गुजरात में हादसों की बाढ़, मोदी राज में लोगों की जान सस्ती, सरकार मौन
गुजरात में लगातार हो रहे हादसों से लोगों की जान पर बन आई है... लेकिन सरकार खामोश है.... आखिर इन हादसों का जिम्मेदार कौन है?

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात मॉडल की आए दिन हवा निकल रही है….. मोदी सरकार की जमकर फजीहत हो रही है….. लेकिन डंकापति और उनके कारिंदो को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है….. उन्होंने तो बस जनता को सिर्फ वोट की मशीन समझा….. और उनकी जान की कोई परवाह नहीं है….. चुनाव आते ही डंकापति रोने लगते है….. और जनता का ध्यान भटकाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है…. जो किसी से भी छुपा नहीं है….. लेकिन गुजरात में हो रहे लगातार हादसों से भी सरकार कोई सबक नहीं ले रही है…… और सत्ता में आने के बाद आम जनता को उनके हाल पर ही छोड़ दिया है….. ऐसा लगता है कि गुजरात में हादसों की बाढ़ आ गई है….. जिम्मेदार मौन है….. कोई भी अपनी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है….. बस अपनी नाकामी को छुपाने के लिए हमेशा से पिछली सरकारों का दोश दिया जाता रहा है…..
गुजरात विश्वगुरू का घर है….. वहां पर लगातार दशकों से बीजेपी की सरकार रही है….. मोदी ने गुजरात मॉडल का पूरी दुनिया में खूब डंका पीटा….. लेकिन गुजरात मॉडल की हालत खस्ता है….. लोग हादसे में रोज अपनी जान गवां रहे हैं….. आपको बता दें कि गुजरात को कभी विकास का मॉडल कहा जाता था…… आजकल बार-बार होने वाले हादसों की वजह से सुर्खियों में है…… हाल ही में पंचमहल जिले के पावागढ़ पहाड़ी पर रोपवे का हादसा हुआ…… जिसमें छह लोगों की जान चली गई….. वहीं यह हादसा सिर्फ एक घटना नहीं है…… बल्कि गुजरात में बढ़ते हादसों की एक कड़ी लगता है….. लोग पूछ रहे हैं कि क्या मोदी सरकार के राज में लोगों की जान की कीमत कम हो गई है…… सरकार की तरफ से ज्यादा कुछ नहीं कहा जा रहा…… जिससे लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है…..
आपको बता दे कि शनिवार को पंचमहल जिले के पावागढ़ पहाड़ी पर एक कार्गो रोपवे का केबल अचानक टूट गया…… यह रोपवे निर्माण सामग्री ले जा रहा था……. और इसमें सवार लोग गिरकर नीचे पहाड़ी पर जा गिरे……. इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई……. जबकि चार घायल हुए…… पावागढ़ एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां महाकाली मंदिर है…… यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं…… लेकिन इस बार हादसा निर्माण कार्य से जुड़े रोपवे में हुआ…… पुलिस और प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया….. लेकिन छह लोग बच नहीं सके…..
जानकारी के मुताबिक हादसे के पीड़ितों में ज्यादातर मजदूर और स्थानीय लोग थे….. एक महिला ने बताया कि उसके बेटे ने हादसे से ठीक पहले फोन किया था…… और कहा था कि वह जल्दी आ रहा है….. लेकिन वह कभी नहीं लौटा….. हादसे के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए…… जिसमें लोग चीखते-चिल्लाते दिखाई दे रहे हैं….. पंचमहल कलेक्टर अजय दहिया ने बताया कि जांच कमेटी बनाई गई है…… जिसमें चार वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी शामिल हैं….. कमेटी साइट पर जाकर जांच कर रही है कि केबल क्यों टूटा? क्या रखरखाव में लापरवाही हुई? या निर्माण में कोई गड़बड़ी थी…..
वहीं यह हादसा पहला नहीं है….. पावागढ़ में पहले भी छोटे-मोटे हादसे हो चुके हैं…… लेकिन इस बार मौतों की संख्या ज्यादा है…… स्थानीय लोग कहते हैं कि पर्यटन बढ़ाने के नाम पर जल्दबाजी में काम हो रहा है…… जिससे सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा….. सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है…… लेकिन लोग पूछ रहे हैं कि क्या सिर्फ पैसे से जान की कीमत चुकाई जा सकती है…… पावागढ़ हादसा अकेला नहीं है…… 2024 से 2025 तक गुजरात में कई बड़े हादसे हुए हैं…… जिनमें सड़क दुर्घटनाएं, पुल गिरना, विमान हादसा और आग लगने की घटनाएं शामिल हैं……
आपको बता दें कि गुजरात में सड़कें अच्छी मानी जाती हैं….. लेकिन हादसे कम नहीं हो रहे…… 2025 में अहमदाबाद में सीधी सड़कों पर 460 से ज्यादा मौतें हुईं…… जो देश के टॉप 5 शहरों में शामिल है…… अगस्त 2025 में सुरेंद्रनगर में दो कारों की टक्कर में आठ लोग मारे गए, जिसमें दो बच्चे भी थे……. जुलाई 2025 में गांधीनगर में एक नशे में धुत ड्राइवर ने पैदल चलने वालों को कुचल दिया, जिसमें दो की मौत हुई…… सितंबर 2025 में हाईवे पर SUV पलटने से तीन इंजीनियरिंग छात्र मारे गए……
जुलाई 2025 में गुजरात में एक पुल गिरने से नौ लोग मारे गए…… यह मोरबी पुल हादसे की याद दिलाता है…… जो 2022 में हुआ था और जिसमें 135 लोग मारे गए थे….. मोरबी में पुल की मरम्मत में लापरवाही थी…… और ठेकेदार पर आरोप लगे थे….. लेकिन क्या सबक सीखा गया…. इसका सीधा सा जवाब है कि कुछ नहीं….. लगातार हादसे हो रहे है…. लोगों की जान जा रही है…. लेकिन डंकापति और उनके जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए है…… वहीं जून 2025 में अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान AI 171 क्रैश हो गया….. जिसमें 244 यात्री सवार थे…… यह बड़ा हादसा था, और जांच अभी चल रही है….. विमानन विशेषज्ञ कहते हैं कि एयरपोर्ट की सुरक्षा में कमी हो सकती है…..
वहीं इन हादसों से लगता है कि गुजरात में इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बन रहा है…… लेकिन सुरक्षा पर कम ध्यान है…… राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि गुजरात में दुर्घटनाओं से मौतों की दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर है…… 2024-2025 में कम से कम 1000 से ज्यादा मौतें हादसों में हुईं….. नरेंद्र मोदी 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे, और अब केंद्र में प्रधानमंत्री हैं…… गुजरात को ‘मॉडल स्टेट’ कहा जाता था….. लेकिन क्या सुरक्षा में सुधार हुआ……
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा पर जोर दिया…… 2024 में गुजरात में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर 22.1 है….. जो राष्ट्रीय औसत 64.5 से कम है….. पीने के पानी की पहुंच 1981 से बढ़ी है…… और मोदी के समय में यह तेज हुई….. उत्तरी गुजरात में फ्लोराइड युक्त पानी की समस्या कम हुई…… आपदा प्रबंधन में भी सुधार हुआ….. और मई 2025 में मोदी ने गुजरात सीएम से बात की और सुरक्षा उपायों पर चर्चा की……
वहीं जानकारो का कहना हैं कि विकास के नाम पर सुरक्षा की अनदेखी हो रही है…… 2002 के दंगों में मोदी की भूमिका पर सवाल उठे…… जहां 1000 से ज्यादा मौतें हुईं….. बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई पर विवाद हुआ…. हाल के हादसों में सरकार पर लापरवाही के आरोप हैं……. सोशल मीडिया पर लोग कहते हैं कि ‘गुजरात मॉडल’ में जानों की गिनती नहीं होती…… 2015 में CAG रिपोर्ट ने मोदी के गुजरात सरकार की आलोचना की…… ट्रेन हादसों को साजिश बताया जा रहा है, और रेल मंत्री पर सवाल उठे…..
आपको बता दें कि मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने 2024 में कहा कि भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराधों की जांच ठीक से नहीं होती…… लेकिन हादसे सभी को प्रभावित करते हैं, चाहे कोई भी समुदाय हो….. पावागढ़ हादसे के बाद गुजरात सरकार ने जांच कमिटी बनाई…… लेकिन केंद्र से कोई बड़ा बयान नहीं आया…… मोदी सरकार पर आरोप है कि वह मौन है…… विपक्ष कहता है कि विकास प्रोजेक्ट्स में ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया जा रहा है….. लेकिन सुरक्षा चेक नहीं हो रहे…… मोरबी पुल हादसे में भी यही हुआ था…..
विशेषज्ञ कहते हैं कि हादसों की वजह खराब रखरखाव, ओवरलोडिंग और भ्रष्टाचार है…… एक रिपोर्ट में कहा गया कि गुजरात में सड़कें खराब हो गईं, अपराध बढ़ा, नौकरियां नहीं हैं….. सरकार को सख्त कानून बनाने चाहिए…… जैसे नए आपराधिक कानूनों में महिलाओं की सुरक्षा पर फोकस है….. वहीं स्थानीय लोग कहते हैं कि मोदी राज में विकास तो हुआ…… लेकिन जानों की कीमत नहीं है…… हादसे रोज हो रहे, सरकार चुप है…… विपक्षी नेता राहुल गांधी ने वडोदरा के गड्ढों पर सरकार की आलोचना की……. सुधार के लिए नियमित जांच, सख्त सजा और जनता की भागीदारी जरूरी है…..



