भागे-भागे फिर रहे हाफिज सईद और मसूद अजहर, मौत से बचने के लिए बिल में घुसे

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से केंद्र सरकार एक्शन मोड में दिखाई दे रही है. केंद्र के एक्शन को देखते हुए आतंकवाद को पालने वाले पाकिस्तान में खलबली मची हुई है. उसे डर है कि कहीं भारत उसके ऊपर हमला न कर दे. इस बीच उसने अपने आतंक के आकाओं को छिपाने का काम भी शुरू कर दिया है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आतंक के सरगना यानी लश्कर चीफ हाफिज सईद और आतंकी मसूद अजहर को बिल में दुबका रही है.
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान को हाफिज सईद पर हमले का डर सता रहा है. आईएसआई ने हाफिज सईद को सैन्य छावनी में छिपाया है. वह एबटाबाद में आईएसआई के सेफ हाउस में दुबका हुआ है. उसे कहीं भी बाहर नहीं निकाला जा रहा है. पाकिस्तान इतने ज्यादा खौफ में है कि उसने मुरीदके में 27 अप्रैल को होने वाले हाफिज के प्रोग्राम को रद्द करवा दिया है. यही नहीं, हमले के डर से आतंकी मसूद अजहर भी अंडरग्राउंड हो गया है. मसूद अजहर को आईएसआई ने बहावलपुर में छिपाया है.
दरअसल, पीएम मोदी ने आतंक को पालने वालों और दहशत फैलाने वालों को साफ मैसेज दे दिया है कि उन्हें मिट्टी में मिलाया जाएगा, जिसके बाद से पाकिस्तान के पसीने छूटे हुए हैं. पीएम मोदी ने बिहार के मधुबनी में कहा, ‘बेरहमी से मारा. पीडि़त परिवार के साथ देश खड़ा है. कई लोगों का इलाज चल रहा है. आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने अपना साथी खोया. कोई मराठी बोलता था, कोई कन्नाडा बोलता था. देश के दुश्मनों ने भारत की आस्था पर हमला किया है. निहत्थों पर हमला किया, जिसने ये हमला किया है उन आतंकियों को और साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से बड़ी सजा मिलेगी. सजा मिलकर रहेगी. आतंकियों की जमीन को मिट्टी में मिला देंगे. 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोडक़र रहेगी.’
वहीं, पहलगाम हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है. इस संगठन को पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद के पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का सहयोगी माना जाता है. टीआरएफ 2019 में लश्कर के मुखौटे के रूप में उभरा है, जो 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के पीछे का समूह है. ऐसा कहा जा रहा है कि ये कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एक टूल है. यह संगठन ऑनलाइन नेटवर्क के जरिए युवाओं की भर्ती करने के साथ-साथ घाटी में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी में भी शामिल रहा है. ढ्ढस्ढ्ढ इस संगठन को हाफिज सईद के जरिए पाल-पोस रही है.
जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित करार दिया जा चुका है. इस दहशतगर्द ने साल 2001 में भारतीय संसद पर हमला किया था और 2008 में 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड भी है. ये आतंकी 2016 में पठानकोट हमले और 2019 में पुलवामा हमले का भी मास्टरमाइंड है. इसने अपनी दहशतगर्दी से कई निर्दोषों की जान ली है. यही वजह है कि ये भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में सबसे ऊपर है. इसे दिसंबर 1999 में भारतीय अधिकारियों की ओर से हाईजैक इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के यात्रियों को बचाने के डील के तहत रिहा किया गया था.

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