बजट सत्र में जवाबदेही कानून लाएगी गहलोत सरकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। यदि किसी पुलिस वाले ने आपकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं की तो उसकी नौकरी जा सकती है। लाइसेंस नहीं बना तो आरटीओ के कर्मचारी की नौकरी जा सकती है। ऐसी एक या दो नहीं, राजस्थान में लोगों से जुड़ी सैकड़ों सर्विसेज हैं, जो जल्द ही एक ऐसे कानून के दायरे में आ जाएंगी, जिसके तहत तय समय में काम नहीं करने पर अफसरों और कर्मचारियों को सजा मिलेगी। राज्य सरकार इसके लिए राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी और जवाबदेही विधेयक-2022 नाम से एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला कानून लाने वाली है।
इस कानून को बनाने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग ने आम लोगों से अपनी वेबसाइट पर सुझाव मांग रखे हैं। इन सुझावों को देने की अंतिम तारीख 9 नवंबर थी, जिसे अब बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में एक कार्यक्रम के तहत इसका जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक संगठनों ने कई बार इस कानून की मांग की है, अब जल्द ही इसे लाया जा रहा है। इधर सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस कानून को विधानसभा के अगले सत्र में पेश किया जाएगा। संभवत: अगला सत्र बजट सत्र होगा, जिसमें यह कानून पेश होगा। सरकारी विभागों में कार्यरत अफसरों-कर्मचारियों को जनता के काम समय पर करने के लिए जवाबदेह बनाने के लिए राज्य सरकार जो कानून लाना चाहती है, उस में जनता ने ही कोई खास रुचि नहीं दिखाई है। सचिवालय स्थित प्रशासनिक सुधार विभाग ने अपनी वेबसाइट पर महीने भर पहले इस कानून को बनाने के लिए आम लोगों से सुझाव मांगे थे। लेकिन कोई खास सुझाव मिले ही नहीं। राजस्थान में हाल ही सीएम अशोक गहलोत ने पुलिस जवाबदेही कमेटी बनाई है। इस कमेटी के गठित होने के बाद से ही प्रदेश में जवाबदेही कानून लागू करने की चर्चाएं तेज हो गई थीं। सीएम गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल में सेवाओं के प्रदान की गारंटी कानून भी 2011 में बनाया था।

गहलोत बोले, सावरकर ने 9 बार अंग्रेजों से माफी मांगी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर पंडित नेहरू की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। गहलोत ने सावरकर के आजादी में योगदान पर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने कहा- बीजपी वाले सावरकर का नाम ले रहे हैं। सावरकर ने तो जेल होते ही एक साल के अंदर अंग्रेजों से नौ बार माफी मांगी थी। जब विश्व युद्ध हुआ तो अंग्रेजों के लिए भर्ती करवाई। ये क्या मुकाबला करेंगे पंडित नेहरू का। देश के लिए नेहरू 9 साल तक जेल में रहे। दुर्भाग्य है कि पूरे देश के अंदर धर्म के नाम पर एक ढांचा बन गया। धर्म के नाम पर राजनीति करना सबसे आसान होता है। गहलोत ने कहा- बीजेपी-आरएसएस वाले धम्र के नाम पर गुमराह कर रहे हैं। ये फासिस्ट ताकतें लोगों को गुमराह कर रही हैं। सोची समझी साजिश के तहत देशवासियों को गुमराह किया जा रहा है। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के समारोह से नेहरू का नाम ही गायब कर दिया। नेहरू के योगदान और उनके नाम को मिटाने का षडयंत्र किया जा रहा है।

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