गहलोत सरकार 500 रुपए में देगी सिलेंडर, मूर्त रूप लेगा चुनावी दांव या रह जाएगा ‘जुमला’

नई दिल्ली। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अलवर के मालाखेड़ा में हुई एक जनसभा के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान की जनता के लिए बड़ा ऐलान किया. गहलोत ने मंच से कहा कि राज्य में 1 अप्रैल से बीपीएल परिवारों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर मुहैया करवाया जाएगा और सरकार एक साल में 12 सिलेंडर देगी. गहलोत की इस बड़ी घोषणा के बाद सियासी गलियारों में इसे चुनावी दांव कहा जाने लगा तो बीजेपी ने भी हमला बोला. बता दें कि गहलोत ने यात्रा के खत्म होने से पहले और राजस्थान विधानसभा चुनावों को देखते हुए सिलेंडर वाली घोषणा करके एक तीर से कई निशाने एक साथ लगाए हैं. जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में अगर ऐसा होता है तो प्रदेश के 2.5 करोड़ लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे.
बता दें कि गहलोत अगले महीने जनवरी में राज्य का बजट पेश करने जा रहे हैं ऐसे में बजट से पहले सिलेंडर वाला ऐलान उनका मास्टरस्ट्रोक भी माना जा रहा है. गहलोत के ऐलान के मुताबिक राजस्थान में सिर्फ उन परिवारों को सिलेंडर दिया जाएगा जो राजस्थान में बीपीएल श्रेणी में हैं या फिर केंद्र की उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी गैस सिलेंडर लेते हैं. मालूम हो कि यही सिलेंडर वर्तमान में लगभग 1050 रुपए में आत है जो 1 अप्रैल 2023 से राजस्थान सरकार आधी से भी कम कीमत पर देगी.
आंकड़ों में देखें तो राजस्थान में 69 लाख उज्ज्वला उपभोक्ताओं को 850 रुपए प्रति सिलेंडर की दर से गैस मिलती है वहीं बीपीएल श्रेणी में 6 लाख उपभोक्ता रजिस्टर्ड हैं. ऐसे में राजस्थान सरकार इन 75 लाख उपभोक्ताओं को सस्ता सिलेंडर देगी जिसका असर सीधा 2 करोड़ से अधिक की आबादी पर पड़ेगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि 75 लाख उपभोक्ताओं को 500 रुपए में सिलेंडर देने से राज्य सरकार पर हर साल अतिरिक्त लगभग 3300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा. दरअसल बीपीएल श्रेणी के 6 लाख उपभोक्ताओं को फिलहाल सिलेंडर 1050 रुपए में सिलेंडर मिलता है जो सरकार अगर 500 रुपए में देती है तो बाकी 550 रुपए राज्य सरकार खर्च करेगी.
वहीं उज्जवला के 69 लाख उपभोक्ताओं को फिलहाल सिलेंडर सब्सिडी के बाद 850 रुपए में सिलेंडर मिलता है ऐसे में उन्हें 500 रुपए में सिलेंडर मिलेगा तो बचे हुए 350 रुपए राज्य सरकार केंद्र को देगी. ऐसे में सरकार पर दोनों कैटेगरी के उपभोक्ताओं को सिलेंडर देने से सालाना 3294 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा.
जानकारों का कहना है कि सरकार ने अभी घोषणा की है और यह लागू अगले वित्तीय वर्ष यानि 1 अप्रैल से हो सकती है ऐसे में 2023 के चुनावों में बनी सरकार पर बड़ा वित्तीय भार पड़ेगा.
गहलोत की घोषणा में अतिरिक्त वित्तीय भार के इतर कांग्रेस एक तीर से कई निशाना लगाना चाहती है. रिपोर्ट के मुताबिक गहलोत चुनावी साल में महंगाई को एक बड़ा मुद्दा बनाना चाहते हैं. वहीं बीजेपी की केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना की काट इस घोषणा से करना चाहते हैं. इसके अलावा गहलोत राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी को संदेश देना चाहते हैं कि सरकार अपनी योजनाओं और घोषणा पर चुनाव लडऩा चाहती है.

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