संसद में त्रिशुल बना दें तो क्या वो मंदिर हो जाएगा? योगी के बयान पर एसटी हसन का जवाब
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर का मामला लंबे समय से कोर्ट में लंबित है। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान से विवाद पैदा हो गया है। मुख्यमंत्री ने मुस्लिम समाज से अपील की कि वे किसी प्रस्ताव के साथ आगे आएं और अपनी ऐतिहासिक गलती स्वीकार करें, और ये कि अगर ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। इस बयान पर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने पूछा कि उसे मस्जिद नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे?
सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि मस्जिद में 350 साल से नमाज हो रही है। अब उसे मस्जिद न कहें तो क्या कहें। मुख्यमंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। अभी मामले की जांच चल रही है। अब इसके बाद ही पता चलेगा वो क्या है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में यह भी कहा है कि ज्ञानवापी परिसर में त्रिशुल क्या कर रहा है? इसपर एसटी हसन ने कहा कि अगर संसद में त्रिशुल बना दें तो क्या वो संसद नहीं, मंदिर हो जाएगा? मुस्लिम समाज ने बड़ा दिल दिखाया है, बाबरी के समय भी दिखाया था।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भी योगी आदित्यनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में लंबित है। संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री को इस मामले पर नहीं बोलना चाहिए। अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। तिवारी ने कहा कि हां हमारा आज़ादी की लड़ाई में बलिदान देने का इतिहास है, और इनका (नाम लिए बगैर उन्होंने कहा) माफी मांगने का इतिहास है। आमतौर पर कांग्रेस पार्टी वीडी सावरकर पर अंग्रेजों से माफी मांगने का आरोप लगाती रही है, जिससे सावरकर के समर्थक इनकार करते हैं।
दरअसल, साउथ एशियाज लीडिंग मल्टीमीडिया न्यूज एजेंसी एएनआई ने सीएम योगी से ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर बात की। खबर लिखे जाने तक डेढ़ मिनट का एक क्लिप जारी किया गया है। पूरा इंटरव्यू शाम 5 बजे जारी किया जाना है। न्यूज एजेंसी की प्रमुख स्मिता प्रकाश ने सीएम से पूछा कि आखिर ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मंदिर, इस समस्या का कोई समाधान है? उन्होंने जवाब दिया कि मंदिर के अंदर त्रिशुल क्या कर रहा है? ज्योतिर्लिंग है, देव प्रतिमाएं हैं। मुस्लिम समाज से ऐतिहासिक गलती पर एक प्रस्ताव आना चाहिए।