पहलगाम आतंकी हमले के बाद तुर्की के रवैये पर नाराज़ हिमाचल सरकार, सेब आयात पर रोक की मांग

मुख्यमंत्री ने कहा कि तुर्की से सस्ते दामों पर सेब का आयात हिमाचल के स्थानीय किसानों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पहलगाम आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में तुर्की के पाकिस्तान को समर्थन देने से देश में आक्रोश है। इस घटनाक्रम पर हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने भी कड़ा रूख अपनाया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर तुर्की से सेब के आयात पर रोक लगाने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तुर्की से सस्ते दामों पर सेब का आयात हिमाचल के स्थानीय किसानों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि तुर्की के राजनीतिक रवैये और पाकिस्तान के दिए जा रहे समर्थन के मद्देनजर तुर्की से आयात पर प्रतिबंध जरूरी हो गया है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी संघर्ष में तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया. इस संघर्ष का तुर्की का असली चेहरा सामने आ गया है. भारत सरकार ने तुर्की के खिलाफ कई कदम उठाए हैं. विदेश मंत्रालय ने तुर्की को संदेश देते हुए कहा कि वह पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन बंद करने के लिए कहे. इस पृष्ठभूमि में अब हिमाचल की कांग्रेस की सरकार ने तुर्की के खिलाफ खड़ी हो गई है और हिमाचल प्रदेश के सेब को तुर्की के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बनाई है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर तुर्की से सेब आयात के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया. उन्होंने राज्य के सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए सेब पर आयात शुल्क में वृद्धि की मांग की है.

सेब के आयात पर बैन लगाने की मांग
मुख्यमंत्री ने साथ ही हिमाचल प्रदेश और अन्य विशेष श्रेणी के राज्यों की उधार सीमा में कम से कम दो प्रतिशत की वृद्धि का अनुरोध भी किया. उन्होंने केंद्र सरकार को राज्य की वित्तीय चुनौतियों और राजकोषीय प्रबंधन सुधारों के बारे में भी अवगत कराया. इससे पहले हिमाचल प्रदेश के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने तुर्की से सेब आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है, जबकि वैश्विक व्यापार नियमों के कारण सीमित आयात की अनुमति है. उन्होंने कहा कि डंपिंग पर रोक और टैरिफ वृद्धि पर सक्रिय चर्चा चल रही है. हाल में शिमला में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के हिमाचल प्रदेश चैप्टर की ओर से सेब पर वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था. सेब पर आयोजित इस छठवें सम्मेलन में 600 से ज्यादा सेब उत्पादकों ने हिस्सा लिया था.

हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सेब का अहम योगदान
इसके अतिरिक्त इस सम्मेलन में कृषि विशेषज्ञ और उद्योग प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे.सम्मेलन में आधुनिक बागवानी तकनीकों, बेहतर बाजार पहुंच और तुर्की सहित अन्य देशों से आयातित सेबों पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर जोर दिया गया. किसान संगठनों ने भी ईरान और इराक से साफ्टा समझौते के तहत आयातित सेबों से घरेलू बाजार को हो रहे नुकसान की चिंता जताई और सभी आयातित सेबों पर टैरिफ बढ़ाने की अपील की. सम्मेलन का समापन केंद्र सरकार से तुर्की समेत सभी आयातित सेबों पर कड़े नियंत्रण की मांग के साथ हुआ. हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सेब की खेती की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए किसानों और उद्योग जगत ने राज्य व केंद्र सरकार से इसे संरक्षित करने का आह्वान किया है.

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