अंतरिक्ष में भारत की नई उड़ान, चंद्रयान-4 वीनस ऑर्बिटर मिशन को मिली कैबिनेट की मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ISRO को Venus Orbiter Mission (VOM) की अनुमति दे दी है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने आज बुधवार (18 सितम्बर) को...
4PM न्यूज नेटवर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ISRO को Venus Orbiter Mission (VOM) की अनुमति दे दी है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने आज बुधवार (18 सितम्बर) को इसरो के लिए महत्वपूर्ण घोषणा की है। आपको बता दें कि कैबिनेट ने शुक्रयान यानी वीनस ऑर्बिटर मिशन ने हरी झंडी दे दी है। मिली जानकारी के अनुसार चंद्रयान और मंगलयान की सफलता के बाद अब टारगेट है शुक्र ग्रह की स्टडी का। दरअसल, शुक्र हमारे ग्रह से नजदीक है। इस कारणवश इसकी स्टडी से नई जानकारियां मिलेंगी।
बताया जा रहा है कि इस मिशन में मंगलयान की तरह शुक्र ग्रह पर भी एक ऑर्बिटर भेजा जाएगा। जो उसके वायुमंडल, तापमान, सतह और मौसम आदि की स्टडी करेगा।
मंगलयान की तरह शुक्र ग्रह पर भी एक भेजा जाएगा ऑर्बिटर
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कई प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों को मंजूरी दिए जाने की घोषणा की है। इसमें चंद्रयान 4, वीनस ऑर्बिटर मिशन, गगनयान फॉलो-ऑन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाना शामिल हैं। इन भावी मिशनों को सहायता प्रदान करने के लिए एक नई पीढ़ी के प्रक्षेपण वाहन को मंजूरी दी गई है, जिसे पृथ्वी की निचली कक्षा तक अधिकतम 30 टन का पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ‘चंद्रयान 4’ मिशन के जरिए चांद पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद धरती पर लौटने की तकनीक विकसित की जाएगी। इसके साथ ही चांद के नमूने भी एकत्र किए जाएंगे, ताकि धरती पर उसका विश्लेषण किया जा सके।
वहीं वीनस ऑर्बिटर मिशन के जरिए वैज्ञानिक शुक्र ग्रह के वातावरण, भूविज्ञान और उसके घने वातावरण की जांच कर उसे बेहतर ढंग से समझने और खोजबीन कर बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक डेटा तैयार करने की कोशिश करेंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि “चंद्रयान 4 मिशन का मुख्य लक्ष्य चंद्रमा पर जाने और फिर वापस आने की तकनीक का प्रदर्शन करना है। वापस आना इसका मुख्य आकर्षण है, चंद्रयान-3 द्वारा वहां उतरना पहले ही प्रदर्शित किया जा चुका है। यदि आपको 2040 के अंत में किसी व्यक्ति को अंतरिक्ष में भेजना है, जो हमारे प्रधानमंत्री का विजन है, तो हमें तकनीक में विश्वास रखने की आवश्यकता है,
महत्वपूर्ण बिंदु
- भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक समयसीमा है- प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया लक्ष्य 2035 है।
- हमारी योजना यहाँ 2028 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के पहले मॉड्यूल BAS-1 को लॉन्च करने की है।
- चंद्रयान 3 एक बड़ी सफलता थी और उसी के आधार पर अगला कदम चांद पर मानवयुक्त मिशन भेजना है। इसके लिए सभी प्रारंभिक कदमों को आज मंजूरी दे दी गई है।