यूपी में महंगाई नियंत्रित करने में जुटी सरकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की अधिसूचना के क्रम में खाद्य तेलों और तिलहनों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने का प्रयास प्रारंभ कर दिया है। प्रदेश सरकार ने कमिश्नर तथा डीएम को सभी जगह पर स्टाक सीमा सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार की अधिसूचना के क्रम में अब प्रदेश में भी खाद्य तेल और तिलहन पर स्टाक सीमा इस साल 31 दिसंबर तक लागू रहेगी। यह निर्णय खाद्य तेलों और तिलहनों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए किया गया है। प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू की ओर से मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और संभागीय खाद्य नियंत्रकों को इस बारे में आदेश जारी कर दिया गया है। केन्द्र सरकार ने बीती एक अप्रैल को इस बारे में अधिसूचना जारी की थी। खाद्य आयुक्त की ओर से जारी आदेश के अनुसार खाद्य तेलों की स्टाक सीमा खुदरा विक्रेताओं के लिए 30 क्विंटल, थोक विक्रेताओं के लिए 500 क्विंटल, खुदरा विक्रेताओं की दुकानों की बड़ी चेन के लिए 30 क्विंटल और डिपो के लिए 1000 क्विंटल निर्धारित की गई है।

वहीं तिलहन की स्टाक सीमा खुदरा व्यापारियों के लिए 100 क्विंटल, थोक विक्रेताओं के लिए 2000 क्विंटल तय की गई है। खाद्य तेलों के प्रोसेसर अपनी भंडारण क्षमता के 90 दिनों तक का स्टाक कर सकते हैं। तिलहन के प्रोसेसर दैनिक उत्पादन क्षमता के अनुसार खाद्य तेलों के 90 दिनों के उत्पादन के लिए स्टाक रख सकते हैं। खाद्य आयुक्त ने खाद्य तेल और तिलहन पर लागू स्टाक सीमा का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए जिलाधिकारी, मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी के नेतृत्व में खाद्य एवं रसद, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग व राज्य कर विभागों की संयुक्त टीम गठित कर व्यापारियों के दाल, तिलहन व खाद्य तेलों के स्टाक की सघन चेकिंग कराने का भी निर्देश दिया गया है। यदि संबंधित इकाइयों का स्टाक तय सीमा से ज्यादा है तो उन्हें इसकी घोषणा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल पर करनी होगी।

कौशल विकास मिशन को भी देगी रफ्तार,  पांच लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य

लखनऊ। प्रदेश में कौशल विकास मिशन को अब जिलों से रफ्तार दी जाएगी। यूपी सरकार ने इसके लिए तैयारी भी कर ली है। इसके लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन का विकेंद्रीकरण किया जाएगा। योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार देने का प्लान तैयार कर उनका क्रियान्वयन जिले स्तर से होगा। इस प्लान को अगले 100 दिन में लागू करने की योजना है। मिशन ने चालू वित्तीय वर्ष में पांच लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। पिछले वित्तीय वर्ष में यह लक्ष्य 3.5 लाख का था। मिशन निदेशक आंद्रा वामसी का कहना है कि इससे अधिक से अधिक युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। वहीं स्थानीय जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण देने वाली संस्थाएं भी जिले से जुड़ सकेंगी। ऐसे में युवकों को हर काम के लिए लखनऊ स्थित राज्य कार्यालय आने की जरूरत नहीं होगी। डिस्ट्रिक्ट स्किल डेवलपमेंट प्लान के तहत जिलों की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम चलेंगे। प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं के भुगतान का सत्यापन भी जिले से होगा, पर राज्य स्तर से उसका भुगतान किया जाएगा। युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार दिलाने में फेल होने वाली संस्थाओं को मिशन से हटाया जाएगा। नए स्टार्टअप ट्रेनिंग पार्टनर जोड़े जाएंगे।

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