चुनाव आयोग से आज मिलेंगे इंडी गठबंधन के नेता, मतदान प्रतिशत सहित अन्य मुद्दों पर करेंगे चर्चा

नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेता लोकसभा चुनाव में हर चरण के बाद पूर्ण मतदान प्रतिशत के आंकड़े तत्काल जारी करने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को चुनाव आयोग से मुलाकात करेंगे। सूत्रों ने बताया कि विपक्षी नेता भाजपा के अपने चुनावी अभियान में कथित तौर पर धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल का मुद्दा भी उठाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि इंडिया गठबंधन के नेता बृहस्पतिवार दोपहर को चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से मिलेंगे और एक ज्ञापन सौंपकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) समेत विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग को अलग-अलग पत्र लिखकर पहले दो चरणों में मतदान के आंकड़ों को जारी करने में कथित देरी पर चिंता जताई है।
इससे पहले, पहले और दूसरे चरण के मतदान प्रतिशत को लेकर भी कांग्रेस ने सवाल उठाए थे। कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडेय ने पूछा था कि चुनाव के 11 दिन बाद मत प्रतिशत 60 से बढक़र 66 फीसदी कैसे हो गया? पांडेय ने इसे देश की आबादी के साथ छलावा करार दिया है। उन्होंने कहा कि आयोग को स्पष्ट करना चाहिए कि जो मतदान प्रतिशत वोटिंग वाले दिन फाइनल हो जाता है, वह मतदान के 11 दिनों के बाद कैसे बढ़ गया। भाजपा के ‘अबकी बार चार सौ के पार’ दावे पर कहा कि दो चरणों के चुनाव के बाद तस्वीर साफ हो रही है और पिछले आठ-दिनों से भाजपा के शीर्ष नेताओं ने अपनी सभाओं में यह दावा करना भी बंद कर दिया है।
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 65.68 प्रतिशत मतदान हुआ है। एक दिन पहले तक यह 64.58 फीसदी था। चुनाव आयोग ने कहा कि अब भी फील्ड लेवल मतदान अधिकारियों के पास से आंकड़े आ रहे हैं, इसलिए अंतिम आंकड़ा बदल सकता है। देश के 11 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 93 लोकसभा सीटों पर 7 मई को मतदान हुआ था। सर्वाधिक 85.45 फीसदी वोटिंग असम में जबकि सबसे कम 57.55 फीसदी यूपी में हुई। वहीं, लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 66.14 प्रतिशत और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ।

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