काशी विश्वनाथ में रुपए लेकर स्पर्श दर्शन कराने पर प्राथमिकी दर्ज
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगलवार शाम श्रद्धालुओं से रुपए लेकर स्पर्श दर्शन कराने वाले दो कर्मचारियों को सीईओ की टीम ने रंगे हाथों दबोच लिया। दोनों को हिरासत में लेकर पुलिस के हवाले कर दिया गया। थाने में पूछताछ के दौरान दोनों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने सच्चाई कबूल की। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ चौक थाने में केस दर्ज कराया गया। पैसे लेकर दर्शन कराने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।
वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद भक्तों के लिए आसानी से दर्शन की व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है। मंदिर में स्पर्श दर्शन का समय भी निर्धारित है। दर्शन पूजन निशुल्क है। इसी बीच मंदिर में आने वाले दूर-दराज के श्रद्धालुओं से दर्शन के नाम पर रुपए लेने का मामला सामने आया।
प्राइवेट कर्मियों ने गैरजनपद से आने वाले श्रद्धालुओं के समूह से स्पर्श दर्शन कराने और अंदर लाइन तक पहुंचाने का आश्वासन देकर रकम वसूल ली। आउटसोर्सिंग कर्मी को बिना किसी पत्र के श्रद्धालुओं को ले जाते देखकर सुरक्षाकर्मियों ने टोका तो उसने बहाना बनाने की कोशिश की। बाद में कर्मचारी ने रुपए लेकर दर्शन कराने की बात स्वीकार कर ली। उसने अपने साथी का नाम भी बताया, जिसको गेट से पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
आरोप है कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर 4 पर प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रोहित से कुछ श्रद्धालुओं ने प्रवेश के लिए अपील की। उसने श्रद्धालुओं से स्पर्श दर्शन के नाम पर पैसा ले लिया और उन्हें अंदर भेज दिया। सुलभ कंपनी का एक सेवादार अभिषेक भी उसके साथ संलिप्त पाया गया। दोनों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के विरुद्ध मंदिर प्रशासन की तरफ से मंदिर के कामों में बाधा पहुंचाने और दर्शनार्थियों से पैसा लेने के आरोपों में चौक थाने में स्नढ्ढक्र दर्ज कराई गई है ।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि डिप्टी कलेक्टर और पुलिस टीम के औचक निरीक्षण में मंदिर का सिक्योरिटी गार्ड और सुलभ कंपनी का सेवादार पैसा लेकर स्पर्श दर्शन कराते हुए पकड़ा गया। इनके खिलाफ चौक थाने में स्नढ्ढक्र दर्ज कराई गई। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों की बढ़ती संख्या के बीच मंदिर की व्यवस्थाओं को सुधारने का प्रयास जारी है। व्यवस्थाओं के बीच दिन में मंदिर के अधिकारियों और पुलिस औचक निरीक्षण करती है। सुबह और शाम के समय निगरानी और सतर्कता बढ़ा दी जाती है।