HD रेवन्ना की बढ़ी न्यायिक हिरासत, प्रज्वल रेवन्ना के बेंगलुरू आने की उम्मीद

देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। तीन चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां प्रचार-प्रसार करने में लगी हुईं हैं।

4PM न्यूज़ नेटवर्क: देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। तीन चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां प्रचार-प्रसार करने में लगी हुईं हैं। प्रचार-प्रसार के दौरान नेता और मंत्री एक-दूसरे पर तीखे हमले करते हुए नजर आ रहे हैं। जहां पुरे देश में चुनावी माहौल गरम है। वहीं दूसरी तरफ प्रज्वल रेवन्ना मामले में नए नए खुलासे सामने आ रहें हैं। इस बीच खबर सामने आ रही है कर्नाटक के कथिक सेक्स टेप मामले में मुख्य आरोपी निष्कासित जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना की आज स्वदेश वापसी हो सकती है। वहीं इस मामले में कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा है कि हमारा फोकस प्रज्वल रेवन्ना को भारत लाने पर है, ताकि उसे कानून दायरे में लाया जा सके। आपको बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना सेक्स वीडियो मामले में उनके पिता जेडीएस विधायक एचडी रेवन्ना को 5 मई को अरेस्ट किया था। अब एचडी रेवन्ना को 14 मई तक के लिए ज्यूडिशयल कस्टडी में भेज दिया गया है।

दरअसल, प्रज्वल रेवन्ना सेक्स टेप की पेन ड्राइव बांटने के मामले में कोर्ट ने चार आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है, इस मुद्दे पर एसआईटी ने साफ कह दिया है कि पीड़ितों की पहचान को उजागर नहीं होने दिया जाएगा। इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने आरोप लगाया था कि पुलिस से सेक्स स्कैंडल के वीडियो वाली पेन ड्राइव बंटवाई गई थी।

आपको बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना सेक्स टेप मामले में सबको हिला कर रख दिया है। वहीं सुर्खियों में आए बीजेपी नेता देवराज गौड़ा ने दावा किया है कि इस पेन ड्राइव बांटने के मामले में तीन मंत्री भी शामिल हैं, हालांकि मीडिया से बातचीत में गौड़ा ने इन मंत्रियों के नाम बताने से साफ़ इनकार कर दिया है। गौड़ा ने कहा कि अगर वो नाम बताएंगे तो प्रज्वल रेवन्ना की तरह देश छोड़कर भाग जाएंगे। देवराज गौड़ा ने आगे कहा कि जिस तरह से रेवन्ना ने देश छोड़ा। ऐसे ही यह मंत्री भी भाग जाएंगे।

इसके साथ ही पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने आरोप लगाया है कि हासन लोकसभा सीट से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के कथित सेक्स स्कैंडल से संबंधित 25,000 पेन ड्राइव को चुनाव से पहले बांटा गया था। इस पर डीके शिवकुमार ने पलटवार किया है और मीडिया से बातचीत में कहा कि एचडी कुमारस्वामी ही कहानी के मुख्य निर्देशक और निर्माता थे। वह ब्लैकमेलिंग के राजा हैं। उन्होंने दावा किया कि एचडी कुमारस्वामी को पेन ड्राइव के बारे में पता था। लोगों का राजनीतिक करियर खत्म करना उनका काम है।

आपको बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद अब वापसी का दबाव बढ़ गया है। ऐसे में अटकलें सामने आ रही हैं कि आज रात तक रेवन्ना की बेंगलुरू वापसी हो सकती है। ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद इंटरपोल संबंधित व्यक्ति के खिलाफ जानकारी जुटाता है और संबंधित देश की एजेंसी के साथ साझा करता है। ऐसे में कर्नाटक की सभी 28 सीटों की वोटिंग खत्म हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक कर्नाटक सरकार का ‘सेक्स स्कैंडल’ की सीबीआई जांच से इनकार कर दिया है। कर्नाटक के गृहमंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने कहा कि कुमारस्वामी ने करीब 100 सवाल किए हैं। मैं उन सभी का जवाब नहीं दूंगा। उन्होंने सीबीआई जांच कराने की मांग की है जो हम नहीं कराने जा रहे हैं।

आपको बता दें कि स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम सक्षम है। मैंने कहा है कि हम उचित जांच कराएंगे। कर्नाटक के गृहमंत्री परमेश्वर ने बताया कि महिला का अपहरण करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि महिला तीन बच्चों की मां है। पेन ड्राइव बांटने के आरोप पर गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस ने इसे प्रसारित किया और कहां किया। हम इस पहलू पर गम्भीरता से गौर करेंगे। इस मामले में एसआईटी तय करेगी कि कुमारस्वामी को उनके आरोपों को लेकर नोटिस जारी किया जाए या नहीं।

परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा कि, “पहले ही ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है. इंटरपोल सभी देशों को सूचित करेगा और उसका पता लगाएगा.” ब्लू कॉर्नर नोटिस इंटरपोल के कलर-कोडेड नोटिस का एक हिस्सा है. ऐसे नोटिस दुनिया भर के देशों को जानकारी पाने के लिए अलर्ट करते हैं और जानकारियों को साझा करने में सक्षम बनाते हैं. ऐसे नोटिस सहयोग या अलर्ट के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनुरोध करते हैं जिससे कि सदस्य देशों की पुलिस को महत्वपूर्ण अपराध-संबंधी जानकारी साझा करने की अनुमति मिल जाती है.

आपको बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव में कई नेता और मंत्री के नए-नए राज सामने आ रहे हैं जिसकी SIT टीम को कोई उम्मीद भी नहीं थी। ऐसे में लोकसभा चुनाव के बीच कर्नाटक के हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना का प्रतिनिधित्व करने वाली कानूनी टीम द्वारा यह आश्वासन दिए जाने के कुछ दिनों बाद कि वह सात दिनों के भीतर विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश होंगे जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि मतदान के दिन उनकी वापसी “राजनीतिक रूप से प्रभाव” डालेगी।

जानकारी के अनुसार सांसद प्रज्वल जिन पर यौन उत्पीड़न के दो मामलों में मामला दर्ज किया गया है। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के एक दिन बाद 27 अप्रैल को राजनयिक पासपोर्ट पर विदेश चले गए। हसन लोकसभा सीट के लिए मतदान के कुछ घंटों बाद यौन उत्पीड़न के आरोप सामने आए, जिसमें कथित तौर पर करीब 3,000 वीडियो में इनमें से कुछ घटनाएं दिखाई गईं, जिसके बाद राज्य सरकार को एक एसआईटी बनानी पड़ी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 30 अप्रैल को एसआईटी ने 24 घंटे के अंदर पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस जारी किया था. उनके वकील ने एसआईटी के सामने पेश होने के लिए सात दिन का समय मांगा था लेकिन टीम ने अनुरोध ठुकरा दिया।

वहीं इस मामले में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसी आशंका है कि चुनाव के दिन प्रज्वल रेवन्ना के भारत लौटने से लोकसभा चुनाव में हमारी संभावनाओं दोनों पर राजनीतिक प्रभाव पड़ेगा। जब यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया, तो शुरुआती आंकलन यह था कि यह हसन में एक स्थानीय मुद्दा होगा, लेकिन दो चरणों के बीच, यह घोटाला एक राज्य… यहां तक ​​कि राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। हमें नहीं पता कि प्रज्वल से कोई संपर्क हुआ है या नहीं, लेकिन ऐसी समझ है कि उसकी गिरफ्तारी से ध्यान भटक जाएगा।

ऐसे में भाजपा नेता ने कहा कि JDS का पूरे उत्तर कर्नाटक में प्रभाव नहीं है, लेकिन विजयपुरा, बल्लारी, कालाबुरागी और रायचूर जैसे संसदीय क्षेत्रों के विशिष्ट इलाकों में इसका अच्छा खासा मतदाता आधार है। JDS के पास इन क्षेत्रों में सीमित अभियान थे। सार्वजनिक रैलियों या बैठकों से अधिक, यह ज्यादातर स्थानीय नेताओं का उपयोग करके JDS कैडरों को जुटाने का एक अभियान था। कांग्रेस द्वारा इस मामले पर केंद्र सरकार पर हमला बोलना बीजेपी के लिए परेशानी का सबब रहा है। वहीं इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के एक हालिया बयान में कहा गया है कि प्रज्वल ने अपनी यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी नहीं मांगी, जो आमतौर पर ऐसी परिस्थितियों में आवश्यक होती है, क्योंकि उन्होंने अपने राजनयिक पासपोर्ट का उपयोग करके यात्रा की थी।

आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय ने इस मामले में कहा कि प्रज्वल की जर्मनी यात्रा के संबंध में मंत्रालय से कोई राजनीतिक मंजूरी नहीं मांगी गई या जारी नहीं की गई। क्योंकि राजनयिक पासपोर्ट धारकों को किसी भी देश की यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए कोई वीजा नोट भी जारी नहीं किया गया था। बताया जा रहा है कि प्रज्वल के देश छोड़ने को लेकर विवाद के बीच यह मामला सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी तस्वीरें वायरल होने पर भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बता दें कि इस बार भाजपा को लोकसभा चुनाव में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं कांग्रेस क्षेत्र में लिंगायत समर्थकों के बीच मोदी की जमकर आलोचना की जा रही है। इसके साथ ही मोदी सरकार की रणनीतियां फेल होती हुई नजर आ रही हैं। ऐसे में डर से बौखलाई भाजपा को चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा।

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