झारखंड में एक हफ्ते में अज्ञात बीमारी के कारण पांच बच्चों की मौत, एक दर्जन बच्चे जूझ रहे जिंदगी और मौत के बीच

नई दिल्ली। झारखंड के साहेबगंज जिला में एक अज्ञात बीमार के कहर से ह?कंप मच गया है. अज्ञात बीमारी के संक्रमण के कारण पिछले महज 7 दिनों के अंदर ही साहेबगंज जिला के नगरभि_ा गाँव मे आदिम जनजातीय पहा?िया समुदाय के 5 बच्चों की एक के बाद एक हुई मौत है. अज्ञात बीमारी से पांच बच्चों की मौत से पूरे गांव में दहशत है वहीं स्वास्थ्य महकमे में हडक़ंप मच गया है. ग्रामीणों के मुताबिक लगभग एक दर्जन से ज्यादा गांव के बच्चे बीमार भी हैं.
पांच बच्चों की मौत की सूचना के बाद साहिबगंज जिला के सिविल सर्जन के द्वारा एक टीम गठित की गई है. स्वास्थ्य जांच के लिए टीम को उक्त गांव में भेजा गया है , संक्रमित बच्चों के खून की जांच इक_ा कर बीमारी के चिन्हितीकरण के साथ-साथ जरूरी दवा भी दी गई है. ग्रामीणों के मुताबिक गांव के बच्चों के अंदर अज्ञात बीमारी से पीड़ित होने के कारण पहले उनकी आंखें पीली पड़ी. इसके बाद उन्हें तेज बुखार हुआ सर्दी खांसी सिर दर्द की शिकायत हुई. वहीं कुछ घंटे के अंदर बच्चों की हालत इतनी तेजी से बिगड़ी कि उन्हें बचाया न जा सका. इस बीमारी से 12 अभी भी बीमार हैं.
साहिबगंज जिला के सिविल सर्जन डॉक्टर प्रवीण कुमार संथाली ने भी पांच बच्चों के मौत की पुष्टि की है. वहीं ग्रामीणों के मुताबिक एक नाबालिक बच्चों की मौत रविवार को हुई है जबकि दो की मौत शनिवार को वहीं दो बच्चों की मौत कुछ दिन पूर्व हुई थी. शुरुआती जांच के क्रम में कुछ नाबालिक बच्चों के ब्रेन मलेरिया से पीड़ित होने की बात कही जा रही है.
मृतक बच्चों की पहचान
1.एतवारी पहाड़ीन ( 2 वर्ष) -पिता बीजू पहाडय़िा 2. बेफरे पहाडय़िा ,4 वर्ष – पिता गोले पहाडय़िा 3. जीता पहाड़ीन – पिता चांदू पहाडय़िा 4. सजनी पहाड़ीन – पिता सोमरा पहाडय़िा 5. विकास पहाडय़िा – पिता आसना पहाडय़िा
हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि बच्चों की मौत किस बीमारी से हुई है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम साहिबगंज जिला अंतर्गत मंडरो प्रखंड के बसहा पंचायत के नगरर्भिठा गांव में कैंप करने के साथ बच्चों के अज्ञात बीमारी से संक्रमित होने को लेकर निगरानी कर रही है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि गंदे पानी पीने के कारण और गांव में गंदगी का अंबार होने से ऐसी बीमारी की चपेट में आकर बच्चों का असमय निधन हुआ है. हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि बच्चों की मौत के लिए कौन सी बीमारी जिम्मेदार है.