वीजा नियमों की जांच तेज, गलत प्रोफेशन में पकड़े गए तो भरना पड़ेगा जुर्माना!

यूएई यानी संयुक्त अरब अमीरात एक ऐसा देश है जहां दुनिया भर से लाखों लोग काम करने, पढ़ने या घूमने आते हैं।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: यूएई यानी संयुक्त अरब अमीरात एक ऐसा देश है जहां दुनिया भर से लाखों लोग काम करने, पढ़ने या घूमने आते हैं।

यहां की चमचमाती इमारतें, शानदार जीवनशैली और अच्छी कमाई की वजह से खासकर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और फिलीपींस जैसे देशों से बहुत सारे प्रवासी मजदूर आते हैं। लेकिन अब यूएई सरकार ने एक नया अभियान शुरू किया है जो प्रवासियों के वीजा को सख्ती से चेक करेगा।

अगर कोई व्यक्ति गलत नौकरी कर रहा मिला, जैसे कि टूरिस्ट वीजा पर काम करना या गलत कंपनी में जॉब करना, तो उसे सीधे 2.5 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। यह जुर्माना लगभग 10 हजार दिरहम का है, जो भारतीय रुपये में करीब 2.25 लाख के आसपास बनता है। यह अभियान इसी महीने में शुरू हुआ है और इसका मकसद है कि सभी लोग नियमों का पालन करें। आइए, इस बारे में विस्तार से समझते हैं। यह अभियान क्यों जरूरी है, कैसे काम करेगा, जुर्माने की डिटेल्स क्या हैं और आप कैसे बच सकते हैं।

सबसे पहले तो समझिए कि यूएई में वीजा सिस्टम कैसे काम करता है। यूएई में हर विदेशी व्यक्ति को वीजा लेना पड़ता है। वीजा एक तरह का परमिट है जो बताता है कि आप यहां क्यों आए हैं – टूरिस्ट वीजा घूमने के लिए, जॉब वीजा काम करने के लिए, स्टूडेंट वीजा पढ़ाई के लिए। हर वीजा की अपनी शर्तें होती हैं। मिसाल के तौर पर, अगर आपका वीजा टूरिस्ट का है, तो आप सिर्फ 30 या 90 दिनों तक रह सकते हैं और काम नहीं कर सकते। लेकिन कई लोग इन नियमों को तोड़ते हैं। वे टूरिस्ट वीजा पर आकर होटल, दुकान या कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने लगते हैं। इससे सरकार को नुकसान होता है क्योंकि टैक्स कम मिलता है, सुरक्षा का खतरा बढ़ता है और लोकल जॉब्स पर असर पड़ता है।

इसी समस्या को हल करने के लिए यह चेकिंग अभियान शुरू किया गया है। फेडरल अथॉरिटी फॉर आइडेंटिटी, सिटिजनशिप, कस्टम्स एंड पोर्ट सिक्योरिटी और मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्सेज एंड एमिरेटाइजेशन यानी MoHRE मिलकर यह काम कर रहे हैं। अभियान की शुरुआत जनवरी 2025 से ही हो चुकी थी, जब वीजा एमनेस्टी प्रोग्राम खत्म हुआ, लेकिन दिसंबर 2025 में नई सख्ती आई है। नए कानून के तहत वीजा मिसयूज करने वालों पर 1 लाख से 50 लाख दिरहम तक जुर्माना लग सकता है, और जेल भी हो सकती है।

अब सवाल यह बनता है कि आखिर यह अभियान कैसे चल रहा है? सरल शब्दों में कहें तो यह एक तरह का छापा मार अभियान है। पुलिस और इमिग्रेशन ऑफिसर रैंडम तरीके से जगहों पर जाते हैं – जैसे मार्केट, फैक्ट्री, होटल, रेस्टोरेंट या कंस्ट्रक्शन साइट्स। वे लोगों के वीजा, Emirates ID और वर्क परमिट चेक करते हैं। अगर कोई व्यक्ति का वीजा उसके काम से मैच नहीं करता, तो तुरंत कार्रवाई होती है। मिसाल के लिए, अगर आपका वीजा सेल्समैन का है लेकिन आप ड्राइवर का काम कर रहे हैं, तो यह गलत है। या अगर आप टूरिस्ट वीजा पर हैं और रेस्तरां में वेटर बने हुए हैं, तो यह वीजा मिसयूज है। अभियान में अब तक हजारों लोगों को पकड़ा गया है।

जनवरी 2025 में ही 6,000 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं। जुलाई 2025 तक 32,000 वीजा वायलेटर्स पकड़े गए। ये चेकिंग कैंपेन “टुवर्ड्स ए सेफर सोसाइटी” के नाम से चल रही हैं। ऑफिशियल्स कहते हैं कि यह अभियान पूरे देश में फैला हुआ है, खासकर दुबई, अबू धाबी और शारजाह जैसे बड़े शहरों में। अगर आपका वीजा एक्सपायर हो गया है, तो ओवरस्टे पर रोज 50 दिरहम का फाइन लगता है। लेकिन गलत जॉब का मामला अलग है – यहां 10 हजार दिरहम का सीधा फाइन है, जो भारतीय रुपये में 2.25 लाख के करीब है।

अब बात करते हैं जुर्माने की। यूएई के नए फेडरल लॉ नंबर 29 ऑफ 2021 के तहत वीजा वायलेशन पर सख्त सजा है। गलत नौकरी करने पर व्यक्ति को 10,000 दिरहम का फाइन लगता है। यह फाइन एम्प्लॉयर यानी नियोक्ता पर भी लग सकता है, अगर वे जानबूझकर गलत वीजा वाले को हायर करते हैं। एम्प्लॉयर का फाइन 50 हजार दिरहम तक हो सकता है, और अगर दोबारा ऐसा किया तो दोगुना। सबसे सख्त सजा उन पर है जो फर्जी दस्तावेज बनाते हैं या ट्रैफिकिंग करते हैं – 1 लाख से 50 लाख दिरहम फाइन और 2 महीने से 10 साल जेल। ओवरस्टे फाइन अलग है: पहला दिन 200 दिरहम, उसके बाद रोज 50 दिरहम, प्लस एग्जिट फीस 100 दिरहम।

लेकिन गलत जॉब का केस ज्यादा गंभीर है क्योंकि यह लेबर मार्केट को नुकसान पहुंचाता है। एमिरेटाइजेशन प्रोग्राम के तहत लोकल लोगों को जॉब्स देने का टारगेट है, और गलत वीजा वाले विदेशी इससे बाधा डालते हैं। अगर आप पकड़े गए, तो फाइन के अलावा डिपोर्टेशन हो सकता है, यानी देश छोड़ना पड़ेगा, और कभी वापस आने पर बैन लग सकता है। कई केस में लाइफटाइम बैन भी लग गया है।

अब आपके मन में आ रहा होगा कि यह अभियान प्रवासियों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? यूएई में 90% से ज्यादा पॉपुलेशन प्रवासी हैं। वे यहां आते हैं बेहतर जिंदगी के लिए, लेकिन नियम तोड़ने से सब बर्बाद हो जाता है। मिसाल के तौर पर, एक भारतीय मजदूर टूरिस्ट वीजा पर आया, लेकिन पैसे की तंगी से दुकान पर काम करने लगा। चेकिंग में पकड़ा गया, 2.25 लाख का फाइन लगा, जो उसके कई महीनों की कमाई था। नतीजा: परिवार पर बोझ, डिपोर्टेशन और कर्ज। ऐसे हजारों केस हैं। यह अभियान सुरक्षा के लिए भी है।

गलत वीजा वाले लोग ट्रैकिंग से बाहर हो जाते हैं, जो टेरर या क्राइम का रिस्क बढ़ाता है। सरकार कहती है कि यह नियम सबके भले के लिए हैं। एमनेस्टी प्रोग्राम में लोगों को चांस मिला था स्टेटस ठीक करने का, लेकिन अब सख्ती है। 2024 के अंत में एमनेस्टी खत्म हुई, और 2025 से चेकिंग तेज हो गई। दिसंबर 2025 में नया लॉ आया, जो और सख्त है।

सवाल यह बनता है कि क्या यह अभियान नया है? नहीं, लेकिन अब ज्यादा सख्त हो गया है। पहले भी चेकिंग होती थी, लेकिन 2025 में ICP ने 270 से ज्यादा कैंपेन चलाए। फरवरी 2025 में ही 252 इंस्पेक्शन हुए, जिसमें लगभग 5 हजार जगहें चेक हुईं। जून 2025 तक 32 हजार वायलेटर्स पकड़े गए। ज्यादातर डिपोर्ट हो गए। अब दिसंबर में फोकस गलत जॉब पर है। लैंडलॉर्ड्स जो ओवरस्टेयर्स को शेल्टर देते हैं, उन्हें भी 50 लाख तक फाइन।

एम्प्लॉयर्स को चेतावनी दी गई है कि गलत हायरिंग पर बिजनेस बंद हो सकता है। यह अभियान टेक्नोलॉजी से चल रहा है – स्मार्ट ऐप्स से वीजा ट्रैकिंग, AI से डिटेक्शन। लोग घर बैठे चेक कर सकते हैं। अब देखिए कि यह प्रवासियों को कैसे प्रभावित कर रहा है। खासकर साउथ एशियन वर्कर्स पर असर पड़ा है।

कई भारतीय, नेपाली और बांग्लादेशी मजदूर लो-स्किल्ड जॉब्स में हैं, जैसे क्लीनिंग, ड्राइविंग या कंस्ट्रक्शन। वे अक्सर एजेंट्स के चक्कर में गलत वीजा ले लेते हैं। अभियान से जॉब मार्केट क्लीन हो रहा है, लेकिन शॉर्ट टर्म में परेशानी है। कई लोग जॉब छोड़ने को मजबूर हो गए। लेकिन लॉन्ग टर्म में फायदा है – सही वीजा वाले को बेहतर सैलरी और सिक्योरिटी मिलेगी। सरकार ने हेल्पलाइन भी शुरू की है। MoHRE की हॉटलाइन पर कॉल करके सलाह ले सकते हैं। कई एनजीओ जैसे इंडियन वर्कर्स रिसोर्स सेंटर मदद कर रहे हैं।

कानूनी पहलू समझिए। यूएई का एंट्री एंड रेसिडेंसी लॉ साफ कहता है कि वीजा का मिसयूज क्राइम है। आर्टिकल 20 के तहत गलत एम्प्लॉयमेंट पर फाइन। नए अमेंडमेंट में जेल जोड़ी गई। कोर्ट में अपील कर सकते हैं, लेकिन प्रूफ चाहिए। फाइन पेमेंट ऑनलाइन ICP ऐप से। अगर न पेमेंट, तो एयरपोर्ट पर रोक लग जाता है। कई केस में ब्लैकलिस्टिंग हो जाती है, यानी 5 साल या लाइफटाइम एंट्री बैन।

एम्प्लॉयर्स के लिए भी रूल्स सख्त – वे वीजा स्पॉन्सर होते हैं, तो जिम्मेदारी उनकी। अगर वे गलत हायर करते हैं, तो लाइसेंस सस्पेंड हो सकता है। कैसे बचें इस फाइन से? सबसे आसान तरीका है नियम फॉलो करना। वीजा लेते समय अच्छे एजेंट से लें, शर्तें पढ़ें। आते ही Emirates ID बनवाएं। जॉब चेंज करने पर नया वीजा अप्लाई करें। रेगुलर चेक करें स्टेटस – ICP वेबसाइट पर पासपोर्ट नंबर डालकर देखें।

अगर ओवरस्टे हो गया, तो तुरंत एक्सटेंड करें। टूरिस्ट वीजा पर कभी काम न करें। अगर फाइन लग गया, तो Amer सेंटर जाकर पे करें। अपील के लिए 14 दिन का टाइम है। इस अभियान के फायदे क्या हैं? सबसे पहले सेफ्टी बढ़ेगी और लेबर मार्केट फेयर बनेगा। साथ ही एमिरेटी नागरिकों को जॉब्स मिलेंगी। 2025 में टारगेट 8% एमिरेटी हायरिंग है, फेल होने पर कंपनियों पर 1.08 लाख दिरहम फाइन। प्रवासियों के लिए क्लीन एनवायरनमेंट मिलेगा, जहां एक्सप्लॉइटेशन कम हो। तो ऐसे में यह अभियान यूएई को और मजबूत बनाएगा। प्रवासियों से अपील है: नियम मानें, सेफ रहें।

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