वित्त मंत्री ने संसद में पेश किया न्यू इनकम टैक्स बिल, जानें नया नियम
4PM न्यूज़ नेटवर्क: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (13 फरवरी) को संसद की लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल पेश कर दिया है। पिछले हफ्ते 7 फरवरी को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई थी। आज लोकसभा में पेश होने के बाद नए इनकम टैक्स बिल को आगे की चर्चा के लिए संसदीय वित्त स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा। यह नया विधेयक लगभग 60 साल पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा और टैक्स सिस्टम को सरल, पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाएगा।
आपको बता दें कि इस बिल पर संसदीय समिति अपनी सिफारिशें देगी, जिसके बाद इसे एक बार फिर कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। संसदीय समिति की सिफारिशों के बाद इसे एक बार फिर कैबिनेट की मंजूरी चाहिए होगी। मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को दोबारा संसद में पेश किया जाएगा। पुराने 823 पन्नों के मुकाबले नया इनकम टैक्स बिल 622 पन्नों में तैयार किया गया है। बिल में चैप्टर्स की संख्या 23 है, लेकिन सेक्शन्स 298 से बढ़कर 536 हो गए हैं।
जानिए New Income Tax Bill में प्रस्तावित सुधार
‘टैक्स ईयर’ का इस्तेमाल
नए बिल में ‘असेसमेंट ईयर’ की जगह ‘टैक्स ईयर’ शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा, जो 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की 12 महीने की अवधि होगी।
नए व्यवसायों के लिए कर वर्ष
अगर कोई नया बिजनेस या पेशा शुरू किया जाता है, तो उसका टैक्स ईयर उस दिन से शुरू होगा और उसी वित्तीय वर्ष के अंत में खत्म होगा।
सुधारी गई कानूनी भाषा
नए बिल में कानूनी शब्दों को आसान और छोटा किया गया है, जिससे इसे समझना आसान होगा।
शेड्यूल्स में वृद्धि
शेड्यूल्स की संख्या 14 से बढ़कर 16 हो गई है।
जानें क्यों लाया गया नया इनकम टैक्स बिल?
मौजूदा इनकम टैक्स अधिनियम कई दशकों पुराना होने के कारण तकनीकी रूप से जटिल और व्यवहारिक रूप से बोझिल हो गया था। इसमें समय-समय पर बदलाव किए गए, लेकिन यह आज की डिजिटल और आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए पूरी तरह से अनुकूल नहीं था। इस कारणवश सरकार ने टैक्स सिस्टम को सरल बनाने, टैक्सपेयर्स को राहत देने और अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नए इनकम टैक्स बिल 2025 को पेश किया है।
जटिल प्रावधानों का हटना
पुराने कानून में मौजूद जटिल स्पष्टीकरण और प्रावधान हटा दिए गए हैं, जिससे इसे समझना आसान हो गया है।
वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर कड़े नियम
क्रिप्टोकरेंसी जैसे वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को अब अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत माना जाएगा.
टैक्स चोरी रोकने के उपाय
डिजिटल ट्रांजैक्शन और क्रिप्टो एसेट्स पर कड़े प्रावधान, पारदर्शिता बढ़ाने और टैक्स चोरी को रोकने के लिए लागू किए गए हैं.
टैक्सपेयर्स चार्टर
नए बिल में टैक्सपेयर्स चार्टर भी शामिल किया गया है, जो करदाताओं के अधिकारों की रक्षा करेगा और टैक्स प्रशासन को पारदर्शी बनाएगा।