सरकार ने तोड़ी गन्ना माफियाओं की कमर सहकारी चीनी मिलें लाभ में आईं तो किसानों को देंगे बोनस : योगी
अब कोई नहीं छीन सकता उनका हक, किसानों की खुशहाली हमारा लक्ष्य
नए सत्र से पहले शत प्रतिशत कर दिया जाएगा भुगतान
मुख्यमंत्री ने किसानों को वितरित किए शेयर सर्टिफिकेट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के गन्ना किसानों को अंशधारक प्रमाणपत्र ( शेयर सर्टिफिकेट) वितरित किए। यह पहली बार है जब गन्ना किसानों को अंशधारक प्रमाण पत्र वितरित किया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के गन्ना माफियाओं की कमर तोड़ दी है। साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि प्रदेश की सहकारी चीनी मिलें जब लाभ में आएंगी तो किसानों को बोनस भी दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसानों को नए सत्र के शुभारंभ से पहले गन्ना के बकाये का शत प्रतिशत भुगतान कर दिया जाएगा। सरकार किसानों के लिए बड़ा कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। अब किसानों को पराली नहीं जलानी पड़ेगी और बायोफ्यूल से जुड़ी इकाइयां उनके घर से पराली खरीद लेंगी। इससे सीएनजी बनेगा और डीजल पेट्रोल पर निर्भरता कम होगी। सरकार लगातार किसानों के साथ खड़ी है। उत्तराखंड का बजट 61000 करोड़ है लेकिन हमने 177000 करोड़ का किसानों को गन्ना भुगतान किया। सरकार अब विविधीकरण व प्राकृतिक खेती पर काम कर रही है। लोगों को सस्ता ईंधन मिले यही हमारी मंशा है। उन्होंने कहा कि किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। किसानों की खुशहाली हमारा लक्ष्य है। किसानों के लिए हर तरह की सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं। हम गन्ना किसानों के लिए नई तकनीक अपनाने की तरफ अग्रसर हो रहे हैं। किसानों का हक कोई न मार सके इसलिए ई-पर्ची व्यवस्था का प्रयोग किया जा रहा है। हम गन्ने की खेती को बेहतर करने के लिए काम कर रहे हैं। किसानों को अच्छे बीच उपलब्ध करवा रहे हैं। गौरतलब है कि कोई भी गन्ना किसान 200 रुपए की फीस जमाकर विभाग में शेयर धारक हो सकता है।
…तो कई नेताओं को लेना होगा रिटायरमेंट
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज लोकभवन में 11 किसान वक्ताओं को सुनने के बाद उनकी जमकर तारीफ की। सीएम ने कहा कि आप ऐसा बोलने लगेंगे तो मुझे लगता है देश के तमाम नेताओं को रिटायरमेंट की तरफ जाना पड़ जाएगा। उन्होंने कहा, यहां पर लगभग 11 किसान भाइयों-बहनों ने अपनी बात रखी। कोई कह नहीं सकता कि किसान हैं यानी किसान तो हैं लेकिन जिस वाकपटुता का परिचय उन्होंने दिया वो अत्यंत अभिनंदनीय है। मुझे लगता है कि आप ऐसे बोलने लग जाएंगे तो तमाम नेताओं को रिटायरमेंट की ओर जाना पड़ेगा। आप बोल रहे थे क्योंकि आप उस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। आपको इस क्षेत्र की व्यवहारिक जानकारी है। स्वाभाविक रूप से शासन-सत्ता में जो लोग बैठे होते हैं उन्हें व्यवहारिक कम सैद्धांतिक ज्यादा जानकारी होती है।
पूर्व की सरकारों पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने पूर्व की विपक्षी सरकारों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें अनिर्णय की शिकार थीं। वे एकतरफा फैसले लेती थीं। वे जो फैसले लेती थीं न तो वह चीनी मिल के पक्ष में होते थे न गन्ना किसानों के पक्ष में होते थे। उनके फैसले स्वयं उनके पक्ष में होते थे। हम लगातार किसानों के लिए काम कर रहे हैं।
जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का किया शुभारंभ
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर सीएम योगी ने आज लखनऊ में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण की दिशा में इस बेहतरीन प्रयास को जन सहभागिता व अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से आगे बढ़ाया जाए। देश और समाज के विकास में सबसे बड़ा अवरोध जनसंख्या वृद्धि है। यह समाज में व्याप्त विभिन्न प्रकार के असंतुलनों का कारक है। भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए आज विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या वृद्धि के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु संकल्पित हों।
भगोड़े विजय माल्या को चार माह की कैद अबू सलेम को काटनी होगी पूरी सजा, सुप्रीम कोर्ट का सलेम को राहत देने से इंकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भोगड़े शराबी कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज चार महीने की कैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही कोर्ट ने दो हजार का जुर्माना भी लगाया है। वहीं कोर्ट ने 1993 मुंबई विस्फोट मामले में सुनवाई करते हुए अबू सलेम को समय से पूर्व रिहाई देने से इंकार कर दिया।
शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि अगर समय पर जुर्माना राशि जमा नहीं की गई, तो माल्या को दो और महीने की कैद भुगतनी होगी। माल्या को अवमानना के लिए 2017 में दोषी ठहराया गया था। माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में रह रहे हैं। वहीं अबू सलेम मामले में कोर्ट ने कहा कि 25 साल की सजा पूरी होने के बाद अबू सलेम की रिहाई करनी होगी। सलेम पुर्तगाल में तीन साल की सजा काट चुका है। भारत में 25 साल की सजा की अवधि 10 नवंबर 2030 को समाप्त होगी।
महाराष्ट्र के 16 विधायकों की अयोग्यता पर अभी फैसला न लें स्पीकर: सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के लिए गठित की जाएगी नई बेंच
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि फिलहाल स्पीकर इस पर फैसला नहीं लें। अदालत का फैसला आने तक यह कार्यवाही रुकी रहेगी। कोर्ट मामले की तुरंत सुनवाई नहीं कर सकती है, इसके लिए बेंच गठित की जाएगी।
महाराष्ट्र विधान सभा के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत ने कहा था कि राहुल नार्वेकर को विधान सभा अध्यक्ष चुना गया है। उन्हें विधायकों की अयोग्यता का मामला देखना है। ऐसे में डिप्टी स्पीकर की तरफ से भेजे नोटिस को चुनौती देने वाली विधायकों की याचिका का निपटारा कर दें और नए स्पीकर को अयोग्यता पर फैसला करने दें। वहीं उद्धव ठाकरे गुट की ओर दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला लेने पर रोक लगा दी है।
उद्धव ठाकरे ने लिखा विधायकों को पत्र
मुंबई। महाराष्ट्र में हुई विधायकों की बगावत व सुप्रीम कोर्ट में मामले के बीच उद्धव ठाकरे ने साथ देने वाले 15 विधायकों को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के माध्यम से इन विधायकों का आभार जताया और कहा कि कठिन समय में आपके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। बीते दिनों शिवसेना के 40 विधायक बगावत करने के बाद एकनाथ शिंदे के साथ हो लिए थे
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