यहां ट्रेन से उतरते हैं भूत, खौफनाक नजारा देख भागे कारीगर, जानकर कांप उठेगी रूह!

दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं, जिनसे भूतों का कनेक्शन जुड़ गया है। भूत होते हैं या नहीं, ये तो व्यक्तिगत मान्यताओं पर निर्भर करता है। पर इन जगहों पर जाकर बहुत से लोगों ने ये दावा किया है कि उन्हें ऐसा महसूस हुआ है कि उनके इर्द-गिर्द भूतों जैसा कुछ मौजूद है। ऐसी ही एक जगह स्वीडन में मौजूद है। ये एक रेलवे स्टेशन है, जिसके लिए कहा जाता है कि यहां भूतों से भरी ट्रेन आती है और यहां पर सिर्फ भूतों का ही राज चलता है। जब आप इस जगह के बारे में जानेंगे, तो आपकी भी रूह कांप उठेगी। द सन वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार स्वीडन की राजधानी स्टॉकहॉम शहर में एक मेट्रो स्टेशन है, जिसका नाम है किमलिंज मेट्रो स्टेशन। शहर के आम लोगों की कहानियों और किस्सों में ये स्टेशन भुतहा है। अब वास्तविकता क्या है, ये तो कोई भी ठीक-ठीक नहीं बताता, पर मान्यताओं में यहां लोग जाने से डरते हैं। इसी वजह से ये स्टेशन आजतक अधूरा है। माना जाता है कि सालों पहले जब इस स्टेशन को बनाने का कार्य जारी था, तो यहां काम करने वाले कारीगर रातों-रात भाग निकले थे। उन्होंने अपने परिवार-दोस्तों से स्टेशन के राज का खुलासा करते हुए बताया था कि वहां भूत हैं। उनका कहना था कि रात में इस स्टेशन पर कुछ ट्रेनें आती हैं, जिनसे भूत उतरते हैं। तब से लोगों में ये अफवाह फैल गई कि स्टेशन पर देर रात ऐसी ट्रेनें आती हैं, जिसमें से भूत यात्रा कर यहां उतरते हैं। इस स्टेशन से जुड़ी जो सबसे खौफनाक बात है, वो है सिल्वर एरो ट्रेन। 1960 के दशक में स्टॉकहोम मेट्रो को 8 ट्रेनों की सौगात मिली थी जो अल्युमीनियम से पूरी तरह बनी थीं। वैसे तो ये स्वीडन में आम बात थी, पर जब वो उन ट्रेनों को स्टेशन पर लाया गया, तो उन्हें स्टॉकहोम की ट्रेनों के अन्य कोच की तरह हरे रंग में नहीं रंगा गया। प्रशासन ने सोचा था कि सिल्वर रंग के कोच, बाकी कोच से अलग नजर आएंगे। पर उन्हें ये कहां पता था कि इसकी वजह से अफवाहें भी फैलने लगेंगी. धीरे-धीरे अफवाह फैलने लगी कि ये ट्रेन रात में अपने आप चलने लगती है बाकी ट्रेनों पर लोग स्प्रे पेंट से पेंटिंग कर देते थे, या कोई विज्ञापन चिपका देते थे, पर सिल्वर एरो ट्रेनें बिना किसी दाग की होती थीं.(लोगों का मानना था कि ऐसा सिर्फ इस वजह से है क्योंकि ट्रेनों को भूत प्रयोग कर रहे हैं। कुछ लोग ये भी मानते थे कि अगर ट्रेन पर कोई जीवित व्यक्ति चढ़ गया, तो जो नीचे उतरेगा, वो उसका भूत होगा। प्रशासन ने इस स्टेशन और ट्रेन के बारे में कई बार बताया है। उनका कहना है कि स्टेशन खाली नहीं रहता, बस उसके निर्माण कार्य पर रोक लग गई थी। वो इसलिए क्योंकि स्टेशन जंगलों के बीच स्थित था और प्रशासन ने तय किया कि वो उसके आसपास की प्राकृतिक खूबसूरती को नष्ट नहीं करना चाहते इसके अलावा उन्हें लगा था कि ट्रेन को सिल्वर रंग का छोडऩे से उन्हें ये पता चल जाएगा कि यात्रियों को रंगीन ट्रेनों पर चलना पसंद है या फिर सादे रंग की ट्रेनों पर। इसके अलावा पेंट न करने से उनके काफी रुपये बच रहे थे।

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