ऐसे कैसे तरक्की करेगा देश… सोनम वांगचुक के सपोर्ट में उतरी AAP

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में बुधवार को हुई हिंसा के बाद से ही कर्फ्यू लगा हुआ है. गृह मंत्रालय की तरफ से इस हिंसा का जिम्मेदार सोनम वांगचुक को ठहराया गया है. मंत्रालय ने कहा कि उनके बयानों के कारण ही प्रदर्शनकारी उग्र हुए हैं. यही कारण है कि अब सरकार ने सोनम वांगचुक के NGO का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसके साथ ही विदेशी फंडिंग मामले में जांच शुरू कर दी है. सरकार की इस कार्रवाई का अब कुछ राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं.
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोनम वांगचुक का समर्थन किया है. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि जो व्यक्ति देश के बारे में सोचता है, शिक्षा के बारे में सोचता है, नए नए आविष्कार करता है, उसको आज केंद्र सरकार का पूरा तंत्र बेहद घटिया राजनीति के तहत प्रताड़ित कर रहा है. बेहद दुख होता है – देश की बागडोर कैसे लोगों के हाथ में है. ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?
अंग्रेजों की जगह बीजेपी की गुलाम बन गए- केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि भारत ने अंग्रेजों से आजादी इसलिए नहीं ली थी कि जनता अंग्रेज़ों की जगह बीजेपी की गुलाम बन जाए. भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने लोकतंत्र के लिए बलिदान दिया था, लेकिन आज बीजेपी राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर जनता से उनके अधिकार छीन रही है. अगर आज लद्दाख की आवाज को अनसुना किया गया, तो कल यह पूरे देश की आवाज बन जाएगी.
लद्दाख की जनता आज सिर्फ अपने अधिकारों के लिए नहीं बल्कि देश के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा के लिए संघर्ष कर रही है. उनकी हिम्मत और एकजुटता साबित करती है कि जनता जब ठान ले तो सत्ता को झुका सकती है. अरविंद केजरीवाल ने इस संघर्ष को देश की आवाज़ बताते हुए कहा कि लोकतंत्र तभी ज़िंदा रहेगा जब हर भारतीय लद्दाख के साथ खड़ा होगा.
पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है. इसके साथ ही लोगों से आंदोलन को लेकर राय मांगी है. उन्होंने लिखा कि अगर सरकार सोनम वांगचुक को झूठे मुकदमों में गिरफ्तार करती है तो दिल्ली में बड़ा शांतिपूर्ण आंदोलन होना चाहिए?
गृह मंत्रालय ने वांगचुक को लेकर क्या कहा?
लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को लेकर गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि उनके बयान के कारण ही हिंसा भड़की है. सरकार ने कहा था, ‘वांगचुक ने भड़काऊ बयानों से भीड़ को उकसाया है. हालांकि गृह मंत्रालय के इन आरोपों को वांगचुक ने सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा कि मुझे बलि का बकरा बनाया जा रहा है. ऐसा करने से हालात सुधरने के बजाय बिगड़ेंगे.
हिंसा के बाद CBI ने वांगचुक के NGO हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) के खिलाफ विदेशी फंडिंग मामले में जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही सरकार ने उनके NGO की विदेशी फंडिंग का लाइसेंस रद्द कर दिया है. ऐसे में साफ है कि आने वाले दिनों में वांगचुक की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.



