अररिया में तेजस्वी यादव का कटाक्ष, चिराग पासवान एक व्यक्ति विशेष के हनुमान,जल्दी शादी कर लें
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि चाहे वोटों को जोड़ना हो या फिर किसी गड़बड़ी की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की प्रक्रिया.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बिहार के अररिया में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि वह एक व्यक्ति विशेष के हनुमान हैं. हम चाहते हैं कि जनता के मुद्दे पर बात हो. इसके बाद चिराग पासवान को जल्द से जल्द शादी करने की सलाह दी. तेजस्वी यादव की इस बात पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ये बाद मुझपर भी लागू होती हैं.
बिहार के अररिया में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि वह एक व्यक्ति विशेष के हनुमान हैं. हम चाहते हैं कि जनता के मुद्दे पर बात हो. चिराग पासवान आज का मद्दा नहीं है, न जनता उनको पूछती है. आज लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. संविधान को बचाया जा रहा है. हम चिराग पासवान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, लकिन हम उनको सलाह जरूर देना चाहते हैं कि वो हमारे बड़े भाई हैं, जल्द से जल्द शादी कर लें.
तेजस्वी यादव की इस बात पर जवाब देते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ये बाद मुझपर भी लागू होती हैं. इसके बाद राहुल गांधी ने हंसते हुए कहा कि इनके पिता जी (लालू यादव) के साथ बात चल रही है. राहुल गांधी की यह बात सुनकर वहां मौजूद सभी लोग हंसने लगे.
#WATCH | Araria, Bihar: On Union Minister Chirag Paswan, RJD leader Tejashwi Yadav says, "He is Hanuman of a particular person. We are the Hanuman of the public. Chirag Paswan is not an issue today… I will definitely advise him, he is our elder brother and should get married as… pic.twitter.com/WIx3PAhojT
— ANI (@ANI) August 24, 2025
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इन दिनों बिहार में मतदाता अधिकार यात्रा कर रहे हैं. इस अभियान के दौरान उनके साथ राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव भी नजर आ रहे हैं. महागठबंधन के नेताओं ने रविवार को अररिया जिले में एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें कार्यक्रम के दौरान तेजस्वी यादव ने लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान का जिक्र किया. तेजस्वी यादव ने कहा कि अब चिराग पासवान को शादी कर लेनी चाहिए.
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि चाहे वोटों को जोड़ना हो या फिर किसी गड़बड़ी की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की प्रक्रिया. इसके अंदर कोई स्पष्टता नहीं है. ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग भाजपा के पास है. चुनाव आयुक्त को बचाने के लिए इसलिए बीजेपी वाले संसद में कानून लेकर आए. जिससे उन पर कोई जांच या कार्रवाई संभव न हो.



