण किया जा रहा है….. इससे श्रद्धालुओं को अयोध्या के साथ-साथ मां सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम आने में सुविधा होगी…. और उन्होंने इस मार्ग के शीघ्र निर्माण पूरा करने का भी आग्रह करते हुए संबंधित मंत्रालय को निर्देश देने की बात कही है…. इसके अलावा रेल संपर्क बढ़ाने के लिए शुरू की गई वंदे भारत ट्रेनों के परिचालन को लेकर पीएम मोदी को नीतीश कुमार ने धन्यवाद दिया है…. साथ ही सीतामढ़ी से अयोध्या के लिए भी एक वंदे भारत ट्रेन का परिचालन शुरू करने के लिए रेल मंत्रालय को निर्देश देने का आग्रह किया है…. बता दें कि नीतीश कुमार बीजेपी को सहारा देने का भरपूर लाभ ले रहें है…. और एक के बाद एक मांगे पूरी कराने के लिए मोदी को मजबूर कर रहें है… वहीं अगर मोदी कभी नीतीश की मांगे पूरी करने में असफल रहते है… और किसी कारणवश उनका साथ छूट जाता है…. तो पलटी मार के नाम से मसहूर नीतीश की छबि पर भी कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा… क्योंकि नीतीश पिछले दस सालों में पांच बार पलटी मार चुके है.,.. और अब वो पलटी मारने की छबि से बाहर आना चाहते है… जिसके चलते वो अपनी बैसाखी का सहारा देखर केंद्र में मोदी खड़ा करने का पूरा लाभ लेना चाह रहें है…
बता दें कि जब देश का बजट आया था… तो नीतीश कुमार ने बिहार के लिए सबसे अधिक आर्थिक सहायता केंद्र से प्राप्त की थी… उसके बाद बिहार के मंदिरों के विकास के लिए उनका उद्धार और विकास करने के लिए अब नई मांग की है… आपको बता दें कि नीतीश को पता है… कि अगर मंदिर का विकास होगा… पर्यटक घूमने के लिए आएंगे… जिससे राज्य का आर्थिक विकास होगा… स्थानीय लोगों का भी विकास होगा… और स्थानीय लोगों के जीवन में सुधार होगा…. बता दें कि अपनी छबि को सुधारने की कोशिश कर रहें है… और एक के बाद एक मांगें कर रहें है… और ऐसा रास्ता तलाश रहें है,,, कि बीजेपी से किनारा करने के बाद उनके पलटीमार छबि को खत्म करने की फिराक में है… वहीं नीतीश के एक के बाद एक मांग से बीजेपी की टेंशन लगातार बढ़ रही है…वहीं अग मोदी नीतीश की मांगों के नहीं पूरा करते हैं… तो उन पर हिंदू विरोधी होने का इल्जाम लगता रहेगा… तो मजबूरी में बीजेपी को नीतीश की मांगों को पूरा करना पड़ेगा… न चाहते हुए भी मोदी को नीतीश की सभी मांगों पूरा करेगी….बता दें कि नीतीश कुमार मोदी और बीजेपी की कमजोरी का पूरा फायदा उठा रहें है… और मोदी से एक-एक करके अपनी सभी मांगों को पूरा कर रहैं… वहीं मोदी और बीजेपी नीतीश की मांगों को कबतक पूरा करती रहेगी… यह तो आने वाला वक्त तय करेगा….
वहीं बीजेपी के दूसरे सहयोगी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी मांगो को लेकर कहां चुप बैठने वाले है…नायडू तो मोदी से मिलने के लिए अपना प्लान बना रहें है… और जल्दी ही दिल्ली आने वाले है… वहीं बैसाखी के सहारे चल रहे मोदी को नायडू के लिए भी सरकारी खजाने को खोलना पड़ेगा… बता दें कि बैसाखी का सहारा देने वाले दोनों सीएम अपने पेंडिंग पड़े सभी कामों को पूरा कराने में जुट गए है… और अपना सहारा देने का भरपूर लाभ ले रहें है… वहीं बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है….. एक तरफ एनडीए और इंडिया गठबंधन के घटक दलों के नेता अलग-अलग नामों से राजनीतिक यात्राएं निकाल रहे हैं…. दूसरी ओर सीएम नीतीश कुमार जल्द से जल्द बोर्ड-निगम में रिक्त पदों को भरने की कोशिश में लगे हैं…. अभी तक बीस सूत्री समिति और बाल संरक्षण आयोग के खाली पद भरे गए हैं….. दोनों ही संस्थाओं में भाजपा और जेडीयू ने अपने लोगों को ही रखा है…. लेकिन एनडीए के तीन घटक दल- चिराग पासवान… और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले लोजपा के दोनों धड़े, जीतन राम मांझी की हम… और उपेंद्र कुशवाहा के आरएलएम के हाथ खाली हैं…. अभी और ऐसी संस्थाओं में सदस्य और अध्यक्ष की नियुक्ति होनी है…. माना जा रहा है कि वहां भी यही क्रम दोहराया जाएगा….
इसे एनडीए में तकरार का बीजारोपण माना जा रहा है…. नीतीश कुमार लाख सफाई दें कि वे अब एनडीए छोड़ इंडिया ब्लॉक के साथ नहीं जाएंगे….. लेकिन उनकी पुराने अंदाज को देख किसी को भरोसा नहीं हो रहा है…. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को अगर आंख मूंद कर समर्थन दिया है…. और भाजपा की हर बात अब तक मानी है…. तो इसकी महंगी कीमत भी वे वसूल करेंगे…. भाजपा को मजबूर होकर उनकी शर्तें माननी भी पड़ेंगी…. जेडीयू की पहली मांग कि नीतीश कुमार ही बिहार में एनडीए के नेता होंगे…. भाजपा ने आंख मूंद कर स्वीकार कर ली है….. इसकी झलक तो उसी दिन दिख गई थी…. जब नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से लौटे बिहार के उपमुख्यमंत्री….. और तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पटना पहुंचते ही घोषणा कर दी कि भाजपा नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी…. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी इसका खंडन नहीं किया….
एनडीए के सहयोगी दलों में चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा (आर) ने चालीस सीटों की दावेदारी ठोक दी है….. बार्गेनिंग की स्थिति में चिराग को हर जिले में एक यानी कुल अड़तीस सीटें चाहिए…. और उन्होंने तो दबाव बनाने के लिए पहले ही दो सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं…. शेखपुरा और मटिहानी के लिए चिराग ने उम्मीदवार के नाम फाइनल कर दिए हैं…. आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी कह रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में जो गलतियां हुईं….. उसे विधानसभा चुनाव में दुरुस्त करेंगे. लोकसभा चुनाव में आरएलएम को एक ही सीट मिली थी….. उपेंद्र कुशवाहा खुद लड़े, लेकिन हार गए…. और उन्होंने बिहार यात्रा नाम से बिहार में अपनी राजनीतिक यात्रा पच्चीस सितंबर से शुरू करने की घोषणा भी कर दी है…. हम के संस्थापक जीतन राम मांझी अभी कुछ बोल नहीं रहे…. लेकिन बार्गेनिंग के वे मास्टर हैं…. वे भी इनकी दखादेखी इतनी सीटों की मांग कर दें…. जो संभव न हो तो आश्चर्य नहीं….
आपको बता दें कि जेडीयू की बड़ी बैठक हुई…. कई मुद्दों पर चर्चा तो हुई ही…. विधानसभा चुनाव पर गहन चर्चा हुई…. उम्मीदवारों के चयन से लेकर सीटों तक की बात हुई…. बैठक से निकली जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार की इच्छा एक सौ पैंतीस सीटों पर चुनाव लड़ने की है…. भाजपा से गठबंधन तो रहेगा, लेकिन सहयोगी दलों को मनाने और उन्हें सीट देने की जिम्मेवारी भाजपा की होगी…. यानी एक सौ आठ सीटें भाजपा को जेडीयू देगी…. जिसमें उसे एनडीए के अन्य दलों के अलावा अपने लिए भी सीटें रखनी होंगी…. नीतीश का यह पाशा भाजपा पर भारी पड़ेगा…. जेडीयू का मानना है कि पार्टी ने केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार को समर्थन दिया है…. मंत्री बनाने से लेकर उनके विभाग बंटवारे…. और स्पीकर-डिप्टी स्पीकर के चुनाव तक में जेडीयू ने भाजपा को खुली छूट दी….. यहां तक कि भाजपा ने आरएलएम के उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू के हिस्से की सीट से राज्यसभा भेजना चाहा तो नीतीश ने कोई एतराज नहीं किया…. वहीं अब बिहार में नीतीश कुमार अपने हिसाब से चलना चाहते हैं…. हालांकि, बैठक में यह भी राय बनी कि बातचीत में सीटें थोड़ी आगे-पीछे हो सकती हैं….. लेकिन जेडीयू किसी भी हाल में भाजपा से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी… इसी संदर्भ में पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नीतीश से मुलाकात की खबरें भी मीडिया में आई थीं…. यानी एनडीए में टिकट बंटवारा आसान नहीं होगा….
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने अधिक सीटें मांगने का कारण बताया है…. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी परफार्मेंस अच्छा रहा है…. विधानसभा चुनाव में इसे और बेहतर बनाना है…. शत प्रतिशत सफलता के लिए काम सभी को मिल कर काम करना है… जेडीयू ने हर क्षेत्र के प्रभारी नियुक्त किए हैं…. सबको अपने इलाके में जोर शोर से काम करना होगा. उन्होंने लोकसभ चुनाव के आंकड़े भी बताए… और उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में दो सौ तैंतालीस विधानसभा क्षेत्रों में जेडीयू चौहत्तर सीटों पर और भाजपा अरसठ सीटों पर आगे रहे….. जेडीयू इसी आधार पर अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रहा है…. अंदर की सूचना यही है कि जेडीयू एक सौ पैंतीस सीटें अपने लिए रखेगा… और बाकी सीटें भाजपा को देगा…. जेडीयू का तर्क है कि उसका समझौता भाजपा से है…. भाजपा अपने हिस्से की सीटों में से सहयोगी दलों को देगी… बड़े भाई की भूमिका में रहने के कारण जेडीयू भाजपा से अधिक सीटों पर लड़ेगी… आपको बता दें कि नीतीश की नई मांगों ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है… वहीं अब देखना होगा की बीजेपी इस नई मुसीबत को कैसे पार करती है… यह तो आने वाला वक्त तय करेगा…