धूल-मिट्टी से हो रही है एलर्जी तो करें ये उपाय
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नवंबर की शुरुआत के साथ ही मौसम में बदलाव भी होने लगा है। हल्की ठंड के साथ एक तरफ जहां सर्दियों ने दस्तक दे दी है, तो वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। हर मौसम अपने साथ कई तरह की समस्याएं और एलर्जी लेकर आता है। खासकर सर्दियों में मौसम में अक्सर लोग धूल की वजह से होने वाली एलर्जी से परेशान रहते हैं,जो लगातार छींक और खांसी की वजह बन जाती है। ऐसे में आप कुछ आयुर्वेदिक उपायों की मदद से खुद को डस्ट एलर्जी से बचा सकते हैं।
गाय का घी
अगर आप अक्सर डस्ट एलर्जी से परेशान रहते हैं, तो गाय का घी इसमें आपकी काफी मदद करता है। रोज सुबह शुद्ध गाय के घी की दो बूंदें अपनी नाक में डालने से एलर्जी और धूल के कण के बचाव के लिए एक सुरक्षात्मक परत बन जाती है। यह धूल के कणों को खांसी, छींकने और नाक बहने जैसे लक्षणों को ट्रिगर करने से रोकता है। गाय के घी में विटामिन के, ई, डी और विटामिन द्म2 मौजूद होता है और हड्डियों के लिए विटामिन और कैल्शियम काफी अच्छा रहता है। गाय के घी के सेवन करने से ना केवल हड्डियां मजबूत होती है, बल्कि जोड़ों के दर्द से भी छुटकारा मिलता है। गाय का घी खाने में उपयोग करने से सभी प्रकार की हड्डियों की तकलीफें दूर होती है परंतु ध्यान रहे कि गाय के घी का सेवन केवल नियमित मात्रा में ही करें। गाय के घी से मिलने वाली विटामिन शरीर के लिए काफी गुणकारी होती है। गाय के घी प्रतिदिन खाने में उपयोग करने से माइग्रेन, कानों की समस्या, सर दर्द, स्मृति और एकाग्रता की कमी से आराम मिलता है। गाय के घी का इतना महत्व है, की कुश्ती करने वाले या फिर कसरत करने वाले व्यक्ति अपनी उर्जा को बढ़ाने के लिए प्रतिदिन अपने खाने में गाय के घी का सेवन करते है।
ग्रीन टी
ग्रीन टी यूं तो कई तरह से सेहत को फायदा पहुंचाती है, लेकिन आमतौर पर लोग इसे वजन घटाने के लिए इस्तेमाल करते है। हालांक, वेट लॉस के अलावा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है। खासकर धूल और गंदगी के कारण होने वाली एलर्जी से बचाव में यह काफी मददगार है।
पुदीने की चाय
डस्ट एलर्जी से राहत पाने के लिए आप पुदीने की चाय की पी सकते हैं। इसे बनाने के लिए एक कप गर्म पानी में एक चम्मच पुदीने की सूखी पत्तियां और शहद मिलाकर चाय बना लें। पुदीना के एंटी-इंफ्लेमेटरी और डिकॉन्गेस्टेंट गुणों के कारण, धूल से होने वाली एलर्जी के लक्षणों जैसे कंजेशन, छींक, खांसी और बहती नाक आदि से राहत मिलती है। समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए पेपरमिंट टी अच्छी मानी जाती है। पुदीने की चाय में मेन्थॉल पाया जाता है, जो मस्तिष्क को स्वस्थ रखने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है।
शहद
आयुर्वेद में शहद का अपना काफी महत्व है। अपने गुणों की वजह से यह कई समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। डस्ट एलर्जी से राहत पाने के लिए आप शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। रोजाना दो चम्मच शहद का सेवन एलर्जी वाले खतरनाक कारकों के खिलाफ एक ढाल की तरह काम करते हैं। इसके औषधीय गुण अनगिनत बीमारियों के इलाज में उपयोगी मानी जाती है। यही कारण है कि प्राचीन काल से ही शहद को औषधि माना गया है। आज के समय में मुख्य रुप से लोग त्वचा में निखार लाने, पाचन ठीक रखने, इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने, वजन कम करने आदि के लिए शहद का उपयोग करते हैं। शहद में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिसकी वजह से घाव भरने या चोट से जल्दी आराम दिलाने में भी कारगर है।
हल्दी वाला दूध
हल्दी अपने औषधीय गुणों की वजह से कई समस्याओं का रामबाण इलाज मानी जाती है। खासतौर पर हल्दी वाला दूध कई समस्याओं का अचूक इलाज माना जाता है। अगर आप अक्सर डस्ट एलर्जी का शिकार होते रहते हैं, तो हल्दी वाला दूध जरूर पिएं। इसके लिए एक कप दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर गर्म करें और फिर इसमें शहद मिलाकर इसे सोने से पहले पी लें। यह न सिर्फ आपकी एलर्जी दूर करेगा, बल्कि आपकी इम्युनिटी भी मजबूत करेगा। हल्दी एक प्राकृतिक डिकॉन्गेस्टेंट के रूप में कार्य करती है और हिस्टामाइन के रिलीज को कम करती है, जो एलर्जी के लिए जिम्मेदार है। वैज्ञानिक तौर पर यह साबित हो चुका है कि हल्दी के कई फायदे हैं। प्राकृतिक मसाले हमारे शरीर पर कई सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए जाने जाते हैं। दूध के साथ सेवन करने पर हल्दी कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, कैंसर आदि की संभावनाओं को कम करने से लेकर कई जादुई गुण दिखाती है।