कर्मचारियों का भविष्य शेयर बाजार के हाथ में छोड़ा जा रहा: गहलोत
ओपीएस पर वित्त मंत्री के बयान को बताया अनुचित, कहा-अपनी मंशा साफ करें निर्मला सीतारमण
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) पर दिए गए बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सीएम ने कहा कि ओपीएस पर वित्त मंत्री जवाब नहीं दे पाईं, एक वित्त मंत्री को गोलमोल जवाब देना शोभा नहीं देता। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि वित्त मंत्री साफ़ कर दें कि हम ओपीएस के खिलाफ हैं तो मालूम पड़ जाएगा कि उनकी मंशा क्या है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब ह्यूमन राइट्स कमीशन इसका विरोध कर चुका है, ज्यूडिशल कमीशन इसको मनाने को तैयार नहीं है, ज्यूडिशल सर्विस में ओपीएस रहेगा। आर्मी में ओपीएस रहेगा। बीएसएफ और बाकी सेवाओं में एनपीएस लागू होगा क्यों? जब एक कर्मचारी 35 साल की सेवा के बाद भी सुरक्षित नहीं महसूस करेगा तो फायदा क्या है, कई कर्मचारियों का भविष्य शेयर बाजार के हाथ में छोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में इसको लागू किया गया था और यह देखा गया कि यह काम नहीं कर रहा है तो अब भारत सरकार को इसको लागू करने की कोशिश क्यों करनी है। मुख्यमंत्री गहलोत ने रायपुर में होने वाले कॉंग्रेस पार्टी के अधिवेशन के पहले राज्य में होने वाली सीबीआई और ईडी की छापेमारी पर कहा कि आज देश में जो हो रहा है वो दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस दबने वाली पार्टी नहीं
जब से इनकी सरकार बनी है। 2014 से सरकार एजेंसी का दुरुपयोग हो रहा है, जहां भी राज्यों के चुनाव आते हैं इनकी कार्रवाई शुरू हो जाती है। गहलोत बोले कि रायपुर में जो अधिवेशन होने वाला है वो एक राष्टï्रीय पार्टी जिसने देश को आजाद करवाया है उसका महा अधिवेशन है। इससे पहले इस प्रकार की करवाई कर देश को क्या संदेश देना चाहते हैं। गहलोत बोले कि अम्बेडकर साहब ने देश का संविधान बनाया उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि देश में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आएगी जो खुले आम संविधान की धज्जियां उड़ाएगी। मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने बयान में कहा कि यह लोग जितना भी दबाव बना लें, कॉंग्रेस दबने वाली नहीं है। इनका मुकाबला करेंगे और जितने दुश्मन इन्होंने बनाए हैं वो इन पर भारी पड़ेंगे।