सामूहिक दुष्कर्म मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को उम्रकैद
एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई सजा, दो अन्य को भी आजीवन कारावास
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सूबे के पूर्व काबीना मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई। विशेष अदालत ने इस मामले में गायत्री के दो सहयोगी आशीष शुक्ला व लेखपाल अशोक तिवारी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। गायत्री समेत तीनों अभियुक्तों पर दो-दो लाख का जुर्माना भी ठोंका है।
विशेष जज पवन कुमार राय ने कहा है कि जुर्माने की समस्त धनराशि पीडि़ता की नाबालिग बेटी को दी जाएगी क्योंकि इस मामले में पीडि़ता का आचरण ऐसा नहीं रहा कि उसे जुर्माने का भुगतान किया जाए। उसकी बड़ी बेटी भी पक्षद्रोही घोषित हो चुकी है। ऐसे में उसकी छोटी बेटी ही वास्तव में पीडि़ता है जिसके पुर्नवास की जरूरत है। लिहाजा अर्थदंड की सम्पूर्ण धनराशि उसे ही दी जाए। बीते बुधवार को विशेष जज ने इन तीनों अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 376 डी व पॉक्सो एक्ट की धारा 5जी/6 के तहत दोषी करार दिया था लेकिन पॉक्सो एक्ट के प्रावधानो के मुताबिक जिस धारा के तहत अधिक सजा होगी, अभियुक्त को उसी धारा से दंडित किया जाएगा। लिहाजा उन्होंने अभियुक्तों को सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई।
गौरतलब है कि 18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में सामूहिक दुष्कर्म, जानमाल की धमकी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीडि़ता की अर्जी पर दिया था। पीडि़ता ने गायत्री प्रजापति व उनके साथियों पर गैंगेरप का आरोप लगाते हुए अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी जबरन शारीरिक संबध बनाने का इल्जाम लगाया था।