पुरानी योजनाओं को बंद कर रही बीजेपी सरकार: गहलोत
बोले- अगर राजीव गांधी के नाम पर आपत्ति तो अटल जी का नाम दें
जनता से जुड़ी योजनाओं को बंद न करें
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी की नई सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम में काम करने वाले लगभग 5,000 युवाओं की सेवाओं को समाप्त करने के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा बीजेपी सरकार को सकारात्मक सोच के साथ शासन चलाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे करीब 5,000 युवाओं की सेवाएं समाप्त करना उचित नहीं है। ये युवा सरकार की योजनाओं के बारे में जागरुक हैं एवं सरकार की काफी मदद कर रहे हैं। गहलोत ने आगे लिखा कि नई सरकार को इस योजना के नाम से परेशानी थी तो राजीव गांधी सेवा केन्द्रों की भांति नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर सकती थी। जबकि प्रदेशवासी जानते हैं कि पिछले कार्यकाल में बीजेपी सरकार द्वारा अस्थायी तौर पर लगाए गए पंचायत सहायकों को हमारी सरकार ने स्थायी कर उनका वेतन बढ़ाया था। ऐसी ही सकारात्मक सोच से नई सरकार को भी राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए। गहलोत का पोस्ट उसी दिन आया है जब राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने लोगों को आश्वासन दिया कि राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई सभी कल्याणकारी योजनाएं जारी रहेंगी। वह कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दे रहे थे कि उनकी सरकार ने पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई जन कल्याण योजनाओं को समाप्त करने की योजना बनाई है।
जनता देख रही, परेशानी न हो
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि हर विभाग भी असमंजस की स्थिति में है। जनता देख रही है कि अपनी समस्याओं के समाधान के लिए किन मंत्रियों के पास जाए। जल्द से जल्द मंत्रिमंडल गठन होना चाहिए जिससे सरकार का कामकाज सुचारू रूप से चल सके। मीडिया के माध्यम से ये भी जानकारी में आया है कि चिरंजीवी योजना में निजी अस्पतालों द्वारा इलाज नहीं किया जा रहा है। वर्तमान सरकार को हमारी सरकार की योजनाओं को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए जिससे जनता को परेशानी ना हो एवं कोई नई व्यवस्था लागू होने तक पूर्ववत व्यवस्था चालू रखनी चाहिए।
राजस्थान में कांगेस पर अब भी जनता का भरोसा
कांग्रेस को दान देने वालों में सबसे आगे राजस्थानी
जयपुर। राजस्थान में राज बदलने के रिवाज के चलते कांग्रेस पार्टी सत्ता से तो दूर हो गई, लेकिन पार्टी के सपोर्ट बेस के तौर पर राजस्थान अब भी सबसे बड़े किलों में शामिल है। इस दावे के लिए तर्क के तौर पर कांग्रेस के हाल ही में शुरू किए गए डोनेट फॉर देश कैंपेन से मिलने वाले आंकड़ों को गिना जा सकता है। राजस्थान को इस मुहिम के दौरान सबसे ज्यादा पैसा भले ही महाराष्ट्र से मिला हो, लेकिन सबसे ज्यादा दानदाता राजस्थान से हैं। कांग्रेस पार्टी अब तक डोनेट फॉर देश कैंपेन के जरिए 5 करोड़, 49 लाख, 18 हजार 615 रुपए इक_े कर चुकी है। इसमें से 58 लाख 86 हजार 862 रुपए तो सिर्फ राजस्थान से ही इक_े किए गए हैं। इस कैंपेन के जरिए कांग्रेस को किए गए दान के मामले में राजस्थान दूसरे नंबर पर है। वहीं दानदाताओं की बात करें तो राजस्थान पहले नंबर पर है। कांग्रेस को दान देने वालों में से 16.08 फीसदी दानदाता राजस्थान के ही हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव के आंकड़े भले ही कांग्रेस पार्टी के लिए मुफीद न रहे हों, लेकिन राजस्थान से मिल रहे दान ने जरूर राजस्थान कांग्रेस को दम दिया होगा। यहां बता दें कि राजस्थान कांग्रेस के कद्दावर नेता भी पार्टी के इस कार्यक्रम को सफल बनाने की कोशिश में जुटे हैं और जमकर दान भी कर रहे हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी 1 लाख 38 हजार-1 लाख 38 हजार का दान पार्टी को दिया है। कांग्रेस पार्टी डोनेट फर देश कैंपेन चला रही है, इस क्राउडफंडिंग अभियान के जरिए कांग्रेस फंड इक_ा कर रही है। कांग्रेस इसे पार्टी की स्थापना के 138 वर्षों से भी जोड़ रही है, जिसके लिए इस कैंपेन के जरिए डोनेशन की कैटेगरी भी 138, 1380, 13800, एक लाख 38 हजार रुपए की रखी है, इस कैंपेन के जरिए कांग्रेस के कार्यकर्ता घर-घर जाकर डोनेशन इक_ा कर रहे हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भले ही हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी ने बंपर जीत दर्ज की है। लेकिन कांग्रेस पार्टी के प्रति अब भी लोगों का प्यार बना हुआ है।