भारी सुरक्षा और बवाल के बीच जम्मू-कश्मीर में जमकर मतदान
- चुनाव को लेकर लोगों में दिखा उत्साह, मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें
- राहुल, उमर, महबूबा, शाह ने की ज्यादा से ज्यादा वोट देने की अपील
- दोपहर तक 41 प्रतिशत से अधिक वोटिंग
- पहले चरण में 24 विधानसभा सीटों के लिए हो रहा चुनाव
- 219 उम्मीदवार की किस्मत का होगा फैसला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू। जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए वोटिंग जारी है। भारी सुरक्षा व कुछ क्षेत्रों में बवाल के बीच सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हुई, जो शाम छह बजे तक चलेगी। सुबह धीमे-धीमे शुरू हुआ मतदान दोपहर आते-आते तेजी में आ गया। लोकतंत्र के इस महापर्व में सात जिलों की 24 विधानसभा सीटों के लिए मतदान केंद्रों भारी भीड़ उमड़ रही है।
219 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। सभी सियासी दलों के नेताओं ने लोगों से भारी मतदान करने की अपील की है। 1 बजे तक लगभग 41 प्रतिशत वोट डाले जा चुके थे। कश्मीर संभाग के 16 और जम्मू संभाग के 8 विधानसभा क्षेत्रों में 219 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनके भाग्य का फैसला 23.27 लाख मतदाता करेंगे। प्रदेश में 3276 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। नवीनतम मतदाता सूची के तहत 23,27,580 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं, जिनमें 11,76,462 लाख पुरुष, 11,51,058 लाख महिला और 60 थर्ड जेंडर शामिल हैं।
कांग्रेस ही अन्याय काल से बाहर लाएगी : राहुल
जम्मू-कश्मीर में जारी पहले चरण के मतदान के बीच राहुल गांधी ने इंडिया गठबंधन को वोट करने की अपील की है. राहुल गांधी ने कहा कि आप इंडिया को वोट करें, हम देश को अन्याय काल से बाहर लाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मेरे भाइयों और बहनों, आज प्रदेश में पहले चरण के मतदान हो रहे हैं। देश के इतिहास में पहली बार किसी राज्य का दर्जा छीन कर उसे केंद्र शासित बनाया गया है। ये आप सभी के संवैधानिक अधिकारों का हनन है, जम्मू-कश्मीर का अपमान है।
अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करें : एलजी
जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने लोगों से बड़ी संख्या में मतदान करने का आग्रह किया। सिन्हा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव हैं। जिनके विधानसभा क्षेत्र में आज पहले चरण के तहत मतदान हो रहा है मैं वहां के सभी मतदाताओं से अपील करता हूं कि वे बड़ी संख्या में मतदान करें और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करें। मैं खासतौर पर युवाओं, महिलाओं और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आग्रह करता हूं।
लालू-तेजस्वी को समन, पहली बार तेज प्रताप भी तलब
- कोर्ट ने कहा- संलिप्तता से इनकार नहीं कर सकते
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके दोनों बेटों तेज प्रताप और तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। तीनों को कोर्ट ने नौकरी के बदले जमीन से जुड़े घोटाले मामले में तलब किया है। घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अन्य आरोपियों को भी तलब किया गया है। कोर्ट ने सभी को सात अक्तूबर को पेश होने के लिए कहा है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छह अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है। दरअसल, दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू, तेजस्वी और अन्य आरोपियों को समन जारी किया है। कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा है। कोर्ट ने कहा कि तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। वह एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे। उन्हें भी जमन जारी किया गया है।
हेट स्पीच मामले में अखिलेश और ओवैसी को कोर्ट से राहत
- ज्ञानवापी प्रकरण में दोनों के खिलाफ याचिका निरस्त
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। ज्ञानवापी प्रकरण में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर लंबित पुनरीक्षण याचिका अपर जिला जज (नवम) विनोद कुमार की अदालत ने निरस्त कर दिया।
पुनरीक्षण याचिकाकर्ता हरिशंकर पांडेय ने अखिलेश और ओवैसी के बयान को हेट स्पीच की श्रेणी में मानते हुए एसीजेएम पंचम (एमपी-एमएलए) उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। आरोप लगाया था कि इन नेताओं ने अमर्यादित एवं गैर कानूनी बयान देकर हिंदू समाज के प्रति घृणा फैलाने का आपराधिक कृत्य किया है। अदालत ने 14 फरवरी 2023 को प्रार्थना पत्र सुनवाई योग्य (पोषणीय) न मानते हुए निरस्त कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ हरिशंकर पांडेय ने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी। हरिशंकर पांडेय ने मामले में अखिलेश, ओवैसी के साथ मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, अंजुमन इंऐजामिया के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, संयुक्त सचिव एसएम यासीन सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान ओवैसी के वकील ने बयान को हेट स्पीच मानने से इन्कार किया था।