सरकार का ऐलान, मलिन बस्तियों में रहने वालों को मिलेगा पक्का मकान

50,000 रुपये का बनाया जाएगा कार्पस फंड, एक हजार रुपये मेें होगा आवंटन

कैबिनेट ने दी मंजूरी, पीपीपी मॉडल पर विकसित किए जाएंगे अपार्टमेंट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गयी है। इसी कड़ी में योगी सरकार ने मलिन बस्तियों में रहने वालों को दीपावली पर बड़ा तोहफा दिया है। सरकारी व नजूल की जमीनों पर बसी मलिन बस्तियों में रहने वालों को उसी स्थान पर मल्टी स्टोरी भवन बनाकर पक्के मकान दिए जाएंगे। इस मकान का आवंटन 1000 रुपये नाम मात्र का शुल्क लेकर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।

पीपीपी माडल के लिए ऐसी मलिन बस्तियां चुनी जाएंगी जो राजकीय भूमि पर, नगरीय निकायों की भूमि पर, नजूल की भूमि पर हों। इस योजना के तहत उन बस्तियों को नहीं लिया जाएगा जो नदी, नाले या अन्य खतरनाक स्थान पर स्थित हैं। नगर निगमों में मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी जबकि नगर पालिका परिषद वाले शहरों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनेगी। यह समिति डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कराएगी। इसे सूडा के माध्यम से नगर विकास विभाग भेजा जाएगा। शासन में अपर मुख्य सचिव नगर विकास की अध्यक्षता में समिति डीपीआर का परीक्षण करेगी। इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति डीपीआर को मंजूरी देगी। डीपीआर स्वीकृत होने के बाद टेंडर निकालकर विकासकर्ताओं का चयन किया जाएगा। सरकार मलिन बस्ती की जमीन विकासकर्ता को मुफ्त देगी। यहां मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी। यह अपार्टमेंट विकासकर्ता अपने पैसों से बनाएंगे। सरकार इन मलिन बस्तियों में रहने वाले उन लोगों को फ्लैट देगी जिनके पास कहीं दूसरा पक्का मकान नहीं है। लाभार्थियों को आधार से जोड़कर फ्लैट दिए जाएंगे। सरकार बस्ती की कुछ जमीन विकासकर्ता को व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए देगी। इसमें व्यावसायिक कांप्लेक्स बनेगा, इससे विकासकर्ता अपने खर्चे निकालेंगे। सरकार अपार्टमेंट के रख-रखाव के लिए एक 50 हजार का कार्पस फंड भी बनाएगी।

ये होंगी सुविधाएं

सामुदायिक सुविधाएं के तहत कम्युनिटी हाल, बच्चों के खेलने का स्थान, शुद्ध पेयजल, सीवेज व ड्रेनेज सिस्टम सड़क, लाइट व छोटे वाहनों के लिए पार्किंग होगी।

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