तुच्छ विषयों पर रिपोर्ट मांग रहे हैं राज्यपाल: सिद्धारमैया

  • बोले-पत्र लिखने पर गौर कर रही सरकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्यपाल थावरचंद गहलोत ‘तुच्छ विषयों’ पर रिपोर्ट मांगने के लिए पत्र लिख रहे हैं और राज्य सरकार इसकी जांच कर रही है। मुख्यमंत्री ने कथित आर्कावती लेआउट घोटाले पर न्यायमूर्ति एच एस केम्पन्ना आयोग की रिपोर्ट के संबंध में पूर्ववर्ती सरकार की कथित निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए भाजपा पर पलटवार किया तथा कहा कि उनकी सरकार इस संबंध में विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के बाद रिपोर्ट पर निर्णय लेगी।
राज्यपाल ने मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को पत्र लिखकर कथित अर्कावती लेआउट घोटाले में केम्पन्ना आयोग की रिपोर्ट की एक प्रति और अन्य संबंधित जानकारी मांगी है। इस कथित घोटाले में सिद्धारमैया के पिछले कार्यकाल के दौरान भूमि को गैर-अधिसूचित करने का आरोप है। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि क्या आप जानते हैं कि अब क्या हुआ है? इस पर केशवनारायण की अध्यक्षता वाली एक समिति गठित थी, इन सभी चीजों पर गौर करने की जरूरत है। इस पर गौर करने के बाद हम फैसला लेंगे।’’ सी. टी. रवि ने हाल ही में राज्यपाल को पत्र लिखकर सिद्धारमैया से न्यायमूर्ति केम्पन्ना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने को कहा था। न्यायमूर्ति केम्पन्ना आयोग का गठन 2014 में बतौर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पहले कार्यकाल के दौरान किया गया था। आयोग की रिपोर्ट 2017 में प्रस्तुत की गई थी, उस समय भी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ही थे, लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया था। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार राज्यपाल के खिलाफ राष्टï्रपति से शिकायत करने पर विचार कर रही है, मुख्यमंत्री ने कहा कि नहीं, हम जांच कर रहे हैं। राज्यपाल (छोटे मामलों पर रिपोर्ट मांगने के लिए) पत्र लिख रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने शिकायत की है।

भाजपा चार साल तक सत्ता में रही तब क्यों नहीं मांगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अर्कावती लेआउट मामले के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे नहीं पता, मैं इसे देखूंगा। भाजपा चार साल तक सत्ता में रही। उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया? वे सत्ता में थे, उन्होंने इसे (रिपोर्ट को) विधानसभा में क्यों नहीं पेश किया? अब सी. टी. रवि (भाजपा विधान पार्षद) ने (राज्यपाल को) एक पत्र लिखा है। वह (भाजपा सरकार में) मंत्री थे। उन्होंने तब ऐसा क्यों नहीं किया?’

कर्नाटक हाईकोर्ट से सीएम को बड़ा झटका

कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार (24 सितंबर 2024) को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की याचिका पर अपना फैसला सुनाया। अदालत ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी।इस याचिका में सीएम ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण साइट आवंटन मामले में उनके खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत की मंजूरी की वैधता को चुनौती दी थी। अदालत ने कहा कि राज्यपाल को व्यक्तिगत शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करने की अनुमति देने का अधिकार है। बता दें कि उच्च न्यायालय ने 12 सितंबर को मामले में अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी और अपने आदेश सुरक्षित रख लिया था। इसने बेंगलुरु की एक विशेष अदालत को आगे की कार्यवाही स्थगित करने और मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई भी जल्दबाजी में कार्रवाई न करने का निर्देश दिया था।

भाजपा ने मांगा सिद्धारमैया से सीएम पद से इस्तीफा

  • घोटाले में शामिल हैं मुख्यमंत्री और उनका परिवार : शहजाद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कथित मुडा घोटाले में अभियोजन के लिए राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती देने वाली सीएम सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद से राज्य की सियासत तेज हो गई है। भाजपा ने इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इसको लेकर कहा कि कांग्रेस पार्टी को हमें बताना चाहिए कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के बाद क्या मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का पद पर बने रहना उचित है? सिद्धारमैया को पद छोडऩा होगा। उन्होंने वह जमीन लूट ली जो एससी/एसटी समुदाय के लोगों के लिए थी। शहजाद पूनावाला ने कहा कि मुडा घोटाले में 5000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया गया।
सिद्धारमैया के परिवार और दोस्तों को फायदा हुआ। कांग्रेस पार्टी को एससी/एसटी समुदाय के लोगों की कोई परवाह नहीं है। क्या राहुल गांधी भ्रष्टाचार की दुकान पर लेंगे एक्शन? बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि हमने पहले भी स्पष्ट रूप से कहा था कि मुडा घोटाले में सीधे तौर पर सीएम शामिल थे और उनके परिवार लाभार्थी हैं। हमने भ्रष्ट मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए बेंगलुरु से मैसूरु तक पदयात्रा निकाली। उन्होंने कहा कि मामला राज्यपाल के कार्यालय तक पहुंचा और राज्यपाल ने कागजात देखने और विशेषज्ञों से परामर्श करने के बाद मुकदमा चलाने की अनुमति दी। सीएम और उनके कैबिनेट सहयोगियों ने राज्यपाल कार्यालय के खिलाफ कई आरोप लगाए। अब जब मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा तो आज हाईकोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि राज्यपाल की कार्रवाई कानून के मुताबिक थी। विजयेंद्र ने कहा कि फैसले से संकेत मिलता है कि सीएम और उनका परिवार घोटाले में शामिल है।

यूपी में रेस्तरां, ढाबा और होटल चलाने वालों को लिखना होगा अपना नाम

  • राज्य सरकार का नया आदेश प्रतिष्ठानों की होगी गहन जांच

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। देश के विभिन्न क्षेत्रों में घटीं ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी होटलों/ ढाबों/ रेस्टोरेंट आदि संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए प्रमुख दिशा-निर्देश में कहा गया है कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं, ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं, ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते।

वाह रे रेलवे! कर्मचारियों की शर्मनाक हरकत

  • गुजरात में रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी गिरफ्तार
  • प्रमोशन के लिए गढ़ी झूठी कहानी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
सूरत। तरक्की हर किसी को चाहिए, लेकिन तब क्या हो, जब तरक्की पाने की ललक इस कदर दिल-ओ-दिमाग पर हावी हो जाए कि अपनी बहादुरी की झूठी कहानी गढ़ दी जाए। ऐसा ही मामला गुजरात से भी सामने आया है। दरअसल पिछले दिनों रेल कर्मचारियों ने रेल की टूटी पटरी जोडक़र सोचा था कि अब तो उनकी खूब वाहवाही होगी। उनकी वजह से एक बड़ा हादसा जो टल गया है।
उनकी झोली में इनाम और प्रमोशन सब गिरेगा, लेकिन कुछ ऐसा हुआ नहीं। बजाय प्रमोशन और इनाम, वह जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। क्यों कि उनके कारनामे की पोल खुल चुकी है। सूरत जिले के किम के पास शनिवार को रेलवे में तोडफ़ोड़ की कथित घटना की जांच से पता चला कि यह एक मनगढ़ंत कहानी थी। जांच में सामने आया है कि तीन रेलवे कर्मचारियों ने ट्रैक के कुछ हिस्सों को पहले हटाया, ताकि यह लगे कि किसी ने ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की है. शातिर कर्मचारियों में इसका वीडियो बनाया और और तस्वीरें लीं। उन्होंने दुर्घटना को टालने के लिए तारीफें और इनाम मिलने के लालच मे फिश प्लेट खोले और वीडियो बनाने के बाद इनको जोड़ दिया।

बंगाल कांग्रेस से मजबूत रिश्ते चाहती है टीएमसी

  • माकपा स्थिति पर रख रही है नजर, शुभंकर सरकार बने नए कांग्रेस अध्यक्ष

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख के पद से अधीर रंजन चौधरी की विदाई के बाद सत्तारूढ़ टीएमसी कांग्रेस के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने की जुगत में है, क्योंकि कांग्रेस के नए अध्यक्ष शुभंकर सरकार ममता बनर्जी की पार्टी के प्रति उदार नजरिया रखने के लिए जाने जाते हैं जबकि माकपा घटनाक्रम पर करीब निगाह रख रही है। यह 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक परिदृश्य में अहम बदलाव ला सकता है।
रविवार को पदभार ग्रहण करने वाले सरकार ने पार्टी के चुनावी सहयोगियों, वाम मोर्चा और टीएमसी के साथ कांग्रेस के भविष्य के समीकरणों के बारे में सवालों को टाल दिया और इस बात पर जोर दिया कि उनका ध्यान संगठन को मजबूत करने पर है। तीनों दल राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन कांग्रेस-वाम गठबंधन पश्चिम बंगाल में टीएमसी और भाजपा दोनों का विरोध करता है। दरअसल ममता बनर्जी ने बार-बार चौधरी पर भाजपा का एजेंट होने का आरोप लगाया है। हालांकि चौधरी इस आरोप का खंडन करते हुए दावा करते हैं कि टीएमसी राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा की बी-टीम के रूप में काम करती है।

चुनावी समझौता कांग्रेस से था, किसी व्यक्ति से नहीं : सलीम

चौधरी के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के बाद माकपा कांग्रेस के साथ अपने गठबंधन के भविष्य को लेकर सतर्क है। माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने बताया, चुनावी समझौता कांग्रेस के साथ था, किसी व्यक्ति के साथ नहीं। अगला कांग्रेस अध्यक्ष कौन बना है, यह अप्रासंगिक है। चौधरी ने वामपंथियों के साथ मिलकर बंगाल में धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। हम इस बात का कयास नहीं लगा सकते कि पार्टी अब बंगाल में क्या रुख अपनाएगी। हालांकि, वाम मोर्चा के एक अन्य नेता ने चिंता व्यक्त की कि यदि कांग्रेस बंगाल में टीएमसी के करीब जाती है तो मौजूदा वाम-कांग्रेस गठबंधन खतरे में पड़ सकता है।

कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष होने से रिश्ते सुधरेंगे : सौगत रॉय

टीएमसी के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने कहा, टीएमसी और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल में अधीर चौधरी की वजह से दोनों दल करीब नहीं आ पाए। अब कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष होने से हमें उम्मीद है कि कांग्रेस के साथ रिश्ते सुधरेंगे। सरकार एक बहुत ही सभ्य और परिपक्व राजनीतिक नेता हैं।

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