सिसकती सासें, बेबस लोग

  • गोवा हो या गुजरात नहीं सुधर रहे हालात
  • आग हो या इंडिगो! चारो ओर त्राहिमाम पिस बेबस जनता ही रही है!
  • मंत्री का इस्तीफा नहीं होता, अफसर की नौकरी नहीं जाती
  • बीजेपी की सरकार व्यवस्था वहीं पुरानी जिम्मेदार कौन?

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। गुजरात हो या गोवा, दिल्ली हो या फिर यूपी सभी जगह बातें बड़ी-बड़ी, सुरक्षा का ढिंढोरा लेकिन नतीजा वही ढाक के वही तीन पात ही निकलता है। कभी चलती बस में जनता स्वाहा हो रही है तो कभी नाइट क्लब में, आखिर आदमी क्या करें कौन सुरक्षा की गारंटी ले। हादसे कहीं भी कभी भी घटित हो सकते हैं इसमें दो राय नहीं लेकिन हादसों के बाद सरकारों ने क्या किया, नियम कानूनों का कितना पालन हुआ यह देखने वाली बात है और इस पर सवाल उठाना लाजमी है।
अभी हाल ही में बसों के डिजाइन पर एक बड़ा खुलासा हुआ है और सड़क पर दौड़ती लग्जरी बसों के डिजाइन में कमी की बात सामने आयी है। एक बार फिर सवाल वही है कि जिम्मेदार कौन। गुजरात में कोचिंग सेंटर में आग लगी। दर्जनों बच्चे स्वाहा हो गये। लेकिन क्या हादसे के बाद नियमों के तहत कोचिंग सेंटर/स्कूल/बच्चों के ट्रेनिंग सेंटर को लेकर सरकार के रवैये में कोई बदलाव आया। लखनऊ हो या लुधियाना सभी जगह आप को नियमों के विपरीत काम हो जाएगा बस आप के पास घूस की व्यवस्था होना चाहिए।

चारोंओर बीजेपी की सरकार

गुजरात में भी बीजेपी, गोवा में भी बीजेपी तो फिर जवाबदेही भी बीजेपी की ही बननी चाहिए। आज संसद में 10 घंटे चर्चा का प्रस्ताव है? क्या आज की चर्चा में विपक्ष द्वारा सरकार पर जिन मुददों के लेकर दबाव बनाया जरा है उन मुददों पर चर्चा होगी या फिर सरकारी योजनाओं के बखान पर ही समय दिया जाएगा। क्या सदन देश को यह बताएगा कि इन दुर्घटानों का जिम्मेदार कौन है? और उसे क्या सजा दी गयी!

यूपी सड़क हादसे सरकारी लापरवाही के नतीजे

यूपी में चलने वाली लंबी दूरी की डबल डेकर लग्जरी बसों में एक हालिया खुलासे में बताया गया है कि इनके डिजाइन में ही गंभीर सुरक्षा खामियां हैं। यानी सड़क पर दौड़ती बस पहले से संभावित ताबूत की तरह डिजाइन की गई है। रात में बस जले दिन में हंगामा हो फिर भी बस निर्माता क्लीन, अनुमति देने वाला विभाग क्लीन, कंपनी क्लीन। क्लीन क्यों? क्योंकि लोगों की मौत में दोषी ढूंढने का सिस्टम पूरे देश में सेट है।

गोवा हादसा तिड़कझाम और भ्रष्टाचार का दलदल

गोवा के जिस रिसार्ट में लाग लगी और 25 लोगों की मौत हो गयी वह अवैध जमीन पर बना हुआ बताया जा रहा है। गांव के सरपंच के मुताबिक उस रिसार्ट पर काफी पहले ही बुल्डोजर चल जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब हादसे के बाद सरकार जागी है और गोवा के मुखयमंत्री प्रमोद सांवत ने कड़ी कार्रवाई की बात कही है। लेकिन घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी जिम्मेदार लोग फरार है। जो लोग भी हादसे का कारण होते है वह छुप जाते हैं और बाद में उन्हें सिस्टम बचा लेता है। पूर्व में हुए ऐसे कई बड़े हादसे जिंदा मिसाल है। क्या इन्ही दिनों घटित गुजरात का झूला हादसा आप भूल गये जिसमें एक घड़ी निर्माता कंपनी को मेंटेंस का टेंडर अलाट कर दिया गया था और हादसा घटित हुआ क्या कोई बताएगा कि उस हादसे के जिम्मेदार लोगों को कितनी सजा हुई। क्या वह जेल गये?

सवाल जनता का जवाब कौन देगा?

  •  जब नाइट क्लब में आग लगी तो दोषी कौन?
  •  जब कोचिंग सेंटर में आग लगी तो दोषी कौन?
  •  जब लग्जरी बस जल गई तो दोषी कौन?
  • जब अस्पताल में आग लगी तो दोषी कौन?
  • होटल में धुआं फैला तो दोषी कौन?

इन सवालों के या फिर इस तरह के सवालों के हमेशा जवाब एक ही मिलेंगे कि प्राथमिक जांच में लापरवाही पाई गयी है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। मुआवजा दिया जाएगा। पर आज तक एक भी जनप्रतिनिधि, मंत्री, अपर मुख्य सचिव, फायर विभाग प्रमुख कितनों को हटाया गया कितने हटाए गए? गिनकर बताइए शायद उंगलियां बच जाएंगी।

Related Articles

Back to top button