बंगाल के डॉक्टरों की भूख हड़ताल को आईएमए का समर्थन, राज्य सरकार ने बैठक बुलाई

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन सोमवार, 14 अक्टूबर को दसवें दिन में प्रवेश कर गया और इसे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का भी समर्थन मिला, जिसने 15 अक्टूबर को 24 घंटे की देशव्यापी भूख हड़ताल की घोषणा की है। चिकित्सक उस युवा डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं, जिसके साथ 9 अगस्त को कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बलात्कार किया गया था और वह मृत पाई गई थी।
जूनियर डॉक्टर कथित आरजी कार अस्पताल बलात्कार मामले की पीडि़ता के लिए न्याय, स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल हटाने, कार्यस्थल पर सुरक्षा और अन्य उपायों की मांग कर रहे हैं। उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और शौचालय के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन शामिल है।
5 अक्टूबर से शुरू हुआ यह अनशन दो चरणों में करीब 50 दिनों तक चले काम बंद के बाद शुरू हुआ है। उनका आंदोलन 9 अगस्त को सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ऑन-ड्यूटी पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी के साथ कथित तौर पर बलात्कार और हत्या के बाद शुरू हुआ था। नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के आरोप में 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। डॉक्टर के शव के पास मिले सीसीटीवी फुटेज और ब्लूटूथ डिवाइस के आधार पर रॉय को गिरफ्तार किया गया था। रॉय को कथित तौर पर कॉलेज के सेमिनार हॉल में प्रवेश करते देखा गया था, जहां सुबह करीब 4 बजे शव मिला था।
मुख्य सचिव मनोज पंत ने डॉक्टरों के संयुक्त मंच (जेपीडी) को पत्र लिखकर 15 अक्टूबर को प्रस्तावित प्रदर्शन वापस लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन राज्य सरकार द्वारा उसी दिन आयोजित किए जाने वाले पूर्व घोषित पूजो कार्निवल के साथ मेल खा रहा है। पंत ने मांगों पर चर्चा के लिए सोमवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय स्वास्थ्य भवन में संस्था के प्रतिनिधियों को बैठक के लिए आमंत्रित किया।
एक ईमेल में पंत ने जेपीडी से जूनियर डॉक्टरों को उनके स्वास्थ्य और कल्याण के हित में भूख हड़ताल समाप्त करने की सलाह देने का भी आग्रह किया। समाचार एजेंसी पीटीआई ने ईमेल का हवाला देते हुए कहा, मैं जूनियर डॉक्टरों की विभिन्न मांगों और उनकी चल रही भूख हड़ताल के संबंध में 15 अक्टूबर को शाम 4 बजे कोलकाता के रानी रश्मोनी रोड पर होने वाले कार्यक्रम के लिए आपके संगठन के आह्वान को संबोधित करने के लिए लिख रहा हूं। यह प्रस्तावित प्रदर्शन राज्य सरकार द्वारा आयोजित पूर्व घोषित पूजा कार्निवल के साथ मेल खाता है।
पंत ने कहा, यह कार्निवल एक प्रमुख आयोजन है, जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य लोग भी यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को देखने आते हैं। इस आयोजन के साथ होने वाला कोई भी प्रदर्शन, या कुछ तत्वों द्वारा इस आयोजन के दौरान व्यवधान उत्पन्न करने के लिए प्रदर्शन का दुरुपयोग, आगंतुकों के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा और संरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा कर सकता है।

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