भारत की No.1 एयरलाइन संकट में! फ्लाइटें रद्द होने का सिलसिला जारी

भारत की नंबर-1 एयरलाइन इंडिगो, जिसने 2006 में शुरुआत की थी और आज करीब 60% घरेलू मार्केट शेयर रखती है, पिछले एक महीने से अपने फ्लाइट शेड्यूल को लेकर भारी संकट में है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: भारत की नंबर-1 एयरलाइन इंडिगो, जिसने 2006 में शुरुआत की थी और आज करीब 60% घरेलू मार्केट शेयर रखती है, पिछले एक महीने से अपने फ्लाइट शेड्यूल को लेकर भारी संकट में है। नवंबर में 1230 फ्लाइटें रद्द हुईं और दिसंबर के पहले चार दिनों में ही 300+ उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। सिर्फ मंगलवार और बुधवार को ही 200 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं।

सबसे बड़ा संकट?

एविएशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह इंडिगो के इतिहास का सबसे बड़ा ऑपरेशनल संकट माना जा रहा है।
पिछले एक महीने में एयरलाइन को 1300 से अधिक फ्लाइटें कैंसिल करनी पड़ीं, जिससे हजारों यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई है।

इंडिगो का महासंकट आखिर है क्या?
भारत की नंबर-1 एयरलाइन इंडिगो, जो 2006 में शुरू हुई और आज 60% घरेलू मार्केट शेयर रखती है- वही इंडिगो पिछले एक महीने से अपने शेड्यूल के साथ लड़खड़ा रही है. नवंबर में 1230 फ्लाइटें रद्द और दिसंबर के पहले 4 दिनों में 300 से ज्यादा कैंसिलेशन और सिर्फ मंगलवार-बुधवार को 200 से ज्यादा फ्लाइटें रद्द. देश के बड़े एयरपोर्ट- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद – सब जगह यात्रियों की भीड़, गुस्सा, और अफरा-तफरी.

आखिर यह संकट आया क्यों? जड़ क्या है?
तो सबसे पहली वजह है पायलट और क्रू की भारी कमी. दरअसल, DGCA के नए FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियम 1 नवंबर से लागू हुए. इन नियमों ने: पायलट की ड्यूटी सीमित की, आराम का समय बढ़ाया, और नाइट ऑपरेशन कम किए. अब Indigo की रोजाना 2200 उड़ानों के लिए कानूनी तौर पर उपलब्ध क्रू ही नहीं मिल पा रहा है. यानी विमान मौजूद हैं, रनवे मौजूद है, लेकिन क्रू मेंबर्स नहीं हैं! अब इसी वजह से पूरे नेटवर्क का रोटेशन शेड्यूल ध्वस्त हो गया.

DGCA के नए FDTL नियम क्या हैं?
अब जानिए वो नियम, जिसके कारण इतना बड़ा संकट खड़ा हुआ है: DGCA के नए FDTL नियम पायलटों की थकान कम करने और उड़ान सुरक्षा बढ़ाने पर केंद्रित हैं. अनिवार्य साप्ताहिक आराम 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया है. “नाइट” (Night) की परिभाषा अब रात 12 बजे से 06:00 बजे तक है (पहले यह 12:00 से 05:00 बजे तक थी), जिससे आराम के लिए एक अतिरिक्त घंटा सुनिश्चित होता है.

नाइट ऑपरेशन में सीमाएँ: रात के संचालन के दौरान अधिकतम उड़ान समय (maximum flight time) 8 घंटे और अधिकतम ड्यूटी अवधि (maximum duty period) 10 घंटे तक सीमित कर दी गई है. नाइट ऑपरेशन के दौरान पायलटों के लिए लैंडिंग की संख्या 6 से घटाकर 2 कर दी गई है. हर 24 घंटे में कम से कम 10 घंटे का अनिवार्य आराम सुनिश्चित किया गया है. ये नियम सुरक्षा के लिहाज़ से काफी अच्छे हैं, लेकिन इंडिगो जैसे ऑपरेटर, जिनके पास सबसे ज़्यादा नाइट यानी रात की उड़ानें हैं – उनके लिए ये एक बड़ा झटका बन गए हैं.

इंडिगो की “Strategic Mistake” क्या थी?
यह बात सच है कि Indigo को इन नियमों के लागू होने के बारे में पहले से पता था (ये नियम जनवरी 2024 में अधिसूचित किए गए थे और इन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाना था). फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स
(ALPA) जैसे पायलट संघों ने आरोप लगाया कि Indigo नियमों का पालन करने के लिए समय पर अपने रोस्टर
(roster) को अपडेट और प्लान नहीं कर सकी. इसे “strategic mistake” कहा जा रहा है… क्योंकि Indigo ने
अधिकतम फ्लाइट्स को न्यूनतम क्रू के साथ चलाने का मॉडल बनाया था. नियम बदले और पूरा सिस्टम टूट गया
और बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. अन्य एयरलाइंस, जैसे Air India और Akasa Air, ने तुलनात्मक रूप से
बेहतर तरीके से बदलावों को समायोजित किया.

एयरपोर्ट टेक्निकल फेलियर ने स्थिति और बिगाड़ी
मंगलवार को दिल्ली, पुणे और कई बड़े एयरपोर्ट्स पर: Check-in software फेल हो गया… Departure control systemफेल हो गया.. इससे DOMINO EFFECT हुआ – यानि एक उड़ान लेट हुई → अगली लेट → फिर पूरी कड़ी टूट गई और पूरा नेटवर्क बिखर गया.

मौसम और विंटर ट्रैफिक का दबाव
सर्दियों के कारण: कोहरा, Visibility issues, Peak passenger load… इन सबने इंडिगो पर भारी दबाव डाल दिया।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि एक दिन में Indigo की OTP (On-Time Performance) 35% तक गिर गई – यानी
1400 से ज़्यादा उड़ानें लेट हो गईं .

दूसरी एयरलाइंस इतना प्रभावित क्यों नहीं?
इसका जवाब दो कारणों में छिपा है: 1. Indigo का भारत के बाजार पर बहुत बड़ा दबदबा, 60% मार्केट शेयर – यानी ज़रा-सी गड़बड़ी और बड़ा संकट। 2. Indigo का lean crew model यानि कम क्रू के साथ ज़्यादा उड़ानें. नियम बदले और यह मॉडल ही टूट गया। Air India, Vistara, Akasa जैसी एयरलाइंस रात में कम उड़ानें चलाती हैं, इसलिए उन पर असर कम हुआ.

Indigo की आधिकारिक प्रतिक्रिया
Indigo ने बयान जारी किया: Technical glitches, winter schedule changes, bad weather, airport
congestion और नए crew roster rules — इन सभी का संयुक्त असर पड़ा है। हम अपने ग्राहकों से माफी चाहते
हैं. कंपनी कहती है कि: Crew re-deployment चल रहा है, Night schedule कम किया जा रहा है, Roster
stabilization जारी है, और 48 घंटे में स्थिति सुधर जाएगी.

यात्रियों पर इसका सीधा असर
अगर आप Indigo में उड़ान भरने वाले हैं तो उड़ान का स्टेटस बार-बार चेक करें, Backup travel window रखें,
Night flights avoid करें (115 December), Tight connections न बुक करें.

भारत में Roaster / FDTL Norms क्या हैं?
FDTL Norms की बात करें तो यह नियम तय करते हैं: पायलट कितने घंटे उड़ान भर सकता है, कितने घंटे आराम
ज़रूरी है, रात में कितनी उड़ानें कर सकता है, एक सप्ताह या महीने में अधिकतम एयर टाइम कितना होगा, थकान
की निगरानी (Fatigue monitoring) कैसे होगी? ये नियम दुनिया के सबसे सख़्त नियमों में गिने जाते हैं – और
विमान सुरक्षा इनका मुख्य उद्देश्य है. तो ये थी IndiGo के सबसे बड़े संकट की पूरी कहानी – उसकी वजहें,,, DGCA
के नए नियम, और आगे की स्थिति क्या होगी. उम्मीद है कि एयरलाइन जल्दी इससे उबर जाएगी और यात्रियों को राहत मिलेगी.

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